नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष इन दिनों वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के माध्यम सेदेश की अर्थव्यवस्था और कोरोना महामारी के संबंध में चर्चा कर रहें हैं। पहले उन्होंने रघुराम राजन और नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी से भी आर्थिक मुद्दों पर चर्चा की थी। अब उन्होंने शुक्रवार को हार्वर्ड के राजनयिक और अंतर्राष्ट्रीय संबंध के प्रोफेसर एम्बेसडर निकोलस बर्नस से बात की। राहुल गांधी ने बातचीत में कहा कि मुझे लगता है कि विभाजन वास्तव में देश को कमजोर करने वाला होता है। लेकिन विभाजन करने वाले लोग इसे देश की ताकत के रूप में दिखाते हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, ‘जब अमेरिका में अफ्रीकी-अमेरिकियों, मैक्सिकन और अन्य लोगों को बांटते हैं और इसी तरह से भारत में हिंदुओं, मुस्लिमों और सिखों को बांटते हैं तो आप देश की नींव को कमजोर कर रहे होते हैं। लेकिन फिर देश की नींव को कमजोर करने वाले यही लोग खुद को राष्ट्रवादी कहते हैं।’ राहुल गांधी ने कहा कि मुझे लगता है कि लोकतंत्र ही सही रास्ता है, इसलिए हमें अपने लोकतंत्र को और भी मजबूत करना होगा। आज दोनों ही देशों में लोग बोलने से डर रहे हैं, लेकिन हमें पहले जैसी स्थिति को फिर से वापस लाना होगा। निकोलस बर्न्स ने कोरोना महामारी के संबंध में कहा कि जी20 देशों को इस महामारी से उपजे संकट में साथ आना था, लेकिन ये नहीं हो पाया। पीएम मोदी, राष्ट्रपति ट्रंप और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे जैसे वैश्विक नेताओं को इस मुद्दे पर एक मंच पर आना था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। राष्ट्रपति ट्रंप का मानना है कि वह अमेरिका को अकेले ही आगे ले जा सकते हैं और जिनपिंग उनसे लड़ना चाहते हैं।