National News : उत्तर प्रदेश और राजस्थान : जल्दी में नहीं है बीजेपी आलाकमान,प्रदेश अध्यक्ष बदले जाएंगे

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National News : उत्तर प्रदेश और राजस्थान : जल्दी में नहीं है बीजेपी आलाकमान,प्रदेश अध्यक्ष बदले जाएंगे
National News : उत्तर प्रदेश और राजस्थान : जल्दी में नहीं है बीजेपी आलाकमान,प्रदेश अध्यक्ष बदले जाएंगे

National News | अजीत मेंदोला, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश और राजस्थान में हुई हार की समीक्षा बैठकों के बाद आलाकमान दोनों प्रदेशों में जल्दी में फैसले के मूड में नहीं है। दोनों प्रदेशों में हुई पार्टी पदाधिकारियों की बैठक के बाद राजस्थान में तो स्थिति नियंत्रण में दिखी, लेकिन उत्तर प्रदेश नेताओं की आपसी खींचतान ने चिंता बढ़ाई है। जो संकेत मिल रहे हैं उनके अनुसार दोनों राज्यों में फिलहाल मुख्यमंत्री नहीं बदले जा रहे हैं। दोनों राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष जरूर बदले जाएंगे। दोनों प्रदेशों में तो यह तय हो गया है कि प्रदेश अध्यक्ष पिछड़ी या दलित जाति से बनेगा।

कई नाम चल रहे हैं। राजस्थान में इस्तीफा दे चुके वरिष्ठ मंत्री किरोड़ी लाल मीणा भी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में बताए जा रहे हैं। किरोड़ी के सभी गुटों से ठीक ठाक संबंध है। सूत्रों की माने तो आलाकमान अब बदले हालात में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भरोसे में लेकर बदलाव करेगा। मंत्रिमंडल में बजट सत्र के बाद जब भी बदलाव होगा राजे समर्थकों को ठीक ठाक जगह दी जा सकती है।

हिंदी बेल्ट के प्रमुख राज्य उत्तर प्रदेश और राजस्थान में पार्टी पूरा फोकस किए हुए है। क्योंकि इन दोनों राज्यों में पार्टी को बड़ा झटका लगा। पार्टी  2019 के मुकाबले यूपी में 29 सीट और राजस्थान में 11 सीट हार गई। यह टोटल 40 बनता है। इस हार के चलते भाजपा बहुमत से पीछे रह गई। अब उत्तर प्रदेश में दस सीटों पर राजस्थान में पांच सीटों पर उप चुनाव होना है। जो पार्टी के लिए महत्वपूर्ण बन गए हैं।

राजस्थान की पांच सीट तो वो हैं जहां पर इंडी गठबंधन ने लोकसभा के चुनाव जीते है। इन सीटों में बांसवाड़ा  के तहत आने वाली चौरासी सीट आदिवासी बाहुल्य है। झुंझुनूं कांग्रेस के विजेंद्र ओला की रही है। जाट बाहुल्य यह सीट भी आसान नहीं है। दौसा,टोंक सवाई माधोपुर और खींवसर ऐसी सीट हैं जो बीजेपी जीत सकती है। लेकिन इसके लिए जातीय समीकरण बिठाना होगा। बीजेपी की अब यही कोशिश है कि किसी तरह से उप चुनाव में ये सीट जीती जा सकी। उसी हिसाब से प्रदेश अध्यक्ष और बाकी नियुक्तियां होंगी।

राजस्थान में बीजेपी में उस तरह के हालात नहीं है जिस तरह से यूपी के। उत्तर प्रदेश में तो आम चुनाव से पहले ही विपक्ष ने मुख्यमंत्री योगी को टारगेट कर  माहौल बनाना शुरू कर दिया था कि उनको दिल्ली वाले हटाना चाहते हैं। सपा नेता अखिलेश यादव और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने तो चुनाव के बीच लखनऊ में पीसी कर योगी को हटाने तक की बात कह डाली। जानकार मानते हैं विपक्ष की यह रणनीति भाजपा के कार्यकर्ताओं को भ्रमित करने में सफल रही।चुनाव में हार का एक कारण बनी।

उत्तर प्रदेश में भाजपा के सामने दो चुनौतियां है। एक तो विपक्ष के पीडीए का तोड़ तलाशना और दूसरा नेताओं में आपस में तालमेल बिठाना। चुनाव परिणामों के बाद पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को लेकर सोशल मीडिया में जिस तरह खबरें आई उसे पार्टी आलाकमान ने गंभीरता से लिया है। हार की समीक्षा बैठक में मौर्य का पार्टी से ऊपर कोई नहीं वाले बयान के बाद योगी को बदले जाने को हवा दी जाने लगी। लेकिन यूपी में फिलहाल योगी का कोई विकल्प बीजेपी के पास नहीं है। सूत्रों की माने तो संघ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी योगी के साथ खड़े बताए जाते हैं।

दरअसल विपक्ष की पिछड़ा,दलित और अल्पसंख्यकों वाली पीडीए की राजनीति सफल होने के बाद बीजेपी पर पिछड़ों की राजनीति का दबाव बढ़ गया। इसी के चलते मौर्य समर्थकों की उम्मीद बढ़ गई कि उन्हें मौका दिया जा सकता है।केशव प्रसाद मौर्य 2017 में जब पार्टी ने चुनाव जीता था प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते फेस माने जा रहे थे, लेकिन बाजी योगी के हाथ लगी। मौर्य समर्थक तब से कोशिश में हैं कि उन्हें मौका मिले।

लेकिन 2022 में मौर्य विधानसभा का चुनाव हार गए। लेकिन लोकसभा चुनाव में पार्टी की कम सीट आने के बाद से वह सुर्खियों में हैं। उनका नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए भी लिया जा रहा है। पार्टी उत्तर प्रदेश की स्थिति को देख ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहती है जिससे कि विपक्ष को बोलने का मौका मिल जाए।

इसलिए योगी तो सीएम बने रहेंगे। प्रदेश अध्यक्ष पर जरूर नई नियुक्ति होगी। राजस्थान और उत्तर प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति अभी होगी या नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद। ऐसे संकेत हैं कि पार्टी अक्तूबर और नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों के बाद ही बदलाव संबंधी फैसले करेगी। इस बीच उप चुनाव भी हो चुके होंगे।

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