आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली, (Opposition On ED-CBI Probes): केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई के खिलाफ 14 विपक्षी दल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। कांग्रेस के नेतृत्व में शीर्ष अदालत पहुंचे इन दलों ने याचिका दायर कर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मामला चीफ जस्टिस के सामने रखा।
लगातार विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने का आरोप
सिंघवी ने आरोप लगाया कि सीबीआई और ईडी का मनमाने तरीके से इस्तेमाल लगातार विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी मांग की कि गिरफ्तारी और जमानत पर कोर्ट दिशानिर्देश तय करे। गौरतलब है कि दिल्ली आबकारी नीति मामले में इससे पहले मनीष सिसोदिया के गिरफ्तार होने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी सहित विपक्ष के नौ नेताओं ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था।
बीजेपी का दामन थामने वालों पर नहीं सख्ती
जिन नौ दलों ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है उन्होंने आरोप लगाया था कि जांच एजेंसियां बीजेपी में शामिल होने वाले विपक्षी नेताओं के खिलाफ केस में धीमी गति से चलती हैं। उदाहरण के लिए, कांग्रेस के पूर्व सदस्य व असम के मौजूदा सीएम हिमंत बिस्वा सरमा की सीबीआई और ईडी ने 2014 और 2015 में शारदा चिट फंड घोटाले की जांच की थी। लेकिन उनके बीजेपी में शामिल होने के बाद मामला आगे नहीं बढ़ा।
इन लोगों के बीजेपी में शामिल होने के बाद आगे नहीं बढ़ी जांच
पूर्व तृणमूल नेता शुभेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय नारद गोफन आॅपरेशन मामले में सीबीआई और ईडी की जांच के दायरे में थे, लेकिन पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले ये लोग बीजेपी में शामिल हो गए और उसके बाद मामले आगे नहीं बढ़े। इसी तरह के कई उदाहरण हैं, जिनमें महाराष्ट्र के नारायण राणे भी शामिल हैं।
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