(New Delhi News) नई दिल्ली। राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने राज्यसभा में एक निजी सदस्य प्रस्ताव पेश किया, जिसमें उन्होंने “काउंसिल फॉर फ्यूचर अफेयर्स ” की स्थापना की वकालत की। हरियाणा से राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने शुक्रवार को राज्यसभा में एक निजी सदस्य प्रस्ताव पेश किया, जिसमें उन्होंने भविष्य के मामलों के लिए एक परिषद यानी कि “काउंसिल फॉर फ्यूचर अफेयर्स (CFA)” की स्थापना की वकालत की। बता दें कि यह राष्ट्रीय स्तर की संस्था होगी, जो भारत को उभरती हुई प्रौद्योगिकियों में वैश्विक नेतृत्व दिलाने के लिए काम करेगी।

तकनीकी विकास को मिलेगी गति

कार्तिकेय शर्मा द्वारा प्रस्तावित यह काउंसिल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ब्लॉकचेन, क्वांटम कंप्यूटिंग और स्मॉल मॉड्यूलर न्यूक्लियर रिएक्टर्स जैसी अत्याधुनिक तकनीकों से जुड़े शोध, औद्योगिक विकास, नीतिगत रणनीति और वैश्विक सहयोग को समन्वित करेगी। उन्होंने कहा कि यह काउंसिल न केवल भारत को तकनीकी क्रांति के लिए तैयार करेगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर भविष्य की दिशा तय करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

हरियाणा के “फ्यूचर विभाग” से मिली प्रेरणा

कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि इस प्रस्ताव की प्रेरणा हाल ही में हरियाणा सरकार द्वारा घोषित “फ्यूचर विभाग” से मिली है, जिससे हरियाणा ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। यह विभाग कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, शहरी विकास और सतत विकास जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित करता है। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सराहना करते हुए कहा कि “उनके दूरदर्शी नेतृत्व में हरियाणा भविष्य-केंद्रित प्रशासन का राष्ट्रीय मॉडल बन गया है, जो यह दर्शाता है कि कैसे राज्य नीति नवाचार में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी के डिजिटल विजन से जुड़ा प्रस्ताव

कार्तिकेय शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रस्तावित CFA “डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत” की उनकी परिकल्पना के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री मोदी ने जन धन योजना, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT), आधार-सक्षम सार्वजनिक वितरण प्रणाली और यूपीआई (UPI) जैसी योजनाओं से डिजिटल समावेशन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

उन्होंने कहा, “यह काउंसिल (CFA) प्रधानमंत्री द्वारा रखी गई मजबूत डिजिटल नींव पर कार्य करेगी और भारत को अगली तकनीकी क्रांति के लिए तैयार करेगी, जिससे हम न केवल नई तकनीकों को अपनाएंगे बल्कि उन्हें अपनी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और मूल्यों के अनुरूप ढालेंगे।”

अनुसंधान और नवाचार को मिलेगा बढ़ावा

इस प्रस्ताव में “रिसर्च एंड प्रोडक्ट डेवलपमेंट काउंसिल्स (RPDCs)” की स्थापना का सुझाव दिया गया है, जिसे बजटीय आवंटन और वैश्विक साझेदारी के माध्यम से अनुसंधान को व्यावसायिक उत्पादों में बदलने के लिए समर्थन दिया जाएगा। साथ ही, यह प्रस्ताव है कि CFA सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करे, ताकि अंतर-मंत्रालयी समन्वय को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके और उच्च-स्तरीय कार्यान्वयन सुनिश्चित हो।

सांसदों का व्यापक समर्थन

इस प्रस्ताव को विभिन्न दलों के सांसदों से व्यापक समर्थन मिला है, जो यह दर्शाता है कि तेज़ी से बदलती तकनीकी दुनिया में भारत को पहले से तैयार रहने और सक्रिय भूमिका निभाने के लिए एक संस्थागत तंत्र की आवश्यकता है।