आज समाज डिजिटल, अंबाला:
राजू श्रीवास्तव, नाम लेते ही एक हंसता चेहरा सामने घूमने लगता है। आज राजू हमारे बीच नहीं हैं। हम सब के जीवन में हंसी भरने वाला राजू आज अपने किरदार के विपरीत काम कर गया। वह विदाई का गम देकर हमारे चेहरे से हंसी छीन गया। कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव का आज निधन हो गया है।
असल में भी जिंदादिल इंसान थे राजू
राजू श्रीवास्तव स्टेज पर अपनी कॉमेडी के दम पर सभी को बता गए कि वे असल जिंदगी में भी बहुत जिंदादिल इंसान थे। राजू की प्रोफेशनल लाइफ के बारे में तो ज्यादातर लोग जानते हैं। उनकी असल जिंदगी में भी कुछ ऐसे किस्से रहे हैं, जिन्हें हम भूल नहीं सकते। हमारे बीच में बहुत से ऐसे लोग हैं जो इन किस्सों से अनभिज्ञ हैं। आईये आज इन किस्सों के माध्यम से श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं अपने चहेते रहे कामेडियन राजू श्रीवास्तव को।
बेटा सितार वादक तो बेटी डायरेक्टर
राजू श्रीवास्तव के बेटे एक सितार वादक हैं। वह अक्सर राजू के साथ उनके शोज में भी नजर आते थे। उनकी बेटी अंतरा भी अपने पेशे से डायरेक्टर हैं और उन्होंने ‘फुल्लू’, ‘पलटन’, ‘द जॉब’, ‘पटाखा’ और ‘स्पीड डायल’ जैसी फिल्में की हैं। कानपुर की गलियों से निकलकर सबको हंसाने वाले राजू श्रीवास्तव को लोग गजोधर भईया या फिर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव के नाम से ही जानते हैं, लेकिन यह बहुत ही कम लोगों को यह पता है कि राजू श्रीवास्तव का असली नाम सत्यप्रकाश श्रीवास्तव था।
गजोधर भैया के नाम की कहानी
गजोधर भैया का नाम लेते ही हमारे जहन में राजू श्रीवास्तव का चेहरा घूमने लगता है। इस किरदार से उन्हें खूब पहचान मिली। उन्होंने टीवी के कॉमेडी शो ‘द ग्रेट इंडियन लॉफ्टर चैलेंज’ में इसी किरदार के माध्यम से सफलता की पहली सीढ़ी चढ़ी। इसके बाद आगे बढ़ते चले गए। सबसे दिलचस्प बात यह है कि यह काल्पनिक किरदार नहीं, बल्कि गजोधर भैया वास्तविकता में थे। राजू का ननिहाल बेहटा सशान में था। वहां पर एक बुजुर्ग गजोधर रहते थे। वह रुक-रुक कर बोलते थे, उन्हीं का किरदार राजू ने अपनाया और उस किरदार को लोगों ने भी बहुत पसंद किया।
करियर की शुरुआत 50 रुपये से
राजू श्रीवास्तव ने अपने करियर में स्टेज शोज से लेकर फिल्मों तक में काम किया था। शुरूआती दिनों में राजू श्रीवास्तव को स्टेज शो के लिए 50 रुपये मिलते थे। वहीं, सफलता मिलने के बाद वह एक शो के ही 5 से 10 लाख रुपये चार्ज करने लगे थे। कॉमेडियन राजू करीब 15 से 20 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक थे, जिसे अब वह अपने परिवार के लिए छोड़ गए हैं।
कवि परिवार में जन्में थे राजू
