200 साल प्राचीन शिव मंदिर: यहां सावन में साधना से पूर्ण होती मनोकामना

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200 Years Old Shiva Temple
200 Years Old Shiva Temple

आज समाज डिजिटल, Nawanshahr News: बंगा का प्राचीन शिव मंदिर बाग मिश्रा करीब 200 साल पुराना है। मंदिर में वर्षों पहले स्थापित लघु ज्योति शिवलिंग पर सावन मास के 30 दिन कच्ची लस्सी, गंगा जल, सामान्य जल, शहद, दूध और दही के अलावा पंचामृत का अभिषेक करने पर शिव प्रसन्न होते हैं।

मान्यता: भगवान शिव देते हैं भक्तों को दर्शन

मान्यता ये भी है कि रोज बेलपत्र, धतूरा और भांग के अलावा अक्षत चढ़ाने के साथ जलाभिषेक करने से भी मनवांछित फल मिलता है। पुजारी विक्रम शास्त्री बताते हैं कि वे पिछले 25 साल से मंदिर में हैं। उनके अनुसार भगवान शिव यहां दर्शन देते हैं। शिव साधना और शिव साधना संकल्प लेकर जो साधक शिव मंदिर में पूजा अर्चना करता है। उसे भगवान शिव साक्षात दर्शन देकर वर देते हैं। ग्रामीण इलाकों के अलावा देश-विदेश में श्रद्धालु यहां आते हैं।

मंदिर में विदेशों से भी आते हैं श्रद्धालु

200 Years Old Shiva Temple
200 Years Old Shiva Temple

मंदिर से जुड़े भगतजन इंग्लैंड, अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कनाडा और यूरोप के दूसरे देशों में परिवार समेत स्थापित हो चुके हैं। मगर मंदिर के साथ उनका अटूट प्रेम है। मंदिर कमेटी की तरफ से बंगा का सबसे बड़ा महाशिवरात्रि उत्सव प्रमुखता से मनाया जाता है। सावन मास के प्रति सोमवार को यहां पर श्रद्धालुओं की लंबी लाइनें लगती हैं और शिव आराधना बाद दोपहर तक जारी रहती है। मंदिर कमेटी की ओर से श्रद्धालुओं के के लिए माथा टेकने से लेकर पूजा अर्चना के समान की पूरी व्यवस्था जहां पर की जाती ।

200 साल पहले की थी मंदिर की स्थापना

बंगा प्राचीन शिव मंदिर की स्थापना आज से 200 साल पहले मध्य प्रदेश से आए एक गरीब ब्राह्मण मिश्रा परिवार ने की थी। मंदिर के प्रधान डा. बलबीर राज शर्मा बताते हैं कि 200 साल पहले मध्य प्रदेश से आए पंडित बद्रीनाथ मिश्र के परिवार जो किसी वक्त था, को भगवान शिव ने स्वप्न में आकर मुकंदपुर रोड के मौजूदा स्थान पर शिव मंदिर बनाने का आदेश किया। बद्रीनाथ प्रभार ने मेहनत करके भगवान शिव के बताए स्थान पर शिव मंदिर बनाया और छोटा कुआं लगाया। कुएं से सभी जातियों के लोग 1990 तक पानी भर कर घरों को लेकर जाते रहे। मिश्रा परिवार के मंदिर की स्थापना करने के कारण ही इसका नाम प्राचीन शिव मंदिर बाग मिश्रा पड़ा।

पुत्र प्राप्ति और विदेश यात्रा के लिए करते हैं पूजा

पंडित प्रदीप शर्मा बताते हैं कि प्राचीन शिव मंदिर में साधक पुत्र प्राप्ति तथा विदेश जाने की इच्छा के लिए शिव साधना करते हैं तथा सावन मास में जो लोग पूरा मास, विकृतियों को खत्म करके, शुद्ध मन से भगवान शिव की साधना करते हैं। उन्हें संपूर्ण फल और मनोभावना पूर्ण होती है। उन्होंने बताया कि इस वार सावन मास 28 दिन का रहेगा।
-जगदीश, नवांशहर।

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