New Delhi News : आतंकी हमले का दर्दनाक एक साल…….

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One year of painful terror attack

आज समाज नेटवर्क (New Delhi News) नई दिल्ली। आज ही के दिन एक वर्ष पूर्व दुनिया ने हमास के आतंकवादियों द्वारा इज़रायलियों पर किए गये भयंकर और दुर्दांत हमले को देखा था जिसमें 1200 बच्चे, महिलाएँ , अधेड़ और बुजुर्ग बेवजह मारे गये थे, 250 अपृहत कर लिये गये थे। यह सब आराम से एक सांस्कृतिक कार्यक्रम देख रहे थे और ना उन्होंने और ना ही उनके घर वालों ने कभी स्वप्न में भी सोचा होगा कि अब ये कभी घर नहीं लौटेंगे।

ऐसी अविश्वसनीय नृशंस हत्याएँ देखकर दुनिया सन्न रह गई थी । आज इस घटना को एक वर्ष पूरा हो गया है और इज़रायली आतंक का समूल नाश करने के अपने संकल्प से अकेले लड़ते लड़ते बिना थके सब परेशानियों के बाद अपना प्रयास अनवरत जारी रखे हुए हैं।

हमास के इस आतंकवादियों को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन हिज़्बुल्लाह और हुती ने अपना खुला समर्थन दिया और ईरान के नेतृत्व में कुछ मुस्लिम राष्ट्र भी इन आतंकवादियों को परोक्ष समर्थन देने लगे।

आतंक को समाप्त करने और स्वयं की रक्षा की भीष्म प्रतिज्ञा लिए इज़रायल के यहूदियों के मज़बूत इरादों को यह सब मिलकर भी विचलित नहीं कर पायें हैं। इज़रायल लगातार कई फ्रंट्स पर बहुत ही बहादुरी से बग़ैर किसी भय के इन राक्षसों का मुक़ाबला कर रहा है।

एक साल के आतंक के ख़िलाफ़ भीषण जंग में इज़रायल ने बहुत हद तक हमास के आतंकियों पर हमला कर इसकी कमर तोड़ दी है, इनके कमांडर ढेर कर दिए हैं लेकिन अभी यह पूरी तरह समाप्त नहीं हुये हैं और इनको ऊर्जा हिज़्बुल्लाह और ईरान समर्थित देशों से प्राप्त हो रही है।

हमास का एक बहुत बड़ा समर्थक लेबनान में बैठा हिज़्बुल्लाह संगठन है जिसका नेता नस्रुल्लाह लगातार हमास की मदद करता रहा है और पिछले एक साल में इसने इज़रायल पर आतंकी भूख शांत करने के लिए हज़ारों मिसाइलों से इज़रायल पर हर दिन लगभग तीस हमले किए , इज़रायलियों का सुरक्षा कवच इतना मज़बूत है की ये हमले इज़रायल का कुछ बिगाड़ नहीं सके और दीपावली पर सीले हुए पटाखों की तरह फुस्स हो गये।

लेकिन आतंक को समाप्त करने की फ़ौलादी इज़रायली प्रतिज्ञा इतनी मज़बूत थी की ज़मीन से सैंकड़ों फीट नीचे गड्डे में छिपे बैठे हिज़्बुल्लाह के सर्वोच्च कमांडर को वहाँ भी नेस्तनाबूद कर दिया और उसके कई साथी भी दफ़्न हो गये। और यह प्रयत्न अभी भी जारी है।

अपने शागिर्द की मौत के सदमे से बोखलाये ईरान के आयातुल्लाह खोमनेई ने एक ही दिन में एक ही समय पर लगभग दो सौ मिसाइले दाग कर आतंकवाद को अपना खुला समर्थन ज़ाहिर किया एवं और हमलों की धमकी भी दे रहा है।

उधर इज़रायल भी ईरान का नक़्शा बिगड़ने की बात कर रहा है और अमेरिका aur यूरोप केनबहुटन्से देशों ने इज़रायल को समर्थन देने की बात की है। इज़रायल कह रहा है की ईरान पर अपनी सुविधानुसार समय और तारीख़ पर हमला करेगा इस धमकी के बाद विश्व को लगभग तीसरे विश्व युद्ध की दस्तक सुनाई दे रही है। लेकिन ना आतंकवादी पीछे हटने को तैयार हैं और ना ही इज़रायली आतंकवादियों के समूल नाश की प्रतिज्ञा से पीछे हट रहें है।

कुछ नहीं कह सकते क्या होगा लेकिन उम्मीद के अनुसार मुझे नहीं लगता कि आतंक के ख़िलाफ़ अपने प्रयास की सालगिरह पर इज़रायल ईरान पर कोई हमला करेगा लेकिन करेगा ज़रूर।

इस आतंक के ख़िलाफ़ धर्म युद्ध की कर्मभूमि कहीं भी हो लेकिन गजवाए हिन्द के समर्थक नस्रुल्लाह नस्ल के लोग भारत में भी नस्रुल्लाह की मौत पर फ़ातिहा पड़कर आतंकवाद को समर्थन दे रहें हैं। यह चिंतनीय है। भारत में ऐसी सोच को दफ़्न करना होगा वरना ख़तरा फन उठाकर सामने खड़ा है।

संयुक्त राष्ट्र संघ बिना इच्छा शक्ति का काग़ज़ी शेर दिखता है विश्व के शान्तिप्रिय लोगों को सारी दुनिया से आतंक के ख़ात्मे का संकल्प लेने का दिन है सात अक्तूबर।

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