Uterine Fibroids : बच्चेदानी में रसौली, तुरंत इलाज़ जरूरी : डॉ जयश्री

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Uterine Fibroids
क्लासिकल होम्योपैथी फिजिशियन डॉ जयश्री मलिक
Aaj Samaj (आज समाज),Uterine Fibroids, पानीपत : गर्भाशय में रसौली (Uterine Fibroids) ज़्यादातर 30 से 50 वर्ष की आयु की महिलाओं में पाया जाने वाला एक नॉन कैंसर ट्यूमर है। पानीपत की प्रसिद्ध क्लासिकल होम्योपैथी फिजिशियन डॉ जयश्री मलिक ने बताया गर्भाशय की मांसपेशियों में गांठे बनने के कारण महिलाओं में रसोली की समस्या होती है। इसे डॉक्टरी भाषा में मयोमा या लियोमायोमा भी कहा जाता है। रोगी नॉन कैंसर ट्यूमर का नाम सुनकर अक्सर घबरा जाते है कि उन्हें कैंसर तो नहीं हो गया। गर्भाशय में रसोली (Uterine Fibroids) कैंसर नहीं है, लेकिन इसको काफी समय तक अनदेखा किया जाए तो यह कैंसर का रूप ले सकती है, इसलिए हमें समय रहते ही रसौली का इलाज करवा लेना चाहिए। डॉ जयश्री मलिक के मुताबिक बलदलता लाइफस्टाइल और खानपान भी कई बीमारियों को न्योता दे रहा है।

लाइफस्टाइल बेहतर बनाएं, क्या खाएं-क्या न खाएं

• फल और सब्जियों का सेवन अधिक करें, माना जाता है कि सेब, ब्रोकली व टमाटर जैसे ताजे फल और सब्जियां खाने से फाइब्रॉएड के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
• रक्तचाप यानी ब्लड प्रेशर पर नजर रखें, ब्लड प्रेशर बढ़ना फाइब्रॉएड (Uterine Fibroids) के लिए हानिकारक हो सकता है।
• सबसे महत्वपूर्ण बात जो ध्यान रखनी चाहिए वह है स्ट्रेस लेवल कम करना। मेडिटेशन या योगा के जरिए खुद को शांत रखने का प्रयत्न करें। चिंताओं को खुद पर हावी न होने दें।
• स्मोकिंग और अल्कोहल से दूरी बनाकर रखें।
• चाय कॉफी यानी कैफीन की मात्रा कम लें।
• व्यायाम करना फाइब्रॉड्स (Uterine Fibroids) में जरूरी हैं, इससे वजन संतुलित होता है और ठीक होने की संभावना अधिक हो जाती है, इसके अलावा व्यायाम से शरीर डिटॉक्सिकेट भी होता है।
• इस स्थिति में प्रोसेस्ड फूड के सेवन से परहेज करना चाहिए। हार्मोंस के स्तर को डिसबैलेंस करने में जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड का खास योगदान होता है।
• अधिक वजन होना गर्भाशय फाइब्रॉएड के विकास में एक प्रमुख जोखिम कारक है।

होमियोपैथी एक गैर सर्जिकल उपचार

डॉ जयश्री ने बताया गर्भाशय फाइब्रॉएड (Uterine Fibroids) के उपचार में होम्योपैथी अधिक प्रभावी है। सभी संभावित विकल्पों में से होम्योपैथी फाइब्रॉएड के लिए सबसे अच्छा गैर-सर्जिकल उपचार है। होम्योपैथिक दवाएं निश्चित रूप से फाइब्रॉएड के विकास को रोकती हैं। समय के साथ, फाइब्रॉएड पूरी तरह से गायब हो जाते हैं। यह फाइब्रॉएड का कहीं अधिक प्रभावी और सबसे सुविधाजनक उपचार है। होम्योपैथी उपचार करने का सबसे अच्छा लाभ यह है कि यह दुष्प्रभावों के बिना काम करता है। यह लक्षण के बजाय समस्या का निदान करता है। सामान्य उपचार में वर्णित एक सर्जरी चिकित्सा प्रक्रिया फाइब्रॉएड को हटा देती है, लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं होती कि वह हार्मोनल असंतुलन अवशेष के अंतर्निहित मुद्दे के रूप में वापस नहीं बढ़ेंगे। डॉ जयश्री मलिक बताया कि होम्योपैथिक उपचार बिना किसी ऑपरेशन के सम्पूर्ण इलाज़ करने में सक्षम है। सोशल मीडिया पर बताई जा रही भिन्न दवाओं पर भरोसा ना करें। किसी भी दवा का प्रयोग करने से पहले अनुभवी डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।