संजीव कौशिक, रोहतक:
Netaji Was Against Communal Politics: आज एसयूसीआई कम्युनिस्ट व एआईडीएसओ के कार्यकतार्ओं ने नेताजी सुभाष की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। जिसकी अगुवाई एआईडीएसओ के प्रदेश अध्यक्ष छात्र नेता हरीश कुमार ने की।
सभी के प्रेरणास्रोत हैं नेता जी Netaji Was Against Communal Politics
उन्होंने बताया कि नेताजी सुभाष सभी के प्रेरणास्रोत हैं। 1947 में देश को अंग्रेजों से आजादी तो मिली लेकिन शोषण से मुक्ति का नेताजी का सपना पूरा नहीं हुआ। नेताजी ने समाजवादी क्रांति की जरूरत महसूस की थी। नेताजी सुभाष साम्प्रदायिक राजनीति के सख्त खिलाफ थे। उन्होंने हिन्दू राष्ट्र बनाने की बात को निकम्मे दिमागों की उपज बताया था।
स्वतंत्रता सेनानियों का सपना आज भी अधूरा Netaji Was Against Communal Politics
आज आजादी के 74 साल बाद भी स्वतंत्रता सेनानियों और मनीषियों का सपना पूरा नहीं हुआ है। शिक्षा महंगी हो चुकी है। शिक्षा का निजीकरण-व्यापारीकरण करके इसे बाजार का बिकाऊ माल बनाया जा रहा है। इसी को बढ़ावा देने के लिए ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020’ लायी गई है। शिक्षा का सांप्रदायिकरण किया जा रहा है। अंधविश्वास, धर्मान्धता और रूढ़िवाद को बढ़ावा देकर छात्रों और लोगों के वैज्ञानिक मन और तार्किक बुद्धि को खत्म किया जा रहा है।
छात्रों को होना चाहिए चरित्रवान Netaji Was Against Communal Politics
छात्र – नौजवानों को पथ- भ्रष्ट करने, चरित्रहीन बनाने और उनकी नैतिक रीढ़ को तोड़ने के लिए प्रचार माध्यमों से अश्लीलता व नग्नता परोसी जा रही है। शराब व नशे की लत में फंसाया जा रहा है। इससे बच्चे बिगड़ रहे हैं, अपराध बढ़ रहे हैं और महिलाओं के जीवन व इज्जत-आबरू पर हमले हो रहे हैं। देश के मेहनतकश लोग घोर गरीबी, तंगहाली, कर्ज, शोषण-जुल्म में पिस रहे हैं। लोग भूखे मर रहे हैं। बेरोजगारी चरम पर है।
ये लोग रहे मौजूद Netaji Was Against Communal Politics
इस कार्यक्रम में एआईडीएसओ से राजेश, हरीश, मनीषा, रोहित, दीक्षा व एसयूसीआई(कम्युनिस्ट) के कामरेड रामनिवास, नरेंद्र सिंह, रामधन ने भी नेताजी सुभाष को श्रद्धांजलि दी।
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