- 21वीं सदी में वैज्ञानिक समुदाय भारत को उस मुकाम पर ले जाएगा जिसका वह हकदार है : मोदी
आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली,(PM Address Indian Science Congress): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 21वीं सदी में भारत का वैज्ञानिक समुदाय देश को उस मुकाम पर ले जाएगा जिसका वह हमेशा हकदार रहा है। मंगलवार को उन्होंने 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन अवसर पर यह बात कही। पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा, 21वीं सदी के आज के भारत में हमारे पास दो चीजे हैं। पहली डेटा और दूसरी तकनीक है। मुझे विश्वास है कि भारत का वैज्ञानिक समुदाय भारत को 21वीं सदी में वो मुकाम हासिल करवाएगा जिसका वह हमेशा हकदार रहा है।
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भारत की वैज्ञानिक शक्ति की भूमिका महत्वपूर्ण
पीएम मोदी ने कहा, डेटा और तकनीक में भारत के विज्ञान को नई बुलंदियों में पहुंचाने की ताकत है। प्रधानमंत्री ने कहा, डेटा विश्लेषण की फील्ड तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है और विज्ञान के क्षेत्र में भारत तेजी से दुनिया के शीर्ष देशों में शामिल हो रहा है। उन्होंने कहा, जिस साइंटिफिक अप्रोच के साथ आज का भारत आगे बढ़ रहा है, हम उसके नतीजे भी देख रहे हैं। मोदी ने कहा कि अगले 25 वर्ष में भारत जिस ऊंचाई पर होगा, उसमें भारत की वैज्ञानिक शक्ति की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी। विज्ञान में जोश के साथ जब देश की सेवा का संकल्प जुड़ जाता है तो नतीजे भी अभूतपूर्ण आते हैं। उन्होंने कहा आज भारत स्टार्टअप्स में शीर्ष तीन देशों में शामिल है।
ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 40वें स्थान पर पहुंचे
पीएम ने कहा, वर्ष 2015 तक हम 130 देशों के ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 81वें स्थान पर थे, लेकिन 2022 में हम 40वें स्थान पर पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा, विज्ञान के प्रयास तभी कामयाबी ला सकते हैं, जब वे प्रयोगशाला से जमीन पर जाएं। पीएम ने कहा कि 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किए जाने के साथ ही विज्ञान के उपयोग से भारत के बाजरा और उनके उपयोग में और सुधार किया जाना चाहिए।
विमेंस की भागीदारी से भी साइंस का आज इम्पावरमेंट करना मकसद
आज देश की सोच केवल यह नहीं है कि साइंस के जरिए वुमन इम्पावरमेंट करें, बल्कि वुमन की भागीदारी से साइंस का भी इम्पावरमेंट करें। साइंस और रिसर्च को नई गति दें, यह हमारा लक्ष्य है। इस वर्ष के भारतीय विज्ञान कांग्रेस का मुख्य विषय महिला सशक्तिकरण के साथ सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी है। इस आयोजन के दौरान सतत विकास, महिला सशक्तिकरण और इसे प्राप्त करने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
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इस बार मुख्य विषय महिला सशक्तिकरण के साथ सतत विकास
भारतीय विज्ञान कांग्रेस का इस बार मुख्य विषय महिला सशक्तिकरण के साथ सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी है। इस आयोजन के दौरान सतत विकास, महिला सशक्तिकरण और इसे प्राप्त करने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि प्रतिभागी महिलाओं को एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित) शिक्षा, अनुसंधान के अवसरों और आर्थिक भागीदारी तक समान पहुंच प्रदान करने के तरीके खोजने के प्रयासों के साथ-साथ शिक्षण, अनुसंधान और उद्योग के शीर्ष क्षेत्रों में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा और विचार-विमर्श करेंगे। बता दें कि कांग्रेस का पहला अधिवेशन 1914 में आयोजित किया गया था।
बाल विज्ञान कांग्रेस का भी होगा आयोजन
आईएससी के साथ-साथ कई अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। बच्चों के बीच वैज्ञानिक रुचि और स्वभाव को प्रोत्साहित करने में मदद करने के लिए बाल विज्ञान कांग्रेस का भी आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा किसान विज्ञान कांग्रेस जैव-अर्थव्यवस्था में सुधार और युवाओं को कृषि के प्रति आकर्षित करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी। साथ ही जनजातीय विज्ञान कांग्रेस भी आयोजित की जाएगी, जो आदिवासी महिलाओं के सशक्तिकरण पर ध्यान देने के साथ-साथ स्वदेशी प्राचीन ज्ञान प्रणाली और परंपरा को वैज्ञानिक तरीके से दशार्ने के लिए एक मंच होगा।
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