नई दिल्ली: पाकिस्तान से आतंकी बनकर लौटे 57 कश्मीरी यूथ 

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DGP Kashmir pak youth
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आज समाज डिजिटल,नई दिल्ली:
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कश्मीर के युवाओं को लेकर बड़ा खुलासा किया है। पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश के कम से कम 57 यूथ टूरिस्ट या स्टडी वीजा पर पाकिस्तान गए थे और वे आतंकी बनकर घाटी में लौटे हैं। यहां तक कि 57 युवाओं में से कुछ आतंकी बनकर हथियारों सहित  कश्मीर भी लौटे हैं। दिलबाग सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के कई युवा वैध दस्तावेजों पर 2017 और 2018 में पाकिस्तान गए थे। उन्होंने कहा, हमारी जानकारी में 57 मामले आए हैं, जो लोग अध्ययन के लिए या पर्यटक के रूप में सीमा पार गए और किसी न किसी आतंकी गतिविधि में शामिल हो गए। नमें से 30 अवैध रूप से हथियारों के साथ एलओसी पार करने के बाद आतंकी के रूप में कश्मीर लौटे हैं। डीजीपी ने बताया कि 30 में से 17 मारे गए हैं जबकि 13 आतंकी अब भी घाटी में सक्रिय हैं और सुरक्षा बल उन पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा 17 अब भी पाकिस्तान में है। दिलबाग सिंह ने कहा कि यही कारण है कि हाल के दिनों में अधिकारियों ने कश्मीरी छात्रों को पढ़ाई के लिए पाकिस्तान जाने की मंजूरी देने में सख्ती की है। डीजीपी ने यह भी बताया कि फरवरी में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम की बहाली के बाद घुसपैठ के करीब करीब थमने के बाद अब आतंकियों को सीमा पार धकेलने की कोशिश चल रही है तथा 250 से 300 आतंकी प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद इस पार आने के लिए वहां शिविरों में मौके की बाट जोह रहे हैं। उन्होंने कहा, 20 फरवरी को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पर सहमति होने के बाद ऐसा वक्त आया जब सीमापार घुसपैठ एवं सीमापार गोलाबारी एवं गोलीबारी थम सी गई थी और उसका सीमावर्ती क्षेत्रों के बाशिंदों समेत सभी स्तर पर स्वागत किया गया था। पुलिस प्रमुख ने कहा, दुर्भाग्य से, पिछले कुछ महीनों से विभिन्न लांच पैडों से (आतंकवादियों की) घुसपैठ फिर होने लगी है।
पाकिस्तान में कलमों पर बंदूकों को तरजीह
पुलिस प्रमुख ने कहा कि मैं समझता हूं कि पाकिस्तान में कलमों पर बंदूकों को तरजीह दी जाती है और पाकिस्तानी वीजा को सुरक्षा अनापत्ति देने में संबंधित उपायों को मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘यही सख्ती का कारण रहा है क्योंकि युवा यहां से पढ़ाई के लिए जाते हैं, लेकिन आतंकी बनकर लौटते हैं। मुझे नहीं पता कि जम्मू-कश्मीर के छात्र किस स्थिति और परिस्थितियों में पाकिस्तान में रहते हैं, लेकिन अगर वे आतंकी बनकर लौटते हैं तो स्पष्ट है कि आपको सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करके सख्त होना होगा।