नई दिल्ली : वाहन कबाड़ नीति शुरू, हटेंगे पुराने व्हीकल 

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pm modi
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प्रदूषण वाले वाहनों को हटाने में मिलेगी मदद 
आज समाज डिजिटल
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वाहन कबाड़ नीति की लॉन्चिंग कर दी। उन्होंने ट्वीट कर लॉन्चिंग की जानकारी देते हुए कहा कि यह पॉलिसी भारत के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। पीएम ने गुजरात में होने वाले इन्वेस्टर समिट में कहा कि इस पॉलिसी के आने से युवाओं को नौकरी मिलेगी और स्टार्टअप्स को बिजनेस करने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा, मैं अपने युवाओं और स्टार्ट-अप से इस कार्यक्रम में शामिल होने का अनुरोध करता हूं। मोदी ने कहा कि व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने में मदद करेगी। वाहनों को स्क्रैप करने से पर्यावरण के अनुकूल तरीके से अनुपयुक्त और प्रदूषणकारी वाहनों को हटाया जा सकेगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा था कि पीएम मोदी गुजरात के गांधीनगर में ‘इन्वेस्टर्स समिट फॉर व्हीकल स्क्रैपिंग इंफ्रास्ट्रचर’ के दौरान नेशनल आॅटोमोबाइल स्क्रैपेज पॉलिसी लॉन्च करेंगे।
नीति के तहत स्क्रैप किए जाएंगे 15 और 20 साल पुराने वाहन 
नई स्क्रैप पॉलिसी के मुताबिक 15 और 20 साल पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप (कबाड़) कर दिया जाएगा। कमर्शियल गाड़ी जहां 15 साल बाद कबाड़ घोषित हो सकेगी, वहीं निजी गाड़ी के लिए यह समय 20 साल है। अगर सीधे शब्दों में कहें तो आपकी 20 साल पुरानी निजी कार को रदी माल की तरह कबाड़ी में बेच दिया जाएगा। वाहन मालिकों को तय समय बाद आॅटोमेटेड फिटनेस सेंटर ले जाना होगा। सरकार का दावा है कि स्क्रैपिंग पॉलिसी से वाहन मालिकों का न केवल आर्थिक नुकसान कम होगा, बल्कि उनके जीवन की सुरक्षा हो सकेगी। सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी होगी।
पुराने वाहन चलाने पर होता है लाखों का नुकसान 
1988 बैच के आंध्र प्रदेश काडर के वरिष्ठ आईएएएस अफसर और सेक्रेटरी गिरिधर अरमाने ने कहा, एक आंकड़े के मुताबिक, पुरानी कार चलाने पर एक व्यक्ति को हर साल 30 से 40 हजार तो एक ट्रक मालिक को सालाना, दो से तीन लाख रुपए का नुकसान होता है। स्क्रैपिंग पॉलिसी से यह आर्थिक नुकसान कम होगा। देश में फिलहाल 50-60 लाख पुराने वाहन रजिस्टर्ड हैं। कुछ पहले ही कबाड़ हो चुके हैं। स्क्रैपिंग पॉलिसी से अलगे चार साल में सिर्फ  15 से 20 लाख नए वाहनों की ही सेल होगी। इसे मैं आॅटो इंडस्ट्री को बड़े लाभ के तौर पर नहीं देखता।
खतरनाक हैं पुरान वाहन 
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव ने नई स्क्रैपिंग पॉलिसी लाने के पीछे दूसरे प्रमुख कारण के तौर पर सुरक्षा का हवाला देते कहा कि 15 से 20 साल पुराने वाहनों में सीट बेल्ट और एयरबैग आदि नहीं होते। जिससे ऐसे वाहनों में सफर जानलेवा होता है। नए वाहनों में कहीं ज्यादा सुरक्षा मानकों का पालन होता है। नए वाहनों से होने वाले एक्सीडेंट में हेड इंजरीज की दर भी कम है। इस प्रकार 15 से 20 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप्ड कर नए वाहन लेने के लिए लोगों को प्रेरित करने का मकसद है, पुराने वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने के लिए हम राज्यों को प्रेरित कर रहे हैं।