एनडीआरआई के वैज्ञानिकों ने एक बार फिर रचा इतिहास

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NDRI scientists once again created history

प्रवीण वालिया, करनाल:

  • देश में एक और क्लोन कटड़ी ने लिया जन्म
  • क्लोन भैंस से पैदा हुई सातवीं कटड़ी दीपा ने देश में अच्छी नस्ल के पशुओं की उम्मीद जगाई

करनाल के एनडीआरआई के वैज्ञानिकों ने एक बार फिर अपनी उपयोगिता साबित की। एनडीआरआई को लंबे अरसो के बाद खुशी मिली है। एनडीआरआई की क्लोन तकनीक की सफलता पर मुहर लगी। क्लोन भैंस से पैदा हुई सातवीं कटड़ी दीपा ने देश मे अच्छी नस्ल के पशुओं की उम्मीद जगाई है। पहली बार करनाल के एनडीआआई में संसार की पहली क्लोन कटड़ी गरिमा का जन्म हुआ था।

उसके बाद इस बार क्लोन भैंस गरिमा 2 ने सामान्य रूप से सातवीं कटड़ी को जन्म दिया। इसकी शुरूआत एनडीआई के पूर्व निदेशक डा. एके. श्रीवास्तव के कार्याकाल में हई। 22 साल में सात कटड़ी एनडीआरआई में क्लोन के माध्यम से पैदा हो चुकी है। अब एक ही समय में एक ही पशु से हजारों की संख्या में बच्चे, पैदा हो सकेंगे। देश के किसानों तक क्लोन तकनीक पहुंचने का अंतिम चरण भी सफलतापूर्वक पूरा हुआ।

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