
Aaj Samaj (आज समाज), NEP 2020 Third Anniversary, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएमश्री) योजना के तहत स्कूलों के लिए धनराशि की पहली किस्त जारी की। दरअसल केंद्र की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के तीन साल पूरे हो गए हैं और केंद्र सरकार इसका जश्न मना रही है। इसी उपलक्ष्य में 29 जुलाई को दिल्ली के प्रगति मैदान में स्थित भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मोदी ने अखिल भारतीय शिक्षा सम्मेलन का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम दो दिन चलेगा।
शिक्षा नीति को आगे बढ़ाने वालों का धन्यवाद
प्रधानमंत्री ने उद्घाटन अवसर पर शिक्षक और बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के 3 साल भी पूरे हो रहे हैं और शिक्षा से ही देश की तकदीर बदलेगी। उन्होंने कहा कि देश भर के बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों और अध्यापकों ने नई शिक्षा नीति को एक मिशन के रूप में लेकर आगे भी बढ़ाया है और आज मैं उन सभी का भी धन्यवाद करता हूं।
तीन साल पहले हमारे सामने था एक बड़ा कार्यक्षेत्र
पीएम कहा कि जब युग बदलने वाले परिवर्तन होते हैं तो वे अपना समय लेते हैं। हमने तीन साल पहले जब नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का ऐलान किया था तो हमारे सामने एक बहुत बड़ा कार्यक्षेत्र था, लेकिन आप सभी (शिक्षक और बच्चे) ने एनईपी को लागू करने के लिए जो कर्तव्यभाव व समर्पण दिखाया वह वाकई ही अभिभूत करने के साथ नया विश्वास पैदा करने वाला है। एनईपी को सफल बनाने के लिए आप सभी ने खुले मन से नए विचारों और प्रयोगों को स्वीकार करने का साहस दिखाया है जिसके लिए मैं आपका आभार प्रकट करता हंू।
विद्या के लिए विमर्श, शिक्षा के लिए संवाद जरूरी
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि यह शिक्षा ही है जो देश की तकदीर बदलने की ताकत रखती है। उन्होंने कहा, जिस लक्ष्य को लेकर देश आगे बढ़ रहा है, उसे हासिल करने में शिक्षा की अहम भूमिका है और आप यानी शिक्षक और बच्चे इसके प्रतिनिधि हैं।
मोदी ने यह भी कहा कि मेरे लिए भी अखिल भारतीय शिक्षा समागम का हिस्सा बनना एक महत्वपूर्ण अवसर है। पीएम ने कहा कि विद्या के लिए विमर्श जरूरी होता है। वहीं शिक्षा के लिए संवाद जरूरी होता है। उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि अखिल भारतीय शिक्षा समागम के इस सत्र के जरिए हम विचार व विमर्श की अपनी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। अखिल भारतीय शिक्षा समागम में मौजूद छोटे-छोटे बच्चों से प्रधानमंत्री ने बातचीत भी की। कई बच्चे कन्वेंशन सेंटर में गेम खेल रहे थे।
शिक्षा के क्षेत्र में तीन वर्ष में क्रांतिकारी परिवर्तन
प्रधानमंत्री के विजन से प्रेरित होकर, युवाओं को तैयार करने और उन्हें अमृत काल में देश का नेतृत्व प्रदान करने में सक्षम करने के उद्देश्य से एनईपी 2020 का शुभारंभ किया गया था। इसका उद्देश्य भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए युवाओं को तैयार करना है तथा उन्हें बुनियादी मानवीय मूल्यों से जोड़े रखना है। अपने कार्यान्वयन के तीन वर्षों के दौरान इस नीति ने स्कूल, उच्च शिक्षा और कौशल शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन किए हैं।
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