H3N2 Subtype of Influenza Virus: देश में बढ़ रहे कोविड जैसे फ्लू के केस, खांसी, सिरदर्द व बुखार लक्षण

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H3N2 Subtype of Influenza Virus
देश में बढ़ रहे कोविड जैसे फ्लू के केस, खांसी, सिरदर्द व बुखार लक्षण

आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली:
H3N2 Subtype of Influenza Virus: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में पिछले कुछ समय से कोरोना जैसा फ्लू फैल रहा है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार यह इन्फ्लूएंजा वायरस का एक सब-टाइप एच3एन2 फैल रहा है और दो से तीन माह से भारत के कई हिस्सों में लोगों में इसी स्ट्रेन के लक्षण मिले हैं। लोगों में इसलिए दहशत है, क्योंकि इस फ्लू से जूझ रहे मरीजों में कोरोना जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं।

  • करीब 3 माह से फैल रहा इन्फ्लूएंजा वायरस का सब-टाइप H3N2 
  • विशेषज्ञों के अनुसार मरीज को 2-3 दिन तक रहता है तेज बुखार
  • सीने में जकड़न व वायरल इंफेक्शन के केस भी सामने आ रहे

दिल्ली व आसपास के इलाकों से कई मरीज अस्पताल पहुंचे

हाल के दिनों में दिल्ली व आसपास के इलाकों से कई ऐसे मरीज अस्पताल पहुंचे हैं, जो 10-12 दिन से तेज बुखार व खांसी से परेशान हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बाकी सब-टाइप्स की तुलना में इस वैरिएंट (एच3एन2) के कारण लोग अस्पतालों में ज्यादा भर्ती होते हैं।

मेदांता हॉस्पिटल के आंतरिक चिकित्सा विभाग की सीनियर डायरेक्टर सुशीला कटारिया ने कहा कि एच3एन2 स्ट्रेन से संक्रमित मरीज को 2-3 दिन तक तेज बुखार रहता है। इसके अलावा शरीर में दर्द, सिरदर्द, गले में जलन व मरीज को लगातार दो सप्ताह तक खांसी होती है। प्राइमस स्लीप एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के प्रमुख एस.के. छाबड़ा ने कहा कि मरीजों में वायरल फीवर के साथ, खांसी, सर्दी और ब्रॉन्काइटिस जैसी फेफड़ों से जुड़ी गंभीर समस्याएं देखने को मिल रही हैं। इसी के साथ सीने में जकड़न व वायरल इंफेक्शन के केस भी सामने आ रहे हैं।

बिना सोचे-समझे न लें एंटीबयोटिक्स : आईएमए

इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा है कि सर्दी, जुकाम उबकाई व बुखार आदि ज्यादा दिन रहने पर लोग सोच-समझकर ही एंटीबयोटिक्स लें। डॉक्टरों को भी कहा गया है कि वे मरीजों के लक्षणों को देखकर ही इलाज दें और वे एंटीबायोटक्स प्रेस्क्राइब न करें। एसोसिएशन ने कहा, हमने कोरोना के दौरान एजिथ्रोमाइसिन और आइवरमेक्टिन का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल होते देखा है। ज्यादा एंटीबायोटिक्स लेने से लोगों के शरीर में इसे लेकर प्रतिरोध पैदा हो गया है, इसलिए एंटीबायोटिक्स प्रेस्क्राइब करने से पहले ये देखना होगा कि इन्फेक्शन बैक्टीरियल है या नहीं।

सप्ताह में अक्सर ठीक हो जाता है फ्लू

आमतौर पर फ्लू एक सप्ताह के अंदर ठीक हो जाता है, लेकिन यदि शरीर में और कोई कॉम्प्लिकेशन है तो इसका प्रभाव अन्य आर्गन्स पर भी पड़ सकता है। कुछ लोग इससे बचने के लिए नियमित तौर पर फ्लू की वैक्सीन भी लगवाते हैं।

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