CBI discloser On NEET Paper Leak Case, (आज समाज), नई दिल्ली: नीट-यूजी पेपर लीक मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने अब तक इस केस में कई खुलासे किए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जांच एजेंसी ने अब कहा है कि 150 छात्रों ने अलग-अलग राज्यों में क्वेश्चन पेपर खरीदे थे। सीबीआई ने यह भी बताया है कि कुल 60 लाख रुपए में क्वेश्चन पेपर बिका था।
बिहार में 35-45 लाख रुपए में हुई थी खरीद
बिहार में पेपर की खरीद 35 से 45 लाख रुपए में हुई थी। वहीं दूसरे राज्यों में भी 60 लाख रुपए तक पेपर खरीदे गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई पूरी कर कहा है कि पेपर कैंसिल नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे छात्रों के जीवन पर प्रभाव पड़ेगा। कोर्ट ने कहा है कि पेपर दोबारा ना करवाते हुए हमें सीबीआई की जांच से उम्मीद रखनी चाहिए। यह माना है कि पेपर लीक बड़े पैमाने पर नहीं हुआ और इसे सोशल साइट्स पर लीक नहीं किया गया।
आरोपियों ने बहुत सावधानी बरती
सीबीआई के मुताबिक नीट-यूजी पेपर लीक के आरोपियों ने बहुत सावधानी बरती। शुरू में केवल उन 120 उम्मीदवारों को निशाना बनाया गया था, जिन्होंने पास हो जाने की स्थिति में उन्हें शुरूआती पैसे और 20 लाख रुपए के पोस्ट-डेटेड चेक देने की बात कही थी। सूत्रों ने बताया है कि आरोपी इस बात से परिचित थे कि अगर पेपर किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लीक हुआ तो इससे यह वायरल हो जाएगा और उनके मंसूबे विफल हो जाएंगे।
चार स्थानों पर हुआ ज्यादा नुकसान
सीबीआई सूत्रों ने कहा कि लीक से चार स्थानों को छोड़कर ज्यादा नुकसान नहीं हुआ और बड़ी तादाद में छात्र इसका फायदा हासिल नहीं कर पाए। सूत्रों ने कहा, ह्लनेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की भूमिका एक समिति द्वारा तय की जाएगी। हमने राउंड-अप जांच का एक हिस्सा पूरा कर लिया है और हम बड़ी साजिश की जांच करने के लिए आगे बढ़ेंगे।
अब तक मामले में 6 एफआईआर दर्ज
सीबीआई अब तक इस मामले में 6 एफआईआर दर्ज कर चुकी की है। बिहार में दर्ज की गई एफआईआर पेपर लीक से संबंधित है, जबकि गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र में दर्ज की गई एफआईआर उम्मीदवारों के स्थान पर दूसरे के स्थान पर बैठने और धोखाधड़ी से संबंधित हैं।