New Delhi News : इंडिया गठबंधन पर टूट का खतरा बढ़ा, उमर अब्दुल्ला के बोल भी बदले

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इंडिया गठबंधन पर टूट का खतरा बढ़ा, उमर अब्दुल्ला के बोल भी बदले
इंडिया गठबंधन पर टूट का खतरा बढ़ा, उमर अब्दुल्ला के बोल भी बदले
अजीत मेंदोला

(New Delhi News) नई दिल्ली। कांग्रेस की अगुवाई में बना इंडिया गठबंधन दिल्ली चुनाव बाद खत्म हो सकता है।महाराष्ट्र की हार के बाद गठबंधन की हालत दिन प्रतिदिन कमजोर होती जा रही है।दिल्ली चुनाव में अधिकांश घटक दलों ने कांग्रेस से दूरी बना ली।गत सोमवार को जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने निष्पक्ष चुनाव के लिए भारत सरकार और चुनाव आयोग की जिस तरह सराहना की उसके बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के कांग्रेस के साथ संबंधों में तल्खी आनी तय है।क्योंकि कांग्रेस अभी तक ईवीएम को मुद्दा बना केंद्र सरकार पर हमला करती रही है।

कांग्रेस ने हरियाणा और महाराष्ट्र की हार के लिए ईवीएम को दोषी ठहरा चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगा केंद्र पर हमला बोला था। यही नहीं कांग्रेस लगातार ईवीएम पर सवाल भी उठाती रही है।जबकि ठीक इसके विपरीत उमर अब्दुल्ला ने निष्पक्ष चुनाव के लिए प्रधानमंत्री मोदी और चुनाव आयोग का धन्यवाद भी किया।कहा कि घाटी में निष्पक्ष चुनाव हुए हैं।कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हुई।अब्दुल्ला ने यह बात  श्रीनगर सोनमर्ग टनल की शुरुआत समारोह के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी के सामने कह उनका आभार भी जताया।

हालांकि उमर के पिता फारुख अब्दुल्ला पहले इंडिया गठबंधन को लेकर सवाल उठा चुके हैं।महाराष्ट्र की हार के बाद से इंडिया गठबंधन के घटक दलों में लगातार दूरी बनती जा रही है।लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने गठबंधन की बैठक से परहेज ही किया।हरियाणा में सहयोगियों को टिकट नहीं दिए।महाराष्ट्र में भी तनातनी रही ।दिल्ली में सभी प्रमुख घटक दलों ने कांग्रेस के बदले आप का समर्थन कर कांग्रेस को अलग थलग कर दिया ।महाराष्ट्र में सबसे पुराने सहयोगी शरद पंवार की भी कांग्रेस से अलग बोली बोलने लगे है।
संघ प्रमुख की तारीफ के बाद पंवार की पार्टी कांग्रेस के साथ कितने दिन रहेगी देखना होगा।उधर उद्धव ठाकरे की शिवसेना तो कांग्रेस के खिलाफ बोलने भी लगी है।सपा,टीएमसी पहले ही खिलाफ हैं।राजद की नजर दिल्ली के परिणामों पर है।तभी कांग्रेस के बारे में फैसला लेंगे।वामदल केरल के चलते दूरी बनाएंगे।अगले साल केरल में चुनाव है।ले दे कर द्रमुक ही कांग्रेस के साथ रह सकती है।दिल्ली चुनाव के बाद इंडिया गठबंधन का असल भविष्य तय हो जाएगा।