Navjot Kaur Sidhu: नीम-हल्दी खाकर मौत के मुंह से लौटी कैंसर पीड़ित नवजोत कौर

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Navjot Kaur Sidhu: नीम-हल्दी खाकर मौत के मुंह से लौटी कैंसर पीड़ित नवजोत कौर
Navjot Kaur Sidhu: नीम-हल्दी खाकर मौत के मुंह से लौटी कैंसर पीड़ित नवजोत कौर
  • नवजोत को डॉक्टर ने दे दिया था जवाब
  • आयुर्वेद अपनाकर मिल गई नई जिंदगी
  • लाइफस्टाइल भी बदला : नवजोत सिंह

Navjot Kaur Sidhu Health, (आज समाज), चंडीगढ़: कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू (Navjot Kaur Sidhu) ने कैंसर को मात दे दी है। नीम, हल्दी, लौंग, दालचीनी, इलायची और आंवला जैसी कई आयुर्वेदिक चीजों का सेवन और लाइफस्टाइल व डाइट में बदलाव करके वह मौत के मुंह से लौट आई हैं। नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने प्रेस कांफ्रेंस करके यह जानकारी दी है। लाइफस्टाइल व डाइट में बदलाव करके नवजोत सिद्धू ने अपना वजन कम कर लिया है।

मेडिकली कैंसर मुक्त घोषित किया गया

नवजोत सिद्धू ने अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन के दौरान खुशी जाहिर करते हुए बताया कि किन-किन चीजों के सेवन से और लाइफस्टाइल में बदलाव करके पत्नी नवजोत कौर (नोनी ) जानलेवा रोग कैंसर उबर गई हैं। उन्हें मेडिकली कैंसर मुक्त घोषित कर दिया गया है।

2 साल पहले कैंसर पीड़ित होने का पता चला

पूर्व क्रिकेटर ने कहा, मुझे गर्व महसूस हो रहा है कि नोनी (नवजोत कौेर) चिकित्सकीय तौर पर कैंसर मुक्त हो गई हैं। सिद्धू ने बताया कि लगभग 2 साल पहले उन्हें खुद के कैंसर पीड़ित होने की जानकारी मिली थी और अब वह इस रोग से पूरी तरह मुक्त हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद द्वारा कैंसर पर लिखी किताबें पढ़ीं। इसके अलावा अमेरिकी व इंडिया डॉक्टरों की कैंसर पर बनाई गई पुस्तकें पढ़ीं।

हमने किताबें पढ़ीं और खान-पान चैंज किया : सिद्धू 

नवजोत सिद्धू ने कहा, हमने ठान लिया था  कि जीवनशैली यानी लाइफस्टाइल व खाने और पीने की आदतें चैंज करनी होंगी और हमने की और आज परिणाम सामने है। हमारे इन्हीं बदलावों ने कैंसर को कम करने में हमारी मदद की। सिद्धू ने बताया कि 45 दिन बाद पूर्व विधायक नवजोत कौर सिद्धू की सर्जरी हुई और पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी (पीईटी) स्कैन में उनके कैंसर फ्री होने की जानकारी मिली।

ब्रेस्ट सर्जरी करानी पड़ी, 40 दिन में दी मात 

नवजोत सिद्धू ने बताया कि नोनी को स्टेज-IV इनवेसिव कैंसर का पता चला था और इसके ‘रेयरेस्ट मेटास्टेसिस’ के लिए उन्हें ब्रेस्ट सर्जरी करवानी पड़ी थी। उन्होंने बताया कि डॉक्टर्स ने हाथ खड़े कर दिए थे, पर उनके हौसले ने इस जानलेवा रोग को खत्म कर दिया। नवजोत कौर ने केवल 40 दिन में कैंसर को हरा दिया। सिद्धू ने बताया, नोनी के रुटीन और लाइफस्टाइल ने कैंसर को हराने में अहम भूमिका निभाई।

 मैंने हिम्मत रखी, बहादुरी से रोग से लड़ीं : नवजोत कौर

नवजोत सिद्धू ने बताया कि डॉक्टरों ने थर्ड स्टेज में ही उम्मीद खो दी थी। नवजोर कौर ने कहा, बेटे की शादी के बाद मुझमें फिर कैंसर लौट आया था और मुझे जीवित बचने पर संदेह था, पर उम्मीद कभी नहीं खोई। मैंने हमेशा हिम्मत रखी और बहादुरी के साथ मैं बीमारी से लड़ीं।

कच्ची हल्दी, नींबू पानी, नीम व तुलसी पत्तों का सेवन

नवजोत सिद्धू ने बताया कि रिकवरी के दौरान, मैंने और नोनी ने अपनी दिनचर्या में कच्ची हल्दी, नींबू पानी, नीम व तुलसी के पत्ते, विटामिन सी से भरपूर फल, एप्पल साइडर विनेगर, कद्दू, अनार, चुकंदर, अखरोट, जैसी चीजों का इस्तेमाल किया। साथ ही खाने में एंटी-कैंसर और एंटी-इंफ्लेमेटरी चीजें शामिल कीं।

लौंग, दालचीनी, इलायची व गुड़ वाली चाय, खाद्य तेल ये

सिद्धू ने बताया कि खाना बनाने के लिए हमने कोल्ड प्रेस्ड तेल, जैसे जिसमें मूंगफली का तेल, नारियल का तेलव बादाम तेल का इस्तेमाल किया। उन्होंने बताया कि हमारे दिन की शुरुआत लौंग, दालचीनी, इलायची व गुड़ वाली चाय से होती थी। खाने के समय में गैप रखना भी जरूरी है। पत्नी नोनी के साथ-साथ सिद्धू ने भी लाइफस्टाइल व डाइट में बदलाव किया और इससे उनके भी फैटी लिवर की समस्या खत्म हो गई। साथ ही 25 किलो वजन कम हो गया।

सिद्धू दंपित ने ये भी किए अनुभव शेयर 

सिद्धू दंपति ने बताया कि कैंसर के रोगी मीठा खाने से दूर रहें। काबोर्हाइट भी न खाएं। इससे कैंसर सेल्स खुद-ब आप मरने लग जाते हैं। कैंसर पीड़ित रोज शाम 6 बजे तक रात का खाना खा लें। अगले दिन 10 बजे नींबू पानी से अपने दिन की शुरुआत करें। फिर 10- 12 नीम के पत्ते चबाकर खाएं।

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