Nepal showing Sinajori, Nepal’s refusal to stop illegal infiltration in Indian territory, Kalapani: नेपाल दिखा रहा सीनाजोरी, भारतीय इलाके कालापानी में अवैध घुसपैठ रोकने से नेपाल का इनकार

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नेपाल के तेवर चीन केशह पर बढ़ते ही जा रहे हैं। जो नेपाल हमेशा भारत के साथ खड़ा होता था। जिस नेपाल के लिए भारत हमेशा सबसे पहलेमदद के लिए हाथ बढ़ाता रहा है अब नेपाल सीनाजोरी कर रहा है। बजाय भारत केसाथ सीमा की समस्या को सुलझाने के उसे बढ़ानेऔर तूल देने पर लगा है। भारत के हिस्से कालापानी को अपने क्षेत्र मेबता रहा है। यहां तक कि नेपाल ने नक्शे में भी संशोधन किया है जिसके बाद अब कालापानी, लिपुलेख लिंपियाधुरा को अपना क्षेत्र बताया है जो कि भारत के हिस्से हैं। नेपाल ने अब भारतीय इलाकों में अवैध घुसपैठ को रोकने से भी इनकार कर दिया है। भारत ने घुसपैठ रोकने की अपील नेपाल से की थी जिसे इसेनेपाल्की ओर से खारिज किया गया और फिर से कालापनी पर अपना दावा जताया है। भारत ने नेपाल से अपने कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख में अवैध तरीके से नागरिकों को घुसने से रोकने की अपील की थी। धारचूला (पिथौरागढ़, उत्तराखंड) के उप-जिलाधिकारी अनिल कुमार शुक्ला ने नेपाल प्रशासन को एक लेटर लिखकर घुसपैठ रोकने को कहा था। उन्होंने कहा था कि इस तरह अवैध तरीके से सीमा पार करने से दोनों देशों के प्रशासन के लिए समस्याएं पैदा करेगा। नेपाल के प्रमुख अंग्रेजी अखबार द हिमालयन टाइम्स की एक खबर के मुताबिक भारतीय अधिकारी के पत्र के जवाब में नेपाली पक्ष ने कहा है कि सिगौली संधि के मुताबिक लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी नेपाली क्षेत्र है, इसलिए लोगों का वहां आना-जाना स्वभाविक है। नेपाल ने उल्टे भारत से कहा है कि इन इलाकों में नेपाली नागरिकों की आवाजाही में बाधा ना डाली जाए।