New Year Celebrations India: नए साल के जश्न में डूबे देशवासी, कश्मीर से कन्याकुमारी तक जश्न

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मनाली में नव वर्ष की पूर्व संध्या पर डीजे की धुन पर झूमते पर्यटक।

आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली, (New Year Celebrations India): देशभर में लोग रात से नए साल के जश्न में डूबे हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लेकर कश्मीर और कन्याकुमारी तक कोई पहाड़ों पर परिवार सहित नववर्ष मनाने पहुंचा है तो कोई दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु तो कोई समुद्र के किनारे पहुंचा है। विदेशों में नए साल की धूम है। प्रशांत द्वीप के देश सामोआ, टोंगा, किरिबाती ऐसे देश हैं, जहां दुनिया में सबसे पहले नए साल का स्वागत होता है। नए साल के अवसर पर देश के हर कोने से आई तस्वीर में लोग मंदिरों में पूजा अर्चना करते दिखे। भारत में मंदिरों में भी नए साल पर  काफी भीड़ देखने को मिली है। दिल्ली के कालकाजी मंदिर और लोधी रोड में स्थित साईं मंदिर में ऐसा ही नजारा देखने को मिला।

राष्ट्रपति व पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं

पीएम मोदी ने भी लोगों को नए साल की शुभकामनाएं दी और उनके सफल और सुखमय जीवन की कामना की। वहीं, राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने भी लोगों को नए साल की बधाई दी है।।

दिल्ली के कनॉट प्लेस पर एक दूसरे को गले लगाते दिखे लोग

शनिवार रात को 12 बजे से ही कई जगह लोग नए साल का जश्न मनाते और गानों पर झूमते दिखे। दिल्ली के कनॉट प्लेस के इनर सर्कल पर लोग एक दूसरे को गले लगाते दिखे तो कहीं गुब्बारे उड़ाकर नए साल का जश्न मनाया गया। कई लोगों ने रात को पार्टी करके नववर्ष का जश्न मनाया। कई संगीत की धुन पर नाचते दिखे।

वाराणसी के अस्सी घाट पर दिखा अलग ही अंदाज

वाराणसी के अस्सी घाट पर नए साल के अवसर पर अलग ही अंदाज में नए साल का स्वागत किया गया। घाट पर गंगा आरती के साथ लोगों के लिए शुभकामना मांगी गर्इं। घाट पर गंगा आरती देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में भी श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। कई लोगों ने मंदिर में जाकर पूजा अर्चना की। दिल्ली, मुंबई और यूपी के मंदिरों में भीड़ देखी गई।

बालू कलाकार ने 10 टन बालू से बनाई भगवान जगन्नाथ की मूर्ति

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बालू कलाकार ने 10 टन बालू से बनाई भगवान जगन्नाथ की मूर्ति

ओडिशा के प्रसिद्ध रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने नए साल का स्वागत करने के लिए पुरी समुद्र तट पर भगवान जगन्नाथ की आठ फीट ऊंची और 15 फीट लंबी रेत की मूर्ति बनाई। इस बनाने के लिए उन्होंने 10 टन बालू का इस्तेमाल किया। भगवान जगन्नाथ, के साथ उन्होंने बलभद्र और देवी सुभद्रा की मूर्तियां भी बनाईं। उन्होंने मूर्ति को फूलों से सजाया और ‘जय जगन्नाथ’ का संदेश लिखा।

जानिए क्या कहते हैं पटनायक

पद्म पुरस्कार से सम्मानित सुदर्शन पटनायक ने कहा, ‘हम अपनी रेत कला के माध्यम से नए साल का स्वागत करते हैं और शांति और समृद्धि के लिए भगवान जगन्नाथ से प्रार्थना करते हैं। हर साल क्रिसमस से लेकर न्यू ईयर तक पटनायक सैंड आर्ट में कुछ अलग करने की कोशिश करते हैं। अब तक वह दुनिया भर में 60 से अधिक अंतरराष्ट्रीय रेत कला प्रतियोगिताओं और उत्सवों में भाग लिया है। पटनायक की रेत कलाएं सामाजिक जागरूकता और वर्तमान मुद्दों पर आधारित हैं।

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