कम ही लोग जानते होंगे कि कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव का जन्म एक कवि परिवार में हुआ था। कानपुर में जन्में कॉमेडियन राजू के पिता रमेश चंद्र श्रीवास्तव जाने-माने कवि थे और वह बलई काका के नाम से मशहूर थे। राजू को शुरुआती दिनों में कलाकारों की मिमिक्री करने का शौक था। इसलिए वह घर के अलावा स्कूल और पार्टी आदि में भी लोगों का मनोरंजन करते रहते थे। हालांकि इस वजह से कई बार घर में डांट भी खानी पड़ती थी, क्योंकि उनकी मां चाहती थी वह पढ़-लिखकर कोई अच्छी नौकरी करें, लेकिन राजू श्रीवास्तव ने अपनी मेहनत से कॉमेडी में ही एक अलग मुकाम पाया।
जैकेट के लिए थे परेशान, दो साल बाद मिला
राजू श्रीवास्तव अपने शोज के लिए अलग-अलग जगहों पर जाते थे। वे जयपुर में गए थे, जहां पर बैकस्टेज अपना जैकेट उतारा था, लेकिन बाद में उन्हें वहां पर जैकेट नहीं मिला। इसके दो साल बाद जब राजू श्रीवास्तव दोबारा से जयपुर गए तो एक व्यक्ति ने हाथ लगाते हुए पूछा कि मुझे पहचाना क्या? इस पर राजू ने नहीं में जवाब दिया। तब उस व्यक्ति ने बताया कि आपका जैकेट गुम हो गया था, यह वही है जो मैंने पहन रखा है, यह मेरे लिए अनमोल है, इसलिए मैं इसे अपने साथ ले गया था। इस बारे में राजू श्रीवास्तव ने कहा था कि जयपुर के प्रशंसकों ने यदि किसी की प्रशंसा कर दी तो वह असल कलाकार होता है।
दिलचस्प रही प्रेम कहानी, 12 साल बाद शादी
कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव की प्रेम कहानी भी बेहद फिल्मी रही। 1981 में उनके बड़े भाई की शादी फतेहपुर में तय हुई।वहीं उन्होंने शिखा को पहली बार देखा और प्यार हो गया। इसके बाद राजू श्रीवास्तव ने सोच लिया था कि उनसे ही शादी करनी है, जिसके बाद उन्होंने शिखा के बारे में छानबीन की तो पता चला ये भाभी के चाचा की बेटी हैं और इटावा में रहती हैं। इसके बाद वह कोई न कोई बहाना लेकर इटावा जाने लगे, लेकिन कुछ बोलने की हिम्मत ही नहीं थी। इसलिए राजू उनके घर पर चिट्ठियां भेजा करते थे। 12 साल के बाद दोनों ने 17 मई 1993 को शादी कर ली।
प्रधानमंत्री मोदी की मिमिक्री करने का किया था वादा
राजू श्रीवास्तव सेलेब्स के साथ ही राजनेताओं की मिमिक्री भी किया करते था। उन्होंने एक बार कहा था कि अक्सर मुझ पर आरोप लगता है कि आप लालू यादव, मुलायम सिंह यादव, आडवाणी आदि राजनेताओं की मिमिक्री करते हैं लेकिन नरेंद्र मोदी की नहीं। यहां तक एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने खुद मुझसे यह सवाल पूछा था। मैंने उनसे कहा कि आपकी आवाज की कोशिश कर रहा हूं, जल्द ही लोगों को आपका किरदार निभाता दिखूंगा।
बिग-बी को पसंद करते थे राजू
राजू श्रीवास्तव मजेदार चुटकुलो से तो हंसाते ही थे इसके अलावा वह मिमिक्री करने में भी माहिर थे। उन्होंने अमिताभ बच्चन की भी खूब मिमिक्री की और तारीफें लूटीं। कई बार राजू श्रीवास्तव ने अवॉर्ड शो में अमिताभ बच्चन की मिमिक्री की तो खुद अमिताभ बच्चन और उनके परिवार के सदस्य भी वहां मौजूद थे। हालांकि, बिग-बी ने इस पर कभी कोई आपत्ति नहीं जताई, एक अवॉर्ड शो के दौरान राजू श्रीवास्तव ने अमिताभ बच्चन की मौजूदगी में ही कह दिया था, ‘सर आप तो हमारे अन्नदाता हैं, आपकी मिमिक्री करके हम अपना घर चलाते हैं।’
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