GST 48th meeting : जीएसटी की बैठक में कुछ क्राइम को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने पर सहमति बनी

0
489
GST 48th meeting

आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली (GST 48th meeting) : गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स काउंसिल (जीएसटी) की 48वीं बैठक में जीएसटी कानून का गैर अपराधीकरण करने पर सहमति बनी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये दिल्ली में शनिवार को आयोजित मीटिंग में एजेंडा के आठ बिंदुओं को पूरा किया गया। राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने बैठक में हुई चर्चा की जानकारी दी।

अभियोजन शुरू करने की राशि सीमा दो करोड़ रुपए

उन्होंने बताया कि जीएसटी परिषद की बैठक में जो फैसले लिए गए उनमें किसी भी अधिकारी को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने सहित कुछ मामलों का गैरअपराधीकरण करना और जीएसटी कानूनों के तहत किसी भी मामले में अभियोजन शुरू करने की राशि सीमा एक करोड़ रुपए से बढ़ाकर दो करोड़ रुपए करना (नकली चालान को छोड़कर) आदि शामिल हैं।

कुछ चीजों से जीएसटी हटाने पर राजमंदी, पान मसाला व गुटखे पर फैसला नहीं

राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा के अनुसार इसी के साथ कुछ चीजों से जीएसटी हटाने पर राजमंदी हुई, वहीं पान मसाला और गुटखा कारोबार में टैक्स चोरी रोकने के लिए तंत्र बनाने पर चर्चा की गई, लेकिन इसके उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने को लेकर फिलहाल कोई फैसला नहीं हुआ। संजय मल्होत्रा ने बताया कि दाल की भूसी का जीएसटी पांच प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया गया है, जो आम लोगों के लिए राहत की खबर है।

कानून समिति ने दिया है अभियोजन की राशि सीमा बढ़ाने का सुझाव

जीएसटी परिषद की कानून समिति ने परिषद को जीएसटी अपराधों के लिए अभियोजन शुरू करने की राशि सीमा को बढ़ाकर 20 करोड़ रुपए करने का सुझाव दिया है। इस समिति में केंद्र और राज्यों के कर अधिकारी शामिल हैं। कानून समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि जीएसटी अपराधों के कंपाउंडिंग के लिए करदाता की ओर से देय शुल्क को कर राशि के 25 प्रतिशत तक कम कर दिया जाना चाहिए। यह वर्तमान में 150 प्रतिशत तक है। समिति ने यह बात व्यापार करने में आसानी में सुधार की दृष्टि से कही है।

जुलाई में किया गया जीस्टेटस पर जीओएम का गठन

सूत्रों के अनुसार माल और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (जीस्टेटस) की स्थापना के संबंध में जीओएम ने सुझाव दिया है कि न्यायाधिकरणों में दो न्यायिक सदस्य और केंद्र और राज्यों के एक-एक तकनीकी सदस्य के अलावा अध्यक्ष के रूप में एक सेवानिवृत्त सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को शामिल किया जाना चाहिए। जीस्टेटस पर जीओएम का गठन जुलाई में हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की अध्यक्षता में किया गया था।

यह भी पढ़ें – Transgender Judge Joyita Mondal : ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों व विकास के लिए आरक्षण जरूरी

यह भी पढ़ें – देश को सुपर पावर बनाने के लिए प्रधानमंत्री के ‘पंच प्रण’ पूरे करने जरूरी : राजनाथ

Connect With Us: Twitter Facebook