(Navratri News) लोहारू। शारदीय नवरात्र की शुरुआत 3 अक्टूबर से हो रही है तथा इसी के साथ ही त्योहारी सीजन की शुरुआत भी हो जाएगी। ऐसे में माता के भक्तों के साथ-साथ व्यापारी वर्ग ने भी अपनी त्योहारी सीजन की तैयारियां शुरू कर दी है। इस बार नवरात्र पर घट स्थापना के समय पूरे दिन हस्त नक्षत्र में शुभ संयोग रहेगा। वहीं तृतीया तिथि की वृद्धि से नवरात्र दस दिन के होंगे।

नवरात्र में लोहारू के पहाड़ी माता मंदिर, देवसर में पहाड़ी माता मंदिर, जड़वा स्थित प्राचीन माता मंदिर, सतनाली के जमवाय माता मंदिर सहित सभी शक्ति मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी तथा मेलों का भी आयोजन होगा। नवरात्रि पर्व के साथ ही त्योहारी सीजन की शुरुआत के साथ ही बाजारों में रौनक देखने को मिलेगी। व्यापारियों ने भी नवरात्रि के लिए अभी से तैयारियां शुरू की दी है।

पंडित दिनेश मिश्रा ने बताया कि हर बार नवरात्र स्थापना पर चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग रहता है, जो कि घट स्थापना में टाला जाता है। लेकिन इस बार कन्या राशि में चतुर्ग्रही योग बनेगा। जिसमें बुध, सूर्य, केतु विराजमान रहेंगे। पूरे और चंद्रमा दिन हस्त नक्षत्र में शुभ संयोग रहेगा। इसके अलावा कन्या राशि में सूर्य बुध से बुधादित्य योग का निर्माण होगा। साथ ही शुक्र और राहु ग्रह के बीच षडाष्टक योग भी बनेगा।

आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से हर वर्ष शारदीय नवरात्र की शुरुआत होती है। इस बार आश्विन शुक्ल प्रतिपदा 3 अक्टूबर गुरुवार को है, इस दिन हस्त नक्षत्र में नवरात्र शुरू होंगे। कन्या राशि का चंद्रमा रहेगा, वह भी शुभदायक है। नवरात्र पूरे दस दिनों के होंगे। 12 अक्टूबर को महानवमी के साथ नवरात्र पूर्ण होंगे, इसी दिन दशहरा भी मनाया जाएगा।

शुभ समृद्धि का प्रतीक

मिश्रा ने बताया कि शारदीय नवरात्र में इस बार तृतीया तिथि की वृद्धि हुई हैं। तृतीया तिथि शनिवार और रविवार दो दिन रहेगी। इससे नवरात्र 10 दिन के हो गए हैं. लेकिन महानवमी शनिवार 12 अक्टूबर को सुबह 11 बजे तक रहेगी। उसके बाद दशमी तिथि शुरू हो जाएगी। शाम को प्रदोष वेला में दशमी होने से दशहरा 12 अक्टूबर शनिवार को ही मनाया जाएगा। नवरात्र में तिथि वृद्धि होना शुभ फलदायक माना गया है। शास्त्रों में मान्यता है कि बढ़ा हुआ नवरात्र शुभ समृद्धि लाता है।

स्थापना का मुहूर्त

देवी पुराण में प्रात: के समय ही देवी का आह्वान, स्थापना व पूजन करने का लिखा है। अत: प्रात: काल में ही देवी का आह्वान कर घट स्थापना की जाएगी। घट स्थापना का समय इस प्रकार है:-

सर्वोत्तम समय : प्रात: काल 6 बजे 24 मिनट 8 बजे 45 मिनट तक।

अभिजीत मुहूर्त : दिन में 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक।

चौघडिय़ा मुहूर्त शुभ का : 
चौघडिय़ा प्रात 6 बजकर 24 मिनट से 7 बजकर 52 मिनट तक।

चर, लाभ व अमृत के चौघडिय़े : दिन के 10 बजकर 48 मिनट से दोपहर 3 बजकर 12 मिनट तक। वैसे नवरात्रि का पूरा दिन शुभ रहेगा।

 

 

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