- दो राज्यों के मुख्यमंत्रियों पर भी रहेंगी नजरें
Change possiblity In NDA Govt & BJP, अजीत मेंदोला, (आज समाज), नई दिल्ली: महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव के बाद राजग सरकार और भाजपा संगठन में बड़े बदलाव के आसार हैं।सूत्रों की माने तो चुनाव बाद सबसे पहले नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर दी जाएगी।इसके साथ ही संगठन के चुनाव की औपचारिकताएं जल्द पूरी कर ली जाएंगी। इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी भी अपनी टीम का पुनर्गठन कर कुछ नए चेहरों को मौका दे सकते हैं। सरकार से कुछ मंत्रियों को संगठन में भेजा जा सकता है।
सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि एक दो राज्यों में मुख्यमंत्रियों के चेहरे भी बदले जा सकते हैं। मुख्यमंत्रियों के कामकाज की भी समीक्षा की जा रही है।प्रधानमंत्री मोदी ने जुलाई में हुई भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में कुछ को कड़ी हिदायत दी थी।लोकसभा चुनाव में बहुमत से कम सीट आने के चलते उस समय केवल हिदायत दी गई थी।एक्शन अब हो सकता है।
हरियाणा की जीत ने बीजेपी का आत्मविश्वास वापस लौटाया वहीं प्रधानमंत्री मोदी और ताकतवर हुए हैं।प्रधानमंत्री सरकार और संगठन को और चुस्त दुरस्त करने के लिए कड़े कदम उठा सकते हैं।हरियाणा की जीत से मोदी की अगुवाई में राजग भी और सशक्त हो गया है।हरियाणा चुनाव से पूर्व तक कांग्रेस के रणनीतिकार राजग को कमजोर मान तमाम तरह की तैयारियों में जुटे हुए थे।उन्हें राजग में टूट की संभावनाएं दिखती थी। लेकिन हार के बाद विपक्ष पुरानी स्थिति में लौट आया हैं।उल्टा इंडिया गठबंधन की एकता खतरे में दिख रही है।
उत्तर प्रदेश और राजस्थान के उप चुनावों में असर पड़ गया।राजस्थान में कांग्रेस सातों सीटों पर अब अकेले चुनाव लड़ रही है,जबकि लोकसभा में दो रीजनल पार्टियों से गठबंधन किया था।उधर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस चुनावी मैदान से हट गई है।इस तरह सपा ही सभी 9 सीटों पर लड़ने जा रही है। कांग्रेस ने चुनाव न लड़ने के पीछे गठबंधन को ताकत देने की बात जरूर कही है,लेकिन सच्चाई यह है कि कांग्रेस ने हार की फजीहत से बचने के लिए कदम पीछे खींच लिए हैं।
लोकसभा चुनाव में 99 सीट जीत अपने को ताकतवर समझ रही कांग्रेस के तेवर अब कमजोर पड़ गए हैं ।महाराष्ट्र और झारखंड में भी बीजेपी ने बाजी पलट दी तो अगले महीने शुरू होने जा रहे शीतकालीन सत्र में कांग्रेस बचाव की मुद्रा में आ जाएगी। हालांकि विपक्ष उम्मीद कर रहा है कि महाराष्ट्र चुनाव में वह राजग को रोक देंगे,लेकिन जानकार मान रहे हैं कि महाराष्ट्र भी हरियाणा की राह पर है।भले ही महाविकास अगाड़ी में गठबंधन ऊपरी तौर पर एक दिख रहा है लेकिन कई सीटों पर आम सहमति नहीं बनने के चलते बागी बड़ी संख्या में खड़े किए जाएंगे।
महाविकास अगाड़ी में झगड़ा ज्यादा सीट लाने के साथ सीएम की कुर्सी का भी है।हरियाणा की तरह महा विकास अगाड़ी के नेताओं को लगता है कि जीत तय है। बीजेपी इसी आत्मविश्वास का फायदा उठाने की कोशिशों में जुट गई है।कांग्रेस ने महाराष्ट्र में अपने को बैकफुट पर किया है।लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा सीट जीतने वाली कांग्रेस ने तीनों दलों में बराबरी की सीट जारी करने में कोई विरोध नहीं किया। लेकिन इसके बाद भी बची हुई सीटों में भी बड़ा पेंच है।
कांग्रेस के सर्वोच्च नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में अपने नेताओं को कड़ी फटकार लगाई।राहुल इस बात से नाराज हैं अपनी सीट गठबंधन को क्यों दी जा रही हैं।महाराष्ट्र में मामला फंस भी सकता है।उद्धव ठाकरे की शिवसेना कई सीटों पर अड़ी हुई है।इंडिया गठबंधन के बाकी और घटक दल सपा, आप की भी दावेदारी है ।इसी पर बीजेपी की भी नजरें हैं।
बीजेपी हरियाणा की तरह महाविकास अगाड़ी की कमजोर कड़ियों को साधा रही है।कमजोर दिख रहे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनकी शिवसेना धीरे धीरे लड़ाई में दिखने लगी है।बीजेपी के रणनीतिकार अब इसी कोशिश में लगे हैं कि जैसे भी हो महाराष्ट्र में सरकार रिपीट करवानी है।इसमें संघ बीजेपी की पूरी मदद कर रहा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जल्द तूफानी दौरे शुरू हो जाएंगे।केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दौरे कर चुनाव पर पूरी नजर रखे हुए हैं।हरियाणा की तरह हर सीट पर बारीकी से काम किया जा रहा है।
उधर झारखंड में भी बीजेपी का गठबंधन मजबूत दिख रहा है।हरियाणा के बाद महाराष्ट्र और झारखंड अगर बीजेपी जीतती है तो राजग सरकार और संगठन में बड़े बदलाव तय हैं। पार्टी सबसे पहले नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर फैसला करेगी।सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत के बीच नए अध्यक्ष के नाम को लेकर मोटे तौर पर सहमति बन चुकी है।
विधानसभा चुनावों से निपटने के बाद दिसंबर तक नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर दी जायेगी। इसलिए 30 नवंबर तक बीजेपी के संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। नए अध्यक्ष के चयन के बाद संगठन में भी बदलाव होंगे।फिर केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी बदलाव के पूरे आसार हैं।इसके साथ एक दो राज्यों में मुख्यमंत्रियों के भविष्य का भी फैसला किया जाएगा।एक दो मुख्यमंत्रियों की शिकायतें और काम ठीक से डिलीवर न करने को लेकर फैसला होगा।
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