Neighbors should not interfere in India’s domestic affairs-foreign Ministry: भारत के घरेलू मामले में दखल ना दें पड़ोसी-विदेश मंत्रालय

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नई दिल्ली। पाकिस्तान की संसद में वहां के शिक्षा मंत्री शफकत महमूद का कहना था कि भारत में पास किया गया नागरिकता अधिनियम समानता और गैर-भेदभाव के अंतरराष्ट्रीय मानदंडों और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के खिलाफ है। यह संशोधन भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय समझौतों के खिलाफ भी है। इसका करारा जवाब देते हुए भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को उत्तर दिया कि पाकिस्तान की संसद का प्रस्ताव नागरिकता संशोधन कानून के उद्देश्यों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गलत तरह से पेश करने का प्रयास है। पाकिस्तान की संसद में पारित प्रस्ताव धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ इस्लामाबाद के खराब बर्ताव से ध्यान हटाने का प्रयास है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि नागरिकता कानून पर पाकिस्तान की संसद का प्रस्ताव जम्मू, कश्मीर और लद्दाख पर उसके झूठे प्रचार को आगे बढ़ाने की नाकाम कोशिश है। बता दें कि पाकिस्तान की संसद ने सोमवार को भारत के नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया कि यह द्विपक्षीय समझौतों के खिलाफ है और भारत से इसमें भेदभावपूर्ण धाराओं को हटाने की मांग की गई।