Haryana News: राव तुलाराम की राजनीतिक विरासत का नया अध्याय शुरू

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राव तुलाराम की राजनीतिक विरासत का नया अध्याय शुरू
Haryana News: राव तुलाराम की राजनीतिक विरासत का नया अध्याय शुरू

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव ने अटेली विस क्षेत्र से जीत दर्ज कर शुरू की राजनीतिक पारी
(आज समाज) चंडीगढ़: दक्षिण हरियाणा की राजनीति पर दशकों से गहरा प्रभाव डालने वाला राव तुलाराम का परिवार आज भी क्षेत्र की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। राव तुलाराम, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में प्रमुख भूमिका निभाई थी, उनके वंशजों ने हरियाणा की राजनीति में अपनी गहरी पकड़ बनाई रखी है। इस विरासत को नई ऊंचाइयों पर ले जाते हुए, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव ने हाल ही में अटेली विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की, जो इस परिवार के राजनीतिक प्रभाव का ताजा प्रमाण है। राव तुलाराम के बेटे, राव बीरेंद्र सिंह, हरियाणा के दूसरे मुख्यमंत्री बने।

पंजाब से अलग होकर हरियाणा के अस्तित्व में आने के बाद, उन्होंने 1967 में पंडित भगवत दयाल शर्मा की सरकार के पतन के बाद करीब नौ महीने तक मुख्यमंत्री पद संभाला। इसके बाद उन्होंने विशाल हरियाणा पार्टी की स्थापना की और 1968 के विधानसभा चुनाव में 16 सीटों पर जीत दर्ज की। 1977 में जब कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई, तब इंदिरा गांधी खुद रेवाड़ी स्थित राव बीरेंद्र सिंह के घर रामपुरा हाउस आईं और उनसे समर्थन मांगा। 1980 में कांग्रेस की सत्ता में वापसी के बाद, राव बीरेंद्र सिंह ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली और चार महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली। उनके राजनीतिक कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वे चंद्रशेखर सरकार में भी मंत्री रहे।

राव इंद्रजीत सिंह: नई पीढ़ी के सशक्त नेता

राव बीरेंद्र सिंह ने अपने बेटे राव इंद्रजीत सिंह को 1977 में अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में पेश किया। उन्होंने जाटूसाना (अब कोसली) सीट से चार बार लगातार विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज की। बंसीलाल और भजनलाल की सरकारों में मंत्री रहते हुए, इंद्रजीत सिंह ने दक्षिण हरियाणा में एक मजबूत जनाधार तैयार किया। राव इंद्रजीत सिंह ने 1998 में पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। तब से वे छह बार सांसद रह चुके हैं और 2004 में डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार में रक्षा राज्य मंत्री बने। 2014 में उन्होंने भाजपा का दामन थामा और नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री बने। 2024 के चुनावों में भी उनकी लगातार सफलता ने भाजपा को दक्षिण हरियाणा में मजबूती से स्थापित रखा।

आरती राव की ऐतिहासिक जीत

अब, राव परिवार की चौथी पीढ़ी से, आरती राव ने अपने पिता राव इंद्रजीत सिंह की विरासत को आगे बढ़ाते हुए अटेली विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है। यह जीत इस बात का संकेत है कि राव परिवार का राजनीतिक प्रभाव अब भी कायम है। राव इंद्रजीत सिंह के मजबूत जनाधार और भाजपा के साथ उनके सफल गठबंधन ने इस बार भी पार्टी को दक्षिण हरियाणा की 10 सीटों पर जीत दिलाई है, जिसमें अटेली, नारनौल, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, कोसली, बावल, सोहना, पटौदी, बादशाहपुर और गुरुग्राम शामिल हैं।

राजनीतिक समीकरण और राव इंद्रजीत सिंह की भूमिका

दक्षिण हरियाणा में भाजपा की लगातार सफलता का श्रेय राव इंद्रजीत सिंह को दिया जा रहा है, जिनके नेतृत्व ने क्षेत्र में पार्टी को मजबूत बनाए रखा है। हालांकि, इस बार उनके समर्थकों के बीच चर्चा है कि उन्हें हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। इस मांग को लेकर अहीरवाल क्षेत्र में हलचल भी है। राव इंद्रजीत सिंह ने भी संकेत दिए हैं कि दक्षिण हरियाणा के लोग उन्हें मुख्यमंत्री के पद पर देखना चाहते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया है कि सोशल मीडिया पर उनके भाजपा से बगावत करने की खबरें निराधार हैं।

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