New Delhi : एसएलसीएम ग्रुप ने किसानधन का सीईओ नियुक्त कर अपनी लीडरशिप टीम को मजबूत किया 

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SLCM Group strengthens its leadership team by appointing KisanDhan CEO
(New Delhi)  नई दिल्ली। किसानधन एग्री फाइनेंशियल सर्विसेज, किसानों के लिए एक मल्‍टी-एसेट एनबीएफसी और सोहन लाल कमोडिटी मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड एसएलसीएम की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडिएरी, ने गुरिंदर सिंह सहम्बे को अपना नया सीईओ नियुक्त किया है। लगभग 30 सालों के अपने कॅरियर और 50 सबसे प्रभावशाली रूरल मार्केटिंग लीडर में से एक के रूप में सम्‍मानित, गुरिंदर सिंह सहम्बे एक दूरदर्शी नेतृत्व के मार्गदर्शक के रूप में सामने आए हैं। उनके पास एनबीएफसी तथा इससे जुड़े क्षेत्रों में सांस्कृतिक तथा आर्थिक मामलों में व्‍यावहारिक अनुभव के साथ व्यापारिक विकास में अच्छी-खासी विशेषज्ञता तथा रणनीतिक समझ है।
इससे पहले उन्होंने एसवी क्रेडिटलाइन, पूनावाना फिनकॉर्प, एग्रीवाइज फिनसर्व, 11 रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड और मैग्मा फिनकॉर्प जैसी बड़ी कंपनियों में प्रबंधन के शीर्ष पदों पर काम किया है। गुरिंदर इस इंडस्‍ट्री के जानेमाने दिग्‍गज हैं। उनके पास कृषि वित्तीय समाधान में विशेषज्ञता है, जिनमें एसएमई ऋण, कृषि ऋण, माइक्रो-एलएपी, ऑटो-लीज़ क्षेत्र शामिल हैं।गुरिंदर ने कृषि वित्तपोषण पर अनेक फोरम का प्रतिनिधित्व किया है और वे एनबीएफसी के लिए बनी एफआईसीसीआई तथा एफआईडीसी की समितियों का भी हिस्सा रहे हैं। कृषि वित्तपोषण के क्षेत्र में वैश्विक मानक लाकर गुरिंदर सिंह सहम्बे सीईओ के रूप में किसानधन को उत्कृष्टता की नई ऊंचाइयों पर लेकर जाएंगे।
वे इनोवेशन करने, रणनीतिक विकास को बढ़ावा देने तथा विशिष्‍ट रूप से तैयार किए गए समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।उनकी नियुक्ति पर, एसएलसीएम ग्रुप के सीईओ, संदीप सभरवाल ने अपना उत्‍साह व्‍यक्‍त करते हुए कहा, एसएलसीएम ग्रुप की पूरी टीम किसानधन के सीईओ के रूप में गुरिंदर सिंह सहम्बे के साथ विकास के अगले चरण की दिशा में कार्य करने के लिए बेहद उत्साहित है। अपनी नियुक्ति के बारे में, गुरिंदर सिंह सहम्बे कहते हैं, किसानधन के इस बदलावकारी पड़ाव पर उनके साथ जुड़कर बेहद खुशी हो रही है। समावेशी और स्‍थायी वित्तीय समाधान देने की कंपनी की प्रतिबद्धता मेरे विचारों से बेहद मेल खाती है। एसएमई, एफपीओ और संबद्ध कृषि आय क्षेत्रों के अपने अनुभवों का लाभ उठाते हुए मैं किसान वित्तपोषण की उस बड़े अंतर को दूर करना चाहता हूं।