मनोज वर्मा, कैथल:
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर केंद व राज्य सरकारों की सार्वजनिक सेवाओं व कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ राष्ट्रीय प्रतिरोध दिवस मनाया जायेगा। इसकी तैयारी के लिए सर्व कर्मचारी संघ के ब्लॉक सचिव शिवदत्त शर्मा के नेतृत्व में पशुपालन विभाग, खाद्य आपूर्ति, एग्रो, आई टी आई, पब्लिक हेल्थ, हैफेड, मार्केट कमेटी, जिला उद्योग केंद्र, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालयों व विभिन्न स्कूलों में टीमें चलाई गई। उन्होंने कहा कि प्रतिरोध दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया जायेगा।
विभिन्न विभागों व स्कूलों में कर्मचारियों एवं शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के जिला प्रधान जरनैल सिंह, जिला सचिव रामपाल शर्मा व सहसचिव ओमपाल भाल ने कहा कि 15 जुलाई की तैयारी हेतु सभी ब्लॉकों में टीमें गठित करके जिले में कार्यरत सभी कर्मचारियों तक पहुंचा जायेगा। उन्होंने कहा कि करोना महामारी की आड़ में सरकार पूंजीपतियों को मुनाफा पहुंचाने के लिए देश की मेहनतकश जनता की खून पसीने की कमाई से खड़े किए गए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण कर रही है। केंद्र सरकार का एनपीएस को खत्म कर पुरानी पेंशन की बहाली, ठेका प्रथा समाप्त कर अनुबंधित कर्मचारियों को पक्का करने की मांग को लेकर घोर उपेक्षा पूर्ण रवैया जारी है। महंगाई भत्ते पर जनवरी 2020 से लगाई गई रोक लगाई हुई है और अब भी इस बारे चुप्पी साधे हुए है। इसके साथ ही पूंजीपतियों के हकों में जहां श्रम कानूनों को बदल दिया गया है। वहीं किसान व खेती विरोधी कानूनों को संसद में जबरदस्ती पास कर दिया गया है। केंद्र व राज्य सरकार शिक्षा,स्वास्थ्य ,जनस्वास्थ्य, बिजली व परिवहन समेत सभी जनसेवाओं के विभागों का निजीकरण कर रही है। उन्होंने बताया कि स्थानीय स्तर पर भी नगरपालिका के 65 रात्रि सफाई कर्मचारियों को 7 महीने से और स्वास्थ्य ठेका कर्मचारियों को 2 महीने से वेतन नहीं दिया जा रहा है,जिसे लेकर ये कर्मचारी घोर आर्थिक संकट से जूझ रहे है। वन मजदूर यूनियन की 22 अप्रैल को वन मंडल अधिकारी के साथ लंबित माँगे पूरी करने बारे लिखित में सहमति बनी थी,परंतु संबंधित अधिकारी द्वारा उनकी समस्याओं का अभी तक कोई समाधान नहीं किया गया है। स्वास्थ्य ठेका कर्मचारियों को बेबजह हटाया जा रहा है। संगठन कर्मचारियों के साथ अधिकारियों द्वारा की जा रही इस तरह की मनमानी को बिल्कुल भी सहन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि अगर कर्मचारियों की स्थानीय समस्याओं को अतिशीघ्र हल नहीं किया गया व जनविरोधी नीतियों को वापिस नहीं लिया गया तो किसानों, मजदूरों व तमाम मेहनतकश जनता को लामबंद करते हुए आंदोलन तेज किया जायेगा, जिसका खामियाजा केंद्र एवं राज्य सरकार व संबंधित अधिकारियों को भुगतना पड़ेगा।
इस अवसर पर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के पूर्व जिला सचिव बूटा सिंह, जसबीर सिंह, राजबाला, नर्वदा, नीतू चावला,करनैल सिंह, प्रेमचंद राठी, फायर से राजेश कुमार, पब्लिक हेल्थ से राजकुमार चहल, सुरेश धारीवाल व सतीश शर्मा, आई टी आई से अनिल दुल,शमशेर मलिक, जोगिंद्र सिंह अशोक कुमार व वकील सिंह, खाद्य आपूर्ति विभाग से जगदीश कुमार समेत उक्त सभी विभागों के कर्मचारी बड़ी तादाद में उपस्थित रहे।
