350 वर्ष प्राचीन है ये शिव मंदिर, यहां होती है हर मन्नत पूरी

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Shiva Temple is 350 Years Old
Shiva Temple is 350 Years Old

ऐतिहासिक स्थल में चलाना

जगदीश, Nawanshahr News: शहर के सोत्रा रोड स्थित प्राचीन शिव मंदिर में शिवबोडी और मंदिर में नर्बदा ज्योति शिवलिंग दर्शनीय है। मान्यता है कि ये शिवलिंग स्वयं प्रकट हुआ था। इतिहास ये भी बताता है कि इस मंदिर के आसपास पहलवानी हुआ करती थी। इसके साथ ही चोपड़ा परिवार का पशुबाड़ा भी था। मंदिर की स्थापना के संबंध में बंगा में चोपड़ा वंशज की आठवीं पीढ़ी से मयांराम, व्योसोला राम, मुसदीराम, जयराम और बंसत राम के पूर्वजनों को मौजूदा मंदिर स्थल पर स्वयं परगट ज्योति शिवलिंग के दर्शन हुए।

चोपड़ा परिवार ही करता था मंदिर की देखरेख

इसके बाद भगवान शिव ने प्रत्यक्ष बुजुर्ग के रूप में चोपड़ा परिवार को दर्शन देकर मंदिर निर्माण करने का आदेश दिया। मंदिर निर्माण कराने के बाद चोपड़ा परिवार इसकी देखरेख करता रहा। आजादी से पहले मंदिर की देखरेख स्वतंत्रता सेनानी हरिकृष्ण चोपड़ा के परिवार के हाथों में आई।

इसके बाद उनकी बेटी स्वतंत्रता सेनानी स्वर्णकांता के पति फ्रीडम फाइटर और पूर्व पार्षद बलदेव बेदी और उनका परिवार मंदिर का संरक्षक बन गया। लंबा समय बेदी परिवार ने शिव मन्दिर की सेवाभाव से सेवा संभाल और पूजा करता रहा। उधर, चोपड़ा परिवार से फ्रीडम फाइटर बासदेव चोपडा और बसंत राय के वंशज और हरिकिशन चोपड़ा, फ्रीडम फाइटर रामरखी चोपड़ा का परिवार बंगा में अभी भी रहता है। अब मंदिर की देखरेख पुजारी रमाकांत करते हैं।

यह है मंदिर की विलक्षणता

सावन मास में मंदिर में रोजाना ज्योति शिवलिंग पर जलाभिषेक और पंचन अमृत जल अभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं को भगवान शिव पार्वती संग नर्बदा ज्योतिर्लिंग पर आकृति के रूप में दर्शन देते हैं। मंदिर के पुजारी पंडित रमाकांत शर्मा बताते हैं कि सावन मास के चारों सोमवार तथा आम दिनों में 16 सोमवार नर्बदा ज्योति शिवलिंग पर जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है दरिद्रता भी दूर करते हैं भगवान शिव।

ये है भगवान भोले को पसंद

उन्होंने कहा कि इस स्थान पर सदस्य भगवान शिव को भांग धतूरे के फूल के साथ कचनार के फूल पीले फूल भी पसन्द है। जो श्रद्धालु श्रद्धा से भगवान शिव का जलाभिषेक करने के उपरान्त कनेर के पीले फूल अर्पित करता है उनकी मनोकामना पूर्ण करते हैं। बेलपत्र, भांग के साथ जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालु और नवविवाहता जोड़े को भगवान शिव पुत्रदात बखशते हैं। इस मंदिर में शिवरात्रि और सावन मास का मेला लगता है। इसमें पूजा पाठ करने वाले श्रद्धालुओं का मंदिर में तांता लगा रहता है।

मंदिर की शिवखोड़ी का अमृत है पानी

Shiva Temple is 350 Years Old
Shiva Temple is 350 Years Old

मंदिर से जुड़े हुए श्रद्धालु मुल्खराज, तरसेम, सुरिन्द्र कुमार का कहना है कि मन्दिर की शिवबोडी का पानी अमृत है। जो कई बीमारियों को ठीक करता है। खासकर के इस पानी से नहाने वाले चर्म रोगियों का रोग दूर होता है। बंगा क्षेत्र के मन्दिर के साथ जुड़े पुराने श्रद्धालु बताते हैं कि सन 1959 में रानो फिल्म की शूटिंग हुई। राजमहल बैनर के नीचे बनने वाले इस फिल्म का निर्देशन राज कपूर कर रहे थे।

इस फिल्म में के धार्मिक सीन इसी मन्दिर में फिल्माए गए, जिसमे फिल्म एक्ट्रेस गीता बाली ने अपने साथी कलाकारों के साथ भगवान शिव की अराधना की थी। सूत्रों गांव को जाने के कारण इस रोड का नाम सोतरा रोड पड़ गया पहले इसे टेंपल रोड कहा जाता था। चूंकि इस रोड की शुरूआत पर भगवान वाल्मीकि मंदिर के इलावा शिवमठ, भवन निक्कू शाह की दरगाह, दरगाह पीर लालावाला, प्राचीन शिव मंदिर (चोपड़ा -बेदी परिवार), सत भैणा माता मन्दिर, तथा बाबा बालकनाथ मंदिर स्थित है।

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