आज समाज डिजिटल, मुंबई: आत्मनिर्भर भारत के तहत रक्षा के मामले में देश ने छलांग लगाते हुए रविवार को एक और कामयाबी हासिल कर ली। स्वदेश निर्मित मिसाइल ‘आईएनएस मोरमुगाओ’ को रविवार को भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया गया। इस अवसर पर मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ‘आईएनएस मोरमुगाओ’ से देश की समुद्री ताकत और मजबूत होगी। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी इस मौके पर उपस्थित रहे।
आईएनएस मोरमुगाओ भारत में बने सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक- रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री ने कहा कि आईएनएस मोरमुगाओ भारत में बने सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक है और यह भारतीय समुद्री क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा। आईएनएस मोरमुगाओ दुनिया के सबसे तकनीकी रूप से उन्नत मिसाइल वाहकों में से एक है। राजनाथ ने कहा कि आईएनएस मोरमुगाओ की प्रणालियां न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य की जरूरतों को भी पूरा करने में सक्षम होंगी। यह हमारी स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमता का भी एक उदाहरण है और भविष्य में भारत भी दुनिया के लिए जहाज निर्माण करेंगे। बता दें कि पश्चिमी तट पर गोवा के ऐतिहासिक बंदरगाह शहर के नाम पर नामित, मोरमुगाओ ने 19 दिसंबर 21 को उस समय अपनी पहली समुद्री उड़ान भरी थी जब गोवा ने पुर्तगाली शासन से 60 साल की मुक्ति का जश्न मनाया था। इस युद्धपोत का डिजाइन भारतीय नौसेना के स्वदेशी संगठन ने तैयार किया है और निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने किया है।
मोरमुगाओ चार में से दूसरा विध्वंसक
भारतीय नौसेना के अनुसार, आईएनएस मोरमुगाओ युद्धपोत दूरसंवेदी उपकरणों, आधुनिक रडार और सतह से सतह पर वार करने वाली मिसाइल है। ये सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल जैसी हथियार प्रणालियों से भी लैस है। नौसेना ने बताया कि इस युद्धपोत की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर तथा वजन 7,400 टन है। बता दें कि ये मिसाइल ‘विशाखापत्तनम’ श्रेणी के चार विध्वंसकों में से दूसरा विध्वंसक है।
यह भी पढ़ें – Transgender Judge Joyita Mondal : ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों व विकास के लिए आरक्षण जरूरी
यह भी पढ़ें – देश को सुपर पावर बनाने के लिए प्रधानमंत्री के ‘पंच प्रण’ पूरे करने जरूरी : राजनाथ