भारत नेपाल संबंध वैसे तो बहुत पुराने हैं, यह केवल राजनीतिक संबंध नहीं हैं बल्कि ऐतिहासिक संबंध भी हैं। लेकिन इन दिनों मेंचीन के नेपाल में दखल के बाद नेपाल-भारत के रिश्ते पहलेजैसे नहीं रहे। हाल में नेपाल ने अपने नए नक्शे को पास किया है। जिसमें नेपाल ने भारत के कुछ हिस्सेको नेपाल में दिखाया है। जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जाहिर की थी। अब चीन की ओर नेपाल नेएक और कदम बढ़ाया है। चीन के वुहान से फैले कोरोना वायरस के कारण 29 जनवरी को यानी पांच महीने पहले अपने बार्डर बंद किए थे लेकिन अब नेपाल चीन के साथ रसुआगढ़ी बॉर्डर पॉइंट खोलने जा रहा है। दोनों देशों में इसको लेकर सहमति बन गई है। नेपाली मीडिया की खबरों के अनुसार इस बार्डर से फिलहाल लोगों को आने जानेकी इजाजत नहीं होगी। केवल हाइड्रोपावर और एयरपोर्ट प्रॉजेक्ट के लिए कंस्ट्रक्शन मटेरियल सहित अन्य सामानों की आवाजाही होगी। कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए नेपाल ने चीन के साथ अपने दोनों बॉर्डर पॉइंट्स तातोपानी और रसुआगढ़ी को 29 जनवरी को बंद कर दिया था। काठमांडू पोस्ट के अनुसार रसुआ के चीफ डिस्ट्रिक्ट आॅफिसर हरि प्रसाद पंत ने कहा कि दोनों देशों के बीच बुधवार को नेपाल-चाइना मैत्री पुल को खोलने पर चर्चा हुई है।