आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली, (Pariksha Pe Charcha 2023): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हर साल की तरह देश-विदेश के लाखों छात्रों के साथ ‘परीक्षा पे चर्चा’ की। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस बार 155 देशों के छात्रों ने अपने रजिस्ट्रेशन कराए थे। इनमें से ज्यादा भारतीय मूल के छात्र थे।
पीएम के साथ ‘परीक्षा पे चर्चा’ के लिए शिक्षकों और अभिभावकों ने भी रजिस्ट्रेशन कराए थे। पिछले साल के मुकाबले इस बार रजिस्ट्रेशन दोगुना से ज्यादा थे। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री से कई सवाल पूछे गए, लेकिन समय के अभाव के कारण वह कुछ ही सवालों का जवाब दे सके।
टीचर की बात को मूल्यवान समझते हैं छात्र
पीएम मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षकों से कहा कि आज भी हमारे छात्र अपने टीचर की बात को बहुत मूल्यवान समझते हैं। उन्होंने कहा, हमें डंडा लेकर अनुशासन वाला रास्ता ना चुन कर अपनेपन का रास्ता चुनना चाहिए। अपनेपन का रास्ता चुनेंगे तभी लाभ होगा। हमारे शिक्षक विद्यार्थियों के साथ जितना अपनापन बढ़ाएंगे उतना बेहतर होगा।
विद्यार्थी की जिज्ञासा ही उसकी बहुत बड़ी अमानत
प्रधानमंत्री ने कहा, जब विद्यार्थी शिक्षक से सवाल करता है तो उसका लक्ष्य आपके ज्ञान को परखना नहीं है। विद्यार्थी की जिज्ञासा ही उसकी बहुत बड़ी अमानत है। उन्होंने कहा कि जो मेहनती विद्यार्थी है, उसकी मेहनत जिंदगी में जरूर रंग लाएगी। मोदी ने छात्रों से कहा, आपके भीतर की ताकत ही आपको आगे ले जाएगी, हमें शॉर्टकट की ओर नहीं जाना चाहिए।
नकलची एक-दो सिर्फ एग्जाम पार कर जाएगा, लेकिन जिंदगी कभी नहीं
पीएम मोदी ने कुछ, कुछ छात्र नकल करने के तरीके ढूंढने में बहुत तेज होते हैं। ऐसे छात्र छोटे-छोटे अक्षरों की पर्चा बनाते हैं। इसके बजाय उन्हें इस टैलेंट का इस्तेमाल सीखने में लगाना चाहिए।
छात्र ये समझ कर चलें कि अब जिंदगी और जगत बहुत बदल चुका है। आज आपको डगर-डगर पर परीक्षा देनी है, इसलिए जो नकल करने वाला है वो एक-दो एग्जाम तो पार कर जाएगा, लेकिन जिंदगी कभी पार नहीं कर पाएगा। ऐसे छात्र मेहनत करने वाले से दो-चार नंबर भले ज्यादा ले लेंगे पर मेहनती छात्रों की जिंदगी की कभी रुकावट नहीं बन पाएंगे।
जीवन में टाइम मैनेजमेंट के प्रति हों जागरूक
प्रधानमंत्री ने कहा, केवल परीक्षा के लिए ही नहीं, जीवन में टाइम मैनेजमेंट के प्रति हमें जागरूक रहना चाहिए। आप घर में अपनी मां को काम करते हुए देखिए, उनका टाइम मैनेजमेंट परफेक्ट होता है। आपको माइक्रो मैनेजमेंट करना है कि किस विषय को कितना टाइम देना है।
सीखना सबसे चाहिए, लेकिन अपने भीतर के सामर्थ्य पर जोर भी जरूरी
पीएम मोदी ने कहा, हम दिन-रात हम कॉम्पिटिशन के भाव में जीते हैं। हम अपने लिए जियें, अपने में जियें, अपनों से सीखते हुए जियें। सीखना सबसे चाहिए लेकिन अपने भीतर के सामर्थ्य पर भी बल देना चाहिए। एक एग्जाम के कारण जीवन एक स्टेशन पर रुकता नहीं है। उन्होंने कहा, कि परिवार के लोगों को बहुत अपेक्षाएं होना बहुत स्वाभाविक है और उसमें कोई गलत भी नहीं है, लेकिन अगर परिवार के लोग अपेक्षाएं सोशल स्टेटस के कारण कर रहे हैं तो वो चिंता का विषय है।
तय करें आप स्मार्ट हैं या गैजेट स्मार्ट हैं
मोदी ने कहा कि सबसे पहले तो आपको यह निर्णय करना है कि आप स्मार्ट हैं या गैजेट स्मार्ट हैं। कभी-कभी आप खुद से ज्यादा स्मार्ट अपने गैजेट को मान लेते हैं और गलती वहीं से शुरू होती है। आप जितना स्मार्टली गैजेट का इस्तेमाल करेंगे उतने ही अच्छे परिणाम मिलेंगे।
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