PM Modi: जीवन रक्षा वाला एप बन रहा ई-संजीवनी, ये भारत की डिजिटल क्रांति की शक्ति

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98th Episode Of Mann Ki Baat
जीवन रक्षा करने वाला एप बन रहा ई-संजीवनी, ये भारत की डिजिटल क्रांति की शक्ति

आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली, (98th Episode Of Mann Ki Baat): पीएम मोदी ने आज अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 98वें एपिसोड को संबोधित किया। उन्होंने इस दौरान देशवासियों से कहा कि आप सभी ने ‘मन की बात’ को जनभागीदारी की अभिव्यक्ति का अद्भुत प्लेटफॉर्म बना दिया है। पीएम ने कहा, सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर ‘मन की बात’ में हमने तीन प्रतियोगिता की बात की थी। ये प्रतियोगिताएं देशभक्ति पर गीत, लोरी और रंगोली पर आधारित थी। उन्होंने कहा, मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि देशभर के 700 से अधिक जिलों के पांच लाख से अधिक लोगों ने इसमें भाग लिया है।

ई-संजीवनी : टेली परामर्श करने वालों की संख्या 10 करोड़ पार

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि देश के सामान्य मानवी, मध्यम वर्ग और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वालों के लिए ई-संजीवनी जीवन रक्षा करने वाला एप बन रहा है। ये भारत की डिजिटल क्रांति की शक्ति है। इस एप का उपयोग कर अब तक टेली परामर्श करने वालों की संख्या 10 करोड़ के आंकड़े को पार कर चुकी है। आप कल्पना कर सकते हैं, वीडियो कांफ्रेंसिंग से 10 करोड़ परामर्श, मरीज व डॉक्टर के साथ अद्भुत नाता बहुत बड़ी उपलब्धि है।

दिवंगत स्वर कोकिला लता मंगेशकर को किया याद

पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम कें दिवंगत स्वर कोकिला लता मंगेशकर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा आज के इस अवसर पर मुझे लता मंगेश्कर की याद आना स्वभाविक है, क्योंकि जब ये प्रतियोगिता प्रारंभ हुई थी, उस दिन लता दीदी ने ट्वीट कर देशवासियों से आग्रह किया था कि वे इस स्पर्धा में जरूर जुड़ें।

उस्ताद बिस्मिल्लाह का जिक्र भी किया

पीएम मोदी ने और उस्ताद बिस्मिल्लाह का भी अपने रेडियो कार्यक्रम में जिक्र किया। उन्होंने कहा, कुछ दिन पहले ‘उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार’ दिए गए। ये पुरस्कार संगीत और कला प्रदर्शन के क्षेत्र में उभर रहे प्रतिभाशाली कलाकारों को दिए जाते हैं। ये कलाकार संगीत व कला की लोकप्रियता बढ़ाने के साथ ही इसकी समृद्धि में अपना योगदान दे रहे हैं।

समाज की शक्ति से कैसे देश की शक्ति बढ़ती है यह हमने मन की बात में देखा है

पीएम मोदी ने मन की बात में इस बात का भी जिक्र किया कि किस तरह समाज की शक्ति से देश की शक्ति बढ़ती है। यह हमने ‘मन की बात’ के अलग-अलग एपिसोड में देखा है। उन्होंने कहा, मुझे वह दिन याद है, जब हमने मन की बात में भारत के पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहन की बात कही थी। देश में तब भारतीय खेलों के साथ जुड़ने व खेलें सीखने की एक लहर सी उठ गई।

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