Farmer’s Movement किसानों को जबरन बॉर्डर से हटाया तो परिणाम गंभीर होंगे
आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली:
Farmer’s Movementपिछले लगभग 11 महा से किसान कृषि कानूनों के खिलाफ राष्टÑीय राजधानी के बॉर्डर पर बैठकर आंदोलन कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से पुलिस द्वारा इन बॉर्डर पर की गई बैरिकेडिंग हटाने का कार्य चल रहा है। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को सीधे शब्दों में चेतावनी दी है। उन्होंने रविवार सुबह ट्वीट किया और लिखा-अगर किसानों को बॉर्डरो से जबरन हटाने की कोशिश हुई तो वे देश भर में सरकारी दफ्तरों को गल्ला मंडी बना देंगे।
Farmer’s Movement प्रशासन जबरदस्ती हटा रहा किसानों के टेंट
गाजीपुर बॉर्डर से हटाए जा रहे बैरिकेडिंग पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रशासन जेसीबी की मदद से यहां लगे टैंट को उखाड़ने की कोशिश कर रहा है। अगर प्रशान यहां से टैंट उखाड़ेगा तो किसान सरकारी दफ़्तरों के बाहर टैंट लगा लेंगे। भाकियू के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि सरकार पिछले कई दिनों से साजिशें कर रही है। मगर ऐसी साजिशों से किसान आंदोलन का समाधान नहीं हो पाएगा। उन्होंने बताया कि 6 नवंबर को सिंघु बॉर्डर पर किसानों की बड़ी बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा होगी।
Farmer’s Movement जब तक कानून रद नहीं होते आंदोलन चलता रहेगा
इससे पहले अमरोहा में किसान महापंचायत में भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। कहा कि जब तक सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। दिल्ली बॉर्डर खाली नहीं हुआ है। यह आंदोलन किसानों की रोटी और खेती बचाने के लिए है। सरकार किसानों की जमीन बड़ी कंपनियों को देने की तैयारी में है। इससे रोटी भी बड़े लोगों की तिजोरी में बंद हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। सरकार को 26 नवंबर तक का अल्टीमेट है। 26 तक समाधान नहीं निकला तो नई रणनीति का एलान किया जाएगा। राकेश टिकैत शनिवार को अमरोहा के जोई मैदान में किसान महापंचायत को संबोधित कर रहे थे।