Parliament Winter Session Update : संसद की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, लोकसभा में 97 फीसदी हुआ काम

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Parliament Winter Session Update
संसद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, लोकसभा 97 फीसदी हुआ काम

आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली, (Parliament Winter Session Update): संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही को तय समय से एक सप्ताह पहले शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी मौजूद थीं। संसद का शीतकालीन सत्र सात दिसंबर को शुरू हुआ था और सदन की कार्यवाही को 29 दिसंबर तक प्रस्तावित थी।

बुधवार तक राज्यसभा की उत्पादकता दर 100 प्रतिशत

लोकसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में हुए कामकाज की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में 97 फीसदी काम हुआ। उन्होंने बताया कि सदन की कुल 62 घंटे 42 मिनट की 13 बैठकें हुईं। पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के अनुसार, बुधवार तक लोकसभा की उत्पादकता दर 97 प्रतिशत और राज्यसभा की 100 प्रतिशत थी।

एडवाइजरी कमेटी ने लिया था निर्णय

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता वाली और सरकार और विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों वाली बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) में शीतकालीन सत्र को कम करने के लिए निर्णय लिया गया था।

दोनों सदनों में छाया रहा तवांग मुद्दा

शीतकालीन सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में तवांग मुद्दा छाया रहा। गौरतलब है कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच नौ दिसंबर को तवांग में झड़प हो गई थी। इस घटना के बाद संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान देने के बावजूद विपक्ष संसद में लगातार मुद्दे पर चर्चा की मांग करता रहा। कांग्रेस ने इस पर प्रधानमंत्री से भी जवाब की मांग की। सरकार के साथ सेना ने भी कहा था कि अब तवांग में शांति है। इसके बावजूद विपक्ष मुद्दे पर अंतिम दिन पर हमलावर रहा।

सांसद कार्तिक शर्मा ने कल किया था रामसेतु पर सवाल

सरकार ने संसद में गुरुवार को एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत और श्रीलंका के बीच रामसेतु के पुख्ता सबूत नहीं हैं। बीजेपी के सांसद कार्तिक शर्मा ने राज्यसभा में रामसेतु पर सवाल पूछा था और स्पेस मिनिस्टर जितेंद्र सिंह ने इसका जवाब दिया। उन्होंने कहा, जिस जगह पौराणिक रामसेतु होने का अनुमान जताया जाता है, वहां की सैटेलाइट तस्वीरें ली गई हैं। जितेंद्र सिंह ने बताया कि छिछले पानी में आइलैंड और चूना पत्थर दिखाई दे रहे हैं, लेकिन यह दावा नहीं कर सकते हैं कि यही रामसेतु के अवशेष हैं।

खोज में हमारी कुछ सीमाए : जितेंद्र सिंह

जितेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि टेक्नोलॉजी के जरिए कुछ हद तक हम सेतु के टुकड़े, आइलैंड व एक तरह के लाइम स्टोन के ढेर की पहचान कर पाए हैं। उन्होंने कहा, हम यह नहीं कह सकते कि यह पुल का हिस्सा हैं या उसका अवशेष हैं। जितेंद्र ने कहा कि रामसेतु के बारे में जो सवाल हैं तो मैं बताना चाहूंगा कि इसकी खोज में हमारी कुछ सीमाए हैं। वजह यह है कि इसका इतिहास 18 हजार साल पुराना है और, अगर इतिहास में जाएं तो ये पुल करीब 56 किलोमीटर लंबा था।

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