इशिका ठाकुर,कुरुक्षेत्र:
Nectar Festival of Freedom: उपायुक्त मुकुल कुमार ने कहा कि कुरुक्षेत्र का भूजल स्तर 30 से 50 फीट नीचे जा रहा है। कुरुक्षेत्र जिले के हर ब्लॉक में भूजल स्तर की स्थिति बहुत दयनीय है। इसलिए कुरुक्षेत्र जिले को रेड जोन में शामिल किया गया है। अब लोगों को कुरुक्षेत्र जिले को रेड जोन से बाहर निकालने के लिए कैच द रैन अभियान के साथ जुडना होगा। इस अभियान को जन-जन का अभियान बनाना होगा। इतना ही नहीं पानी को अपनी विरासत और धरोहर समझकर पानी को संरक्षित करने का संकल्प लेना होगा। अहम पहलू यह है कि पानी की एक-एक बूंद को बचाने के लिए कैच दॉ रैन अभियान को सफल बनाना होगा।
फसल विविधीकरण अपनाने और पानी को संरक्षित करने का दिया संदेश
उपायुक्त मुकुल कुमार मंगलवार को गांव खेड़ी मारकंडा में आजादी के अमृत महोत्सव के कार्यक्रमों की श्रृंखला में जिला प्रशासन द्वारा सामुदायिक केंद्र में आयोजित कैच दॉ रैन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। इससे पहले खेडी मारकंडा की ग्राम सभा में उपायुक्त मुकुल कुमार, जिला परिषद के सीईओ सतबीर कुंडू, बीडीपीओ साहब सिंह , समाजसेवी अंग्रेज सिंह ने खुद कैच दॉ रैन अभियान के जरिए जल को बचाने का संकल्प लेने के साथ-साथ गांव के सभी लोगों को पानी की एक-एक बूंद बचाने की शपथ दिलवाई। इस कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ऑनलाइन प्रणाली से जुडकर देशवासियों के साथ-साथ धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र के लोगों को जल शक्ति अभियान के कैच दॉ रैन कार्यक्रम का विधिवत रूप से शुभारंभ किया और लोगों को पानी का सदुपयोग करने, फसल विविधीकरण अपनाने और पानी को संरक्षित करने का संदेश भी दिया।
अपने घरों की छतों, दीवारों पर पानी की व्यवस्था करने की अपील
उपायुक्त मुकुल कुमार ने ग्राम वासियों से पानी बचाने के साथ-साथ पक्षियों के लिए अपने घरों की छतों, दीवारों पर पानी की व्यवस्था करने की अपील करते हुए कहा कि भारत सरकार की तरफ से वर्ष 2019 में पानी बचाने की मुहिम को शुरू किया था लेकिन 2 साल कोरोना महामारी के कारण यह अभियान बीच में ही रूक गया। अब महामारी का प्रकोप कम होने के कारण सरकार की तरफ से जल शक्ति मिशन के तहत कैच दॉ रैन अभियान की शुरूआत की है। इस अभियान को शुरू करने के पीछे सरकार का मकसद है कि अगर अब भी पानी के प्रति लोग जागरूक नहीं हुए तो आने वाले समय में पीने के पानी का संकट पैदा हो जाएगा और भावी पीढ़ी को एक-एक बूंद के लिए तरसना होगा।
सरकार ने कैच दॉ रैन कार्यक्रम का किया आगाज
इसलिए भविष्य की चिंता करते हुए सरकार ने कैच दॉ रैन कार्यक्रम का आगाज किया है। इस अभियान को जन आंदोलन बनाना है ताकि प्रत्येक व्यक्ति पानी की एक-एक बूंद की कीमत को जान सके और पानी को बचाने के लिए आगे आ सके। उन्होंने राजस्थान और महाराष्ट्र राज्यों का उदाहरण देते हुए कहा कि इन दोनों प्रदेशों में कई जगहों पर लोगों को पीने के पानी के लिए रेलगाड़ी के माध्यम से पानी की सप्लाई की जा रही है। इस प्रकार की परिस्थितियों को जहन में रखते हुए सरकार ने लोगों को पानी बचाने के प्रति जागरूक करने का एक अभियान शुरू किया है, सभी को अपना दायित्व समझकर पानी को बचाने के लिए आगे आना चाहिए।
जल बचाने के लिए विशेष ग्राम सभाओं का किया आयोजन
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सतबीर कुंडू ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के मायनों को जहन में रखते हुए आज पानी की एक-एक बूद को बचाने का संकल्प लेने का समय आ गया है। सभी लोगों को गेहूं और धान की फसल की बजाए अन्य फसलों को भी अपनाने की तरफ ध्यान देना होगा। इसके अलावा ड्रीप इरिगेशन जैसी प्रणाली को भी अपनाना होगा।
सरकार ने कैच द रैन कार्यक्रम की शुरूआत की है और कुरुक्षेत्र जिले के सभी गांव में ग्राम सभाओं का आयोजन किया गया। इन सभी ग्राम सभाओं में जल बचाने की शपथ दिलाई गई है। शहरों में रैन हार्वेस्टिंग सिस्टम को अपनाकर जल बचाने की शुरुआत की जा चुकी है, इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों को पानी की एक-एक बूंद बचाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में बीडीपीओ साहब सिंह ने मेहमानों का स्वागत किया और कहा कि जल बचाने के लिए पूरे जिले में विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम के मंच का संचालन जिला परियोजना अधिकारी भूषण पाल ने किया।
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