Naval Commanders Conference On INS Vikrant: समुद्र के बीच आईएनएस विक्रांत पर कल से पहली बार नौसेना कमांडरों की बैठक

0
406
Naval Commanders Conference On INS Vikrant
समुद्र के बीच आईएनएस विक्रांत पर कल से पहली बार नौसेना कमांडरों की बैठक

आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली:
Naval Commanders Conference On INS Vikrant:भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर समुद्र के बीच पहली बार सोमवार (6 मार्च) से नौसेना कमांडरों का पहला सम्मेलन होगा। सम्मेलन पांच दिन तक चलेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इसका उद्घाटन करेंगे और इस अवसर पर वह नौसेना के शीर्ष कमांडरों को संबोधित भी करेंगे। सम्मेलन में सुरक्षा से जुड़े सैन्य और रणनीति स्तर पर महत्वपूर्ण चर्चा के अलावा कई विषयों पर बातचीत होगी। बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में आईएनएस विक्रमादित्य पर संयुक्त कमांडर कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया था।

  • 5 दिन चलेगी कांफ्रेंस, पहले दिन राजनाथ करेंगे संबोधित
  • सैन्य व रणनीति स्तर पर होगी अहमत बातचीत

भविष्य की योजनाओं पर भी विचार-विमर्श

नौसेना कमांडर सम्मेलन के पहले संस्करण में इस बार बीते छह महीनों में नेवी द्वारा किए गए प्रमुख आपरेशंस के अलावा सामग्री, रसद, मानव संसाधन विकास, लॉजिस्टिक, प्रशिक्षण और प्रशासनिक गतिविधियों की समीक्षा करेंगे और महत्वपूर्ण गतिविधियों तथा पहलों के लिए भविष्य की योजनाओं पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। इस दौरान नौसेना कमांडरों को 22 नवंबर को भारतीय नौसेना में लागू की गई ‘अग्निपथ योजना’ पर अपडेट भी दिया जाएगा।

सीडीएस, सेना व वायु सेना प्रमुख भी बातचीत करेंगे

सूत्रों का यह भी कहना है कि हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों पर भी नौसेना के टॉप कमांडर्स बैठक में चर्चा करेंगे। इसके अलावा चीफ आॅफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस), भारतीय सेना व वायु सेना के प्रमुख भी सम्मेलन के दौरान नौसेना के कमांडरों के साथ बातचीत करेंगे।

चर्चा का उद्देश्य देश की रक्षा और भारत के राष्ट्रीय हितों के प्रति तालमेल और तत्परता के साथ तीन सेवाओं के बीच सामान्य परिचालन माहौल स्थापित करना है। पहले दिन की गतिविधियों के तहत समुद्र में अपनी ताकत दिखाने की भी योजना है। बता दें कि सम्मेलन नौसेना कमांडरों को वह मंच प्रदान करता है जिसमें सैन्य-रणनीतिक स्तर पर महत्वपूर्ण सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा होती है। इस वर्ष के सम्मेलन की खास विशेषता यह है कि इसका पहला चरण समुद्र में हो रहा है और पहली बार आईएनएस विक्रांत इसकी मेजबानी करेगा।

छह महीने पहले नौसेना में शामिल हुआ था पोत

आईएनएस विक्रांत को नौसेना में शामिल हुए छह महीने बीत चुके हैं। फिलहाल इस पर तैनात होने वाले लड़ाकू विमानों का ट्रायल चल रहा है। अभी आईएनएस विक्रांत पर उड़ान परीक्षण किए जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फरवरी में स्थानीय रूप से बनाए गए लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट और रूसी-मूल मिग-29‘ के नौसेना संस्करण का एक प्रोटोटाइप पहली बार वाहक से उतारा गया और पहली बार आईएनएस विक्रांत से उड़ान भरा। वहीं, फ्रेंच राफेल एम फाइटर ने पिछले दिसंबर में आईएनएस विक्रांत के लिए एक सीधी प्रतियोगिता में अमेरिकी एफ/ ए-18 सुपर हॉर्नेट को रेस से बाहर कर दिया। राफेल का निर्माण दसॉल्ट एविएशन द्वारा किया जाता है, जबकि सुपर हॉर्नेट एक अमेरिकी विमान है।

ये भी पढ़ें : H3N2 Subtype of Influenza Virus: देश में बढ़ रहे कोविड जैसे फ्लू के केस, खांसी, सिरदर्द व बुखार लक्षण