National News : आलाकमान का अशोक गहलोत पर बढ़ता भरोसा, संगठन में वापसी के बढ़ते आसार

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National News : आलाकमान का अशोक गहलोत पर बढ़ता भरोसा, संगठन में वापसी के बढ़ते आसार
National News : आलाकमान का अशोक गहलोत पर बढ़ता भरोसा, संगठन में वापसी के बढ़ते आसार

National News | अजीत मेंदोला | नई दिल्ली । राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर कांग्रेस आलाकमान के बढ़ते भरोसे के बाद तमाम तरह की कयास बाजी लगने लगी है।गहलोत गांधी परिवार के शुरू से भरोसे मंद रहे हैं।

इसलिए समझा जा रहा है कि गहलोत की क्या संगठन में वापसी होने जा रही है। ऐसे संकेत हैं कि राहुल गांधी इसी माह में कांग्रेस में कुछ बदलाव कर सकते हैं। राजस्थान की हार के बाद से आलाकमान का गहलोत पर भरोसा बरकार है। इसी के चलते आलाकमान ने गहलोत को इस साल सबसे पहले अमेठी लोकसभा सीट की जिताने जिम्मेदारी दी थी। जिसमें गहलोत ने अपनी टीम के साथ महीने भर डेरा डाल जीत में अहम भूमिका निभाई।

इसके बाद हरियाणा और महाराष्ट्र में वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाए गए। अब दिल्ली चुनाव में भी पार्टी गहलोत और उनकी योजनाओं को आगे कर रही है। गहलोत की राजस्थान में लागू की गई 25 लाख तक मुफ्त इलाज वाली बहुचर्चित योजना को कांग्रेस दिल्ली में भी आजमाने जारