(New Delhi News) नई दिल्ली। हरियाणा चुनाव के परिणाम आज आयेंगे,लेकिन कांग्रेस जीत सुनिश्चित मान सरकार के गठन की प्रक्रिया में जुट गई है।पार्टी सूत्रों की माने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के ही तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के आसार हैं।एक दो दिन में सभी प्रक्रियाएं पूरी की जा सकती है।लेकिन वहीं पार्टी की वरिष्ठ नेता शैलजा की नाराजगी ने भी अभी टेंशन बढ़ाया हुआ है।चुनाव पूर्व तो टेंशन था ही वह अभी भी बना हुआ है।
दलित वोटरों को लेकर संशय है पार्टी में
हालांकि पार्टी उम्मीद कर रही है कि पूर्व सांसद अशोक तंवर की वापसी से दलित वोट बंटा नहीं होगा।इसीलिए बहुमत से ज्यादा सीट आ जाएंगी।अब जो सूत्रों से जानकारी बाहर निकल कर आ रही है उसके अनुसार दलित वोटरों को साधने के लिए ही पूर्व सांसद अशोक तंवर की अंतिम समय पर आनन फानन में वापसी कराई गई।पार्टी को अपने अंदुरूनी सूत्रों से इस तरह की खबरें मिलने लगी थी कि दलित वोटर छिटक रहा है,इसलिए तंवर की वापसी कराने के लिए कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी तक को अंतिम समय में कमान संभालनी पड़ी।तंवर के शामिल होने के बाद कांग्रेस के रणनीतिकारों ने राहत की सांस ली।लेकिन असल पता याने आज मंगलवार को पता चलेगा कि कांग्रेस की हरियाणा में वाकई सुनामी थी या फिर बराबरी की टक्कर थी।
कांग्रेसी रणनीतिकारों की चिंता इसी बात को लेकर है कि बड़ी जीत नहीं हुई तो फिर कुछ परेशानी आ सकती है।क्योंकि फिर कुमारी शैलजा और उनके समर्थक दबाव बनाएंगे।शैलजा को सांसद रणदीप सुरजेवाला का साथ भी मिल सकता है।इस खींचतान में सीएम पद को लेकर तो ज्यादा परेशानी नहीं आएगी,लेकिन विभागों,उप मुख्यमंत्री जैसे पद को लेकर मारामारी हो सकती है।हालांकि शैलजा बराबर दावा ठोक रही है कि वह भी सीएम बन सकती है।
पार्टी के कर्ताधर्ता हर तरह की संभावनाओं पर काम कर रहे हैं।पार्टी ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अजय माकन और प्रताप सिंह बाजवा को हरियाणा के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक पहले ही नियुक्त किया हुआ है।तीनों पर्यवेक्षक आलाकमान का आदेश मिलते ही आज कल में चंडीगढ़ पहुंच जाएंगे।सुनामी जैसे परिणाम रहे तो इन पर्यवेक्षकों के साथ संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी चंडीगढ़ जाएंगे।शैलजा की तरफ से कोई ऐतराज जताया गया तो फिर नए पर्यवेक्षक भी जोड़े जा सकते हैं।पार्टी की उम्मीदों के हिसाब से रिजल्ट आया तो सीएम का जल्द चयन कर शपथ ग्रहण भी जल्द हो जाएगा।
मंत्रिमंडल को लेकर ही असल कवायद होगी।संकेत है कि सभी गुटों के नेताओं को एडजस्ट किया जाएगा।कांग्रेस मुख्यालय में हरियाणा को लेकर भारी उत्साह है।इस उत्साह ने महाराष्ट्र चुनाव के लिए कांग्रेस को बड़ी ताकत दे दी है।
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