Aaj Samaj (आज समाज), New National Education Policy, नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के प्रावधानों को लागू करते हुए देश भर के स्कूलों में शिक्षा व परीक्षा को लेकर आज महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। शिक्षा मंत्रालय ने स्कूली शिक्षा के लिए नया पाठ्यक्रम ढांचा लॉन्च किया, जिसके तहत 2024 से 10वीं और 12वीं के लिए बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन वर्ष में दो बार किया जाएगा। मंत्रालय ने बताया कि एजुकेशन सिस्टम में किए जाने वाले बदलावों की घोषणा के मुताबिक अगले शैक्षणिक सत्र के लिए किताबें विकसित किए जाने की जानकारी दी गई है।
11वीं व 12वीं के स्टूडेंट्स को पढ़नी होंगी दो भाषाएं
मंत्रालय ने इसके अलावा बड़ी बात यह भी कही है कि 11वीं व 12वीं के स्टूडेंट्स को दो भाषाएं पढ़नी होंगी और उनमें से कम से कम एक भारतीय होनी चाहिए। मंत्रालय द्वारा अपडेट किए गए करिकुलम फ्रेमवर्क के अनुसार, छात्रों को कक्षा 11 और 12 में विषयों की पसंद चुनने में स्ट्रीम का रिस्ट्रिक्शन नहीं रहेगा। कला, विज्ञान और कॉमर्स का छात्र किसी भी सब्जेक्ट को पढ़ सकेगा और ये बदलाव छात्रों को पढ़ने में नए-नए मौके देंगे। साथ ही, छात्रों को छूट दी जाएगी कि वे दोनों ही सत्रों की परीक्षाओं में से बेस्ट मार्क्स को फाइनल मान सकते हैं।
स्ट्रीम चुनने की बाध्यता को भी हटाया गया
शिक्षा को लेकर किए गए बड़े बदलावों के अंतर्गत 11वीं और 12वीं के छात्रों की अब स्ट्रीम चुनने की बाध्यता को भी हटा दिया गया है। ऐसे में छात्र-छात्राओं को इन कक्षाओं में अपने पंसद के विषय चुनने की छूट होगी। फिलहाल सभी बोर्डों के करिकुलम के अनुसार स्टूडेंट्स को साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स और वोकेशनल आदि में से किसी एक का चुनाव करना होता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक शिक्षा मंत्रालय के नए एग्जाम पैटर्न के तहत बोर्ड परीक्षाएं स्टूडेंट्स की विषयों को लेकर समझ और उनकी प्रतिस्पर्धात्मक उपलब्धियों का मूल्यांकन करेंगी। मंत्रालय ने माना है कि फिलहाल बोर्ड परीक्षाएं महीनों तक किए गए कोचिंग से हुई तैयारियों व छात्रों की याद करने की क्षमता को ही परख पाती हैं।
नया करिकुलम फ्रेंमवर्क तैयार
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार नया करिकुलम फ्रेंमवर्क तैयार कर लिया गया है और 2024 के सत्र के लिए इसके मुताबिक किताबें तैयार की जाएंगी। ऐसे में बोर्ड परीक्षाओं को लेकर की गई घोषणाएं वर्ष 2024-25 से लागू होंगी। बता दें कि अभी तक केंद्रीय बोर्ड हो या राज्यों के बोर्ड सभी की परीक्षाएं वर्ष में एक बार ही आयोजित की जाती हैं। हालांकि, स्कूलों द्वारा इंटर्नल एसेंसमेंट और अर्ध-वार्षिक परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं।
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