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर केंद व राज्य सरकारों की सार्वजनिक सेवाओं व कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ राष्ट्रीय प्रतिरोध दिवस मनाया जायेगा। इसकी तैयारी के लिए सर्व कर्मचारी संघ के ब्लॉक सचिव शिवदत्त शर्मा के नेतृत्व में पशुपालन विभाग, खाद्य आपूर्ति, एग्रो, आई टी आई, पब्लिक हेल्थ, हैफेड, मार्केट कमेटी, जिला उद्योग केंद्र, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालयों व विभिन्न स्कूलों में टीमें चलाई गई। उन्होंने कहा कि प्रतिरोध दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया जायेगा।
विभिन्न विभागों व स्कूलों में कर्मचारियों एवं शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के जिला प्रधान जरनैल सिंह, जिला सचिव रामपाल शर्मा व सहसचिव ओमपाल भाल ने कहा कि 15 जुलाई की तैयारी हेतु सभी ब्लॉकों में टीमें गठित करके जिले में कार्यरत सभी कर्मचारियों तक पहुंचा जायेगा। उन्होंने कहा कि करोना महामारी की आड़ में सरकार पूंजीपतियों को मुनाफा पहुंचाने के लिए देश की मेहनतकश जनता की खून पसीने की कमाई से खड़े किए गए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण कर रही है। केंद्र सरकार का एनपीएस को खत्म कर पुरानी पेंशन की बहाली, ठेका प्रथा समाप्त कर अनुबंधित कर्मचारियों को पक्का करने की मांग को लेकर घोर उपेक्षा पूर्ण रवैया जारी है। महंगाई भत्ते पर जनवरी 2020 से लगाई गई रोक लगाई हुई है और अब भी इस बारे चुप्पी साधे हुए है। इसके साथ ही पूंजीपतियों के हकों में जहां श्रम कानूनों को बदल दिया गया है। वहीं किसान व खेती विरोधी कानूनों को संसद में जबरदस्ती पास कर दिया गया है। केंद्र व राज्य सरकार शिक्षा,स्वास्थ्य ,जनस्वास्थ्य, बिजली व परिवहन समेत सभी जनसेवाओं के विभागों का निजीकरण कर रही है। उन्होंने बताया कि स्थानीय स्तर पर भी नगरपालिका के 65 रात्रि सफाई कर्मचारियों को 7 महीने से और स्वास्थ्य ठेका कर्मचारियों को 2 महीने से वेतन नहीं दिया जा रहा है,जिसे लेकर ये कर्मचारी घोर आर्थिक संकट से जूझ रहे है। वन मजदूर यूनियन की 22 अप्रैल को वन मंडल अधिकारी के साथ लंबित माँगे पूरी करने बारे लिखित में सहमति बनी थी,परंतु संबंधित अधिकारी द्वारा उनकी समस्याओं का अभी तक कोई समाधान नहीं किया गया है। स्वास्थ्य ठेका कर्मचारियों को बेबजह हटाया जा रहा है। संगठन कर्मचारियों के साथ अधिकारियों द्वारा की जा रही इस तरह की मनमानी को बिल्कुल भी सहन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि अगर कर्मचारियों की स्थानीय समस्याओं को अतिशीघ्र हल नहीं किया गया व जनविरोधी नीतियों को वापिस नहीं लिया गया तो किसानों, मजदूरों व तमाम मेहनतकश जनता को लामबंद करते हुए आंदोलन तेज किया जायेगा, जिसका खामियाजा केंद्र एवं राज्य सरकार व संबंधित अधिकारियों को भुगतना पड़ेगा।
इस अवसर पर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के पूर्व जिला सचिव बूटा सिंह, जसबीर सिंह, राजबाला, नर्वदा, नीतू चावला,करनैल सिंह, प्रेमचंद राठी, फायर से राजेश कुमार, पब्लिक हेल्थ से राजकुमार चहल, सुरेश धारीवाल व सतीश शर्मा, आई टी आई से अनिल दुल,शमशेर मलिक, जोगिंद्र सिंह अशोक कुमार व वकील सिंह, खाद्य आपूर्ति विभाग से जगदीश कुमार समेत उक्त सभी विभागों के कर्मचारी बड़ी तादाद में उपस्थित रहे।