Nepal Earthquake: नेपाल में 6.4 की तीव्रता का भूकंप, कई इमारतें जमींदोज, 150 से ज्यादा लोगों की मौत, कई मलबे में दबे

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Nepal Earthquake
भूकम्प के कारण नेपाल के जजरकोट इलाके में गिरा मकान।

Aaj Samaj (आज समाज), Nepal Earthquake, काठमांडू: नेपाल में एक बार फिर भूकंप ने तबाही मचाई है। शुक्रवार रात को करीब 11:50 बजे आए 6.4 की तीव्रता के भूकंप के कारण बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान हुआ है। नेपाल पुलिस के केंद्रीय प्रवक्ता डीआईजी कुवेर कडायत के मुताबिक भूकंप का केंद्र इंडो-नेपाल बार्डर से लगभग 98 किमी दूर जजरकोट में था।

  • जजरकोट और रुकुम जिलों में 80 लोगों की मौत

नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने कहा कि भूकंप की तीव्रता 6.4 थी, मगर जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (जीएफजेड) ने बाद में तीव्रता को घटाकर 5.7 कर दिया और अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने इसकी तीव्रता 5.6 आंकी। भूकंप से अब तक 154 लोगों की मौत हो चुकी है और 140 से अधिक घायल हो गए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि जजरकोट में दर्जनों घर ढह गए हैं। कई के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है, इसलिए  मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है। पहाड़ी गांवों में बचावकर्मी लगातार रेस्क्यू आपरेशन चला रहे हैं।

पीएम मोदी ने दिया मदद का भरोसा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूकंप से हुई मौतों पर गहरा दुःख जताया है और नेपाल को संकट की इस घड़ी में हर संभव मदद का भरोसा दिया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि भारत नेपाल के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, हमारी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।

मानवीय और भौतिक क्षति पर गहरा दुख : पुष्प कमल दहल

नेपाल पीएमओ ने ट्वीट कर बताया है कि प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने भूकंप से हुई मानवीय और भौतिक क्षति पर गहरा दुख व्यक्त किया है और सभी सुरक्षा एजेंसियों को तत्काल बचाव और राहत के लिए तैनात किया है। सरकारी ‘नेपाल टेलीविजन’ के मुताबिक, पश्चिमी नेपाल के जजरकोट और रुकुम जिलों में ही भूकंप से 80 लोगों की मौत हो गई हैं।

जानिए क्या कहते हैं प्रत्यक्षदर्शी

स्थानीय अधिकारी हरीश चंद्र शर्मा ने बताया कि जजरकोट में भूकंप के केंद्र के पास के क्षेत्र में संपर्क स्थापित करना संभव नहीं था। यह 190,000 की आबादी वाला एक पहाड़ी जिला है और इसमें सुदूर पहाड़ियों में बिखरे हुए गांव हैं। हरीश ने कहा कि उनके जिले में कम से कम 34 लोग मारे गए हैं। पड़ोसी रुकुम पश्चिम जिले में, पुलिस अधिकारी नामराज भट्टाराई ने कहा कि कम से कम 35 लोगों की मौत की सूचना मिली है।

दिल्ली-एनसीआर तक असर

बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश व आसपास के इलाकों के अलावा दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत के भी कई हिस्सों में भूकंप के महसूस किए गए। जब भूकंप आया तब भारत के लोग भी डरे-सहमे लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान (एनसीएस) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र नेपाल में अयोध्या से लगभग 227 किमी उत्तर और काठमांडू से 331 किमी पश्चिम उत्तर-पश्चिम में 10 किमी की गहराई में था।

नेपाल में एक महीने में तीसरी बार आया जलजला

नेपाल में एक महीने में तीसरी बार तेज भूकंप आया है. भूकंप के झटके दिल्ली से सटे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए, जिसके चलते ऊंची इमारतों में रहने वाले कई लोग बाहर निकल आए। नोएडा सेक्टर-76 में एक ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी के निवासी प्रत्यूष सिंह ने कहा, वास्तव में बहुत तेज झटके महसूस हुए। यह एक बेहद डरावना एहसास था। भूकंप के झटके उत्तर प्रदेश के लखनऊ, बस्ती, बाराबंकी, फिरोजाबाद, अमेठी, गोंडा, प्रतापगढ़, भदोही, बहराइच, गोरखपुर और देवरिया जिलों के अलावा बिहार के कटिहार, मोतीहारी तथा पटना में भी महसूस किए गए।

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