आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली:
नई दिल्ली। मानसून सत्र के दौरान संसद में लगातार हंगामे के बाद सत्तापक्ष और विपक्षी की लड़ाई गुरुवार को सड़क तक पहुंच गई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई में करीब 15 विपक्षी दलों के नेताओं ने यहां विजय चौक पर प्रदर्शन किया और मोदी सरकार पर निशाना साधा, वहीं मोदी सरकार के मंत्रियों ने विपक्ष को करारा जवाब दिया। राहुल ने कहा कि विपक्षी दल किसानों की समस्याओं, पेगासस जासूसी कांड सहित कई मुद्दों पर चर्चा करवाना चाहते थे लेकिन सरकार ने उसे नहीं होने दिया। राज्यसभा में सांसदों की पिटाई की गई और विपक्षी सांसदों के साथ धक्का-मुक्की की गई। केंद्र सरकार के सात मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्ष को करारा जवाब दिया। राज्यसभा के नेता सदन पीयूष गोयल ने कहा, हम बेहद दुख के साथ यहां आए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ सांसदों ने मंत्री के हाथों से जब पर्चे छीन लिए और उन्हें सस्पेंड किया गया तो हमारा कहना था कि आप माफी मांग लो। इस पर भी उन्होंने माफी से इनकार कर दिया। पीयूष गोयल ने कहा, विपक्ष के सांसदों ने बेंचों पर खड़े होकर हंगामा किया। यही नहीं एक सांसद ने तो रूल बुक ही चेयर पर फेंक दी थी। यदि उस समय कोई चेयर पर होता तो कुछ भी हो सकता था। यह एक तरह का कातिलाना हमला था। संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि मानसून सत्र के पहले दिन से ही विपक्ष का बर्ताव सही नहीं था। वे संसद को चलने नहीं देना चाहते थे और इस बात का पूरा खुलासा टीएमसी और कांग्रेस के सांसदों ने कर दिया। राज्यसभा में मंगलवार और बुधवार को जमकर हिंसा हुई थी और सांसद आपस में झड़प करते दिखे। इस संबंध में एक वीडियो भी राज्यसभा की ओर से जारी किया गया है। हंगामे को लेकर बुधवार को बीजेपी नेताओं की मुलाकात के बाद गुरुवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार और शिवसेना के नेता संजय राउत ने राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू से मुलाकात की। उनके अलावा कई और विपक्षी नेताओं ने उपराष्ट्रपति से मुलाकात की है।
माफी मांगें राहुल गांधी : प्रहलाद जोशी
संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि विपक्ष के सांसदों ने शीशा तोड़ने की भी कोशिश की। इससे पता चलता है कि आखिर उनकी सोच क्या है। हम चेयरमैन से उपद्रव करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग करते हैं। जोशी ने कहा, हम विपक्ष की बात को सुनने के लिए तैयार रहे हैं और सोमवार तक सदन चलाने को भी तत्पर थे, लेकिन उनके बर्ताव के चलते ऐसा नहीं हो सका। इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी से भी माफी की मांग की।
संसद में जनता की आवाज को कुचला गया : राहुल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि संसद का सत्र समाप्त हो गया है और इस दौरान देश की 60 फीसदी आवाज को कुचला गया, अपमानित किया गया, राज्यसभा में सांसदों को पीटा गया। विपक्ष को संसद में बोलने की अनुमति नहीं दी गई। यह लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने चेयरमैन पर पक्षपात करने का आरोप लगाया और कहा कि चेयरमैन की जिम्मेदारी हाउस को चलाने की है तो फिर चेयरमैने और स्पीकर ने सदन को क्यों नहीं चलाया, विपक्ष की बात सदन में क्यों नहीं रख सकते। मीडिया से बातचीत के दौरान वह मीडियाकर्मी पर भड़के दिखे।
विपक्ष को नहीं करदाताओं के पैसे की चिंता : अनुराग ठाकुर
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि आम लोग संसद में अपने मुद्दों को उठाए जाने का इंतजार ही करते रहे। पूरे मानसून सत्र के दौरान संसद में अराजकता का ही माहौल रहा। उन्होंने कहा विपक्षी दलों को आम लोगों और करदाताओं के पैसे की कोई चिंता नहीं है। जो कुछ भी हुआ, वह निंदनीय है। उन्हें मगरमच्छ के आंसू बहाने की बजाय देश से माफी मांगनी चाहिए।
जनता की हित की बात करना चाहते थे दल : शिवसेना
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि संसद सत्र के दौरान विपक्षी दल के नेता जनता की हित की बात कहना चाहते थे। यह संसद सत्र नहीं था, बल्कि इस दौरान सरकार ने लोकतंत्र की हत्या की है। उन्होंने कहा कि मार्शल की पोशाक में बुधवार को कुछ निजी लोगों ने राज्यसभा में महिला सांसदों पर हमले किए। राउत ने कहा, उन्होंने दो दशक के अपने संसदीय जीवन में मानसून सत्र की ऐसी घटनाओं को नहीं देखा था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि यह मानसून सत्र शर्मनाक सत्र था। अपने संसदीय जीवन में ऐसी शर्मनाक घटनाएं नहीं देखी थी। समाजवादी पार्टी के एक सांसद ने कहा कि भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या कर दी है। उनकी पार्टी विपक्ष के साथ है। यह देश 135 करोड़ लोगों का है।