नई दिल्ली। भारत ने नेपाल द्वारा नक्शे मेंबदलाव के संविधान संशोधन विधेयक के निचले सदन से पास होने पर कहा है कि यह हमें मान्य नहीं है। बता दें कि शनिवार को नेपाल की ओर से नक्शे में बदलाव करने और कुछ भारतीय क्षेत्र को शामिल करने से जुड़े संविधान संशोधन विधेयक को निचले सदन से पारित कर दिया गया। भारत ने इस पर कहा कि यह कृत्रिम विस्तार साक्ष्य और ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित नहीं है और यह मान्य नहीं है। भारत की ओर सेकहा गया कि लंबित सीमा मुद्दों को वार्ता केमाध्मय सेहल निकालने के भारत की समझ का भी उल्लंघन है। इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बयान जारी किया कि ‘हमने नेपाल द्वारा नए मानचित्र में बदलाव करने और कुछ भारतीय क्षेत्र को शामिल करने के संविधान संशोधन विधेयक वहां के हाउस आफ रिप्रेजेंटेटिव में पारित होने को देखा है। हमने पहले ही इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। उन्होंने कहा कि दावों के तहत कृत्रिम रूप से विस्तार साक्ष्य और ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित नहीं है और यह मान्य नहीं है। बता दें कि आठ मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सामरिक रूप से महत्वपूर्ण सड़क का उद्घाटन किया था जो लिपुलेख दर्रे को धारचूला से जोड़ता हैजिसके बाद नेपाल के साथ तनावपूर्ण स्थिति बन गई थी। नेपाल ने इस सड़क के उद्धाटन पर प्रतिक्रिया दी थी कि यह नेपाल के क्षेत्र से होकर गुजरता है।