Legally News : होटल और रेस्तरां में सेवा शुल्क को ‘कर्मचारी कल्याण कोष’ के नाम से बदला जा सकता है- दिल्ली हाई कोर्ट

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आज समाज डिजिटल ,दिल्ली

1. होटल और रेस्तरां में सेवा शुल्क को ‘कर्मचारी कल्याण कोष’ के नाम से बदला जा सकता है- दिल्ली हाई कोर्ट

दिल्ली उच्च न्यायालय ने रेस्तरां और होटल संघों से “सेवा शुल्क” शब्द को “कर्मचारी कल्याण कोष” या “कर्मचारी कल्याण योगदान” में बदलने पर विचार करने के लिए कहा ताकि इस भ्रम से बचा जा सके कि यह सरकार द्वारा लगाया गया शुल्क है।

न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह की पीठ ने एनआरएआई, होटलों और अन्य संघों को एक बैठक आयोजित करने और अदालत के समक्ष एक हलफनामा दायर करने के लिए कहा, “इसके सदस्यों का प्रतिशत उपभोक्ताओं को सूचित करने के लिए तैयार है कि सेवा शुल्क अनिवार्य नहीं है और वे स्वैच्छिक योगदान कर सकते हैं।”

कोर्ट ने सेवा शुल्क लगाने वाले होटल और रेस्तरां के प्रतिशत पर डेटा भी मांगा।

जबकि उच्च न्यायालय ने केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) के आदेशों पर रोक लगा दी थी, जिसमें सेवा शुल्क पर रोक लगा दी गई थी, अदालत ने आज स्पष्ट किया है कि CCPA दिशानिर्देशों पर रोक लगाने के अंतरिम आदेश को “उच्च न्यायालय द्वारा सेवा शुल्क को मंजूरी देने के रूप में नहीं दिखाया जाना चाहिए”। अब इस मामले की सुनवाई 24 जुलाई को होगी.

2. प्रयागराज के सीजेएम ने अतीक अहमद की पुलिस रिमांड की मंजूर, 4 दिन की पूछताछ के बाद फिर कोर्ट में पेशी

प्रयागराज के सीजीएम कोर्ट ने माफिया डॉन अतीक अहमद को 4 दिन के लिए पुलिस रिमांड में भेज दिया है। बेटे के एनकाउंटर की खबर के बाद अतीक अहमद के लिए पुलिस रिमांड की स्वीकृति एक और बड़ा झटका है। प्रयाग राज के धूमनगंज थाने की पुलिस ने सीजेएम से 14 दिन की रिमांड मांगी थी। अतीक अहमद के वकील और अभियोजन पक्ष की ओर से हुई गरमागरम बहस के बाद सीजेएम ने अतीक अहमद और उसके भाई अफसर अहमद को 7 दिन के लिए धूमनगंज पुलिस के हवाले कर दिया।
रिमांड मिलते ही पुलिस अतीक और उसके भाई अफजल को तुंरत मेडिकल के लिए ले गई। जहां से इन दोनों को अज्ञात स्थान पर रख कर पूछताछ की जाएगी। अतीक अहमद पर सौ से अधिक आपराधिक मामले हैं। वहीं अफजल पर भी दर्जनों मामले दर्ज हैं। जिस प्रयागराज में कभी अतीक के नाम का सिक्का चला करता था, आज जब वह कोर्ट में सुनवाई के बाद निकला तो उसके ऊपर जूते चप्पल और बोतलें फेंकी गईं। पिछले दिनों पुलिस टीम ने अदालत से जारी बी वारंट को जेल में तामील कराया था।

अतीक और अशरफ को सीजेएम कोर्ट में पेश करने से पहले कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए थे। सीजेएम कोर्ट में दोनों पक्षों के वकीलों के अलावा किसी अन्य वकील के आने पर भी पाबंदी थी। आम लोगों को तो आज कोर्ट के दरवाजे पर ही रोक दिया गया था। फिर भी दो घण्टे से ज्यादा चली बहस के दौरान सीजेएम कोर्ट के बाहर वकीलों का जमाबड़ा हो गया और नारे लगने लगे। हालात को भांपते ही सीजेएम ने अतीक और अशरफ को तत्काल कोर्ट परिसर से ले जाने का हुक्म दिया।

जैसे ही पुलिस कड़ी सुरक्षा के साथ अतीक और अशरफ को कोर्ट परिसर से बाहर लेजाने लगी तो एक बार भीड़ ने फिर घेर लिया तो आरएएफ को आगे आकर मोर्चा संभालना पड़ा तब कहीं अतीक और अशरफ को पुलिस की गाडियों में बिठाया जा सका। इसी बीच भीड़ में से किसी ने जूता उछाला लेकिन वो किसी को लगा नहीं। ऐसा भी बताया जाता है कि जिस समय अतीक की रिमांड पर बहस चल रही थी उसी वक्त खबर आई कि असद और गुलाम झांसी एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं तो अतीक अहमद टूट गया और फूट-फूट कर रोने लगा। वो धड़ाम से कटघरे के फर्श पर बैठ गया और काफी देर तक रोता रहा।

3. कर्नाटक में मुस्लिमों को कोटा खत्म, मामले की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दे दी मंजूरी

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कर्नाटक में मुस्लिमों का चार फीसदी कोटा खत्म करने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के लिए मंजूरी दे दी है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने वकील कपिल सिब्बल की मांग पर विचार करने के बाद इसे लिस्ट करने की मंजूरी दे दी।

दरअसल, कर्नाटक मंत्रिमंडल ने हाल ही में अल्पसंख्यकों के लिए चार फीसदी आरक्षण खत्म करने का फैसला किया था। अब उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के तहत लाया जाएगा। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बताया कि अल्पसंख्यकों के लिए चार फीसदी आरक्षण को अन्य के बीच समान रूप से वितरित किया जाएगा। इसे कर्नाटक में वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय के मौजूदा आरक्षण में जोड़ा जाएगा।

कर्नाटक में इसी साल चुनाव होने हैं। ऐसे में इस फैसले को सरकार का चुनावी दांव कहा जा रहा है। इस फैसले के बाद अब कर्नाटक में लिंगायत आरक्षण को 5 फीसदी से बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया जाएगा। इसके साथ ही वोक्कालिगा समुदाय के लिए आरक्षण को चार फीसदी से बढ़ाकर 6 फीसदी कर दिया जाए।

4. IPL के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी के जवाब से सुप्रीम कोर्ट नाखुश, लगाई फटकार, बिना शर्त माफी मांगने के निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने आज आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी को फटकार लगाई है। शीर्ष न्यायालय ने सोशल मीडिया पोस्ट में न्यायपालिका के खिलाफ ललित मोदी की टिप्पणी को लेकर नाराजगी जताई। कोर्ट ने उन्हें बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश भी दिया है।

जस्टिस एमआर शाह और सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि ललित मोदी कानून और संस्था से ऊपर नहीं हैं। पीठ ने कहा कि वे ललित मोदी के जवाबी हलफनामे से भी संतुष्ट नहीं है। शीर्ष अदालत ने इसके बाद पूर्व-आईपीएल आयुक्त को सोशल मीडिया और प्रमुख राष्ट्रीय समाचार पत्रों में भी माफी मांगने का निर्देश दिया।

शीर्ष अदालत ने ललित को माफी मांगने से पहले एक हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया और कहा कि भविष्य में ऐसी कोई पोस्ट नहीं की जाएगी जो भारतीय न्यायपालिका की छवि को धूमिल करने वाली हो। अगर ललित मोदी ने अपनी आदत में सुधार नहीं किया तो परिस्थितियां कानूनी रूप से उनके खिलाफ हो जाएंगी।

5 .बुजुर्ग महिला की हत्या करने वाले पांच आरोपियों को विजयावाड़ा की कोर्ट ने सुनाई ताउम्र कैद की सजा

आंध्र प्रदेश की एक जिला अदालत ने कोरोना वायरस के पहले और दूसरे लहर के बीच विजयवाड़ा के पास एक बुजुर्ग महिला की हत्या के मामले में पांच हत्यारों को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। विजयवाड़ा महिला सत्र न्यायालय की न्यायाधीश आई शैलजा देवी ने सभी पांचों आरोपियों को सजा सुनाई। सजा के साथ ही उन सभी पर आर्थिक दण्ड भी लगाया गया है।

इन हत्यारों के नाम वेलपुरी प्रभु कुमार, सुनकारा गोपी राजू, पोनमला चक्रवर्ती, मोरम नागा दुर्गा राव और मैडी फणींद्र कुमार हैं। विजयवाडा की नगर पुलिस ने कोर्ट में बताया कि पांचों युवक ऑटोरिक्शा चालक हैं। 16 जून 2021 को विजयवाड़ा के बाहरी इलाके पेनामलुरु के एक एटीएम में सेंध मारने में असफल प्रयास के बाद पाचों को गिरफ्तार किया गया था।

मामले की जांच के दौरान पता चला कि इन्हीं पांचों नेघर में अकेली रहने वाली बुजुर्ग महिला को भी शिकार बनाया था। पांचों युवक ने वेश बदलकर ऑटोरिक्शा में सब्जी लादकर महिला के घर पहुंचे। उन लोगों ने वहां से पैसा और उसके आभूषण लूटकर वृद्ध महिला की हत्या कर फरार हो गए।

पुलिस के अनुसार इन पांचों अपराधियों के गैंग ने अक्तूबर 2020 में सरली (58), नवंबर 2020 में 63 वर्षीय सीता महालक्ष्मी, जनवरी 2021 में 58 वर्षीय तल्लुरू धनलक्ष्मी और उसी साल जून में 85 वर्षीय पापम्मा की हत्या की थी।

हालांकि, बुजुर्ग के शरीर में चोट के कोई निशान न मिलने की वजह से परिवारवालों ने माना कि उनकी मौत स्वाभाविक तरीके से हुई है। पुलिस ने आरोपियों के पास से एक ऑटोरिक्शा और एक मोटरबाइक के अलावा 384 ग्राम सोने के गहने और 10 लाख रुपये बरामद की।

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