आज समाज, डिजिटल Global Hunger Index Report 2022 : ग्लोबल हंगरी इंडेक्स में भारत का स्थान लगातार गिरता जा रहा है। भूखमरी के मामले में 121 देशों की लिस्ट में भारत का स्थान 107वें स्थान पर आ गया है। यहां तक कि हमारे पड़ोसी देश श्रीलंका और पाकिस्तान का स्थान भी भारत से ऊपर है। युद्धग्रस्त अफगानिस्तान को छोड़कर दक्षिण एशिया के लगभग सभी देशों से भारत पीछे है, जोकि चिंता का विषय है। इससे पहले साल 2020 में ग्लोबल हंगरी इंडेक्स में भारत का स्थान 94 था।
इन 4 संकेतकों पर की जाती है गणना
जानकारी के लिए बता दें कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर भूख को व्यापक रूप से मापने और ट्रैक करने का एक उपकरण है। यह रैंकिंग जीएचआई स्कोर के आधार पर जारी की जाती है।
जीएचआई स्कोर की गणना चार संकेतकों पर की जाती है, जिनमें अल्पपोषण, कुपोषण, बच्चों की वृद्धि दर और बाल मृत्यु दर शामिल हैं। जीएचआई स्कोर की गणना 100 अंकों के पैमाने पर की जाती है जो भूख की गंभीरता को दर्शाता है। यहां शून्य का मतलब अच्छा स्कोर है और 100 सबसे खराब। भारत का ये स्कोर लगातार कम हो रहा है। अभी भारत का स्कोर 29.1 है, जोकि ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।
भारत के पड़ोसी देशों का कितना रैंक है
ग्लोबल हंगर इंडेक्स में सभी पड़ोसी देश भारत से बेहतर स्थिति में हैं। श्रीलंका को 64वां रैंक मिला है, नेपाल को 81वां और पाकिस्तान को 99वां स्थान मिला है। दक्षिण एशिया का सिर्फ अफगानिस्तान (109 रैंक) ऐसा देश है, जिसकी स्थिति भारत से भी बदतर है। वहीं चीन सामूहिक रूप से 1 और 17 के बीच रैंक वाले देशों में से है, जिसका स्कोर पांच से कम है।
ये देश भारत से भी नीचे
भारत से भी खराब स्थिति वाले देशों में अफगानिस्तान, जाम्बिया और अफ्रीकी देश शामिल हैं। इन देशों में तिमोर-लेस्ते, गिनी-बिसाऊ, सिएरा लियोन, लेसोथो, लाइबेरिया, नाइजर, हैती, चाड, डेम, मेडागास्कर, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, यमन आदि शामिल हैं। जीएचआई की रिपोर्ट के मुताबिक गिनी, मोजाम्बिक, युगांडा, जिम्बाब्वे, बुरुंडी, सोमालिया, दक्षिण सूडान और सीरिया समेत 15 देशों के लिए रैंक का निर्धारण नहीं किया जा सकता है।
भारत में कितनी है कुपोषितों की संख्या?
रिपोर्ट के मुताबिक अल्पपोषण की व्यापकता, जो कि आहार ऊर्जा सेवन की पुरानी कमी का सामना करने वाली आबादी के अनुपात का एक उपाय है। यह देश में 2018-2020 में 14.6% से बढ़कर 2019-2021 में 16.3% हो गई है। ऐसे में भारत में 224.3 मिलियन लोगों को कुपोषित माना गया है। वहीं पूरे विश्व में कुपोषित लोगों की कुल संख्या 828 मिलियन है।
बाल मृत्यु दर में आया सुधार
भारत में जागरूकता बढ़ने सेबाल मृत्यु दर में कमी आई है। रिपोर्ट के मुाबिक 2014 और 2022 के बीच बाल स्टंटिंग 38.7% से घटकर 35.5% हो गया है और इसी तुलनात्मक अवधि में बाल मृत्यु दर भी 4.6% से गिरकर 3.3% हो गई है। 2014 में भारत का जीएचआई स्कोर 28.2 था, जो अब 2022 में 29.1 हो गया है। यह स्थिति भी भारत के लिए बहुत खराब है।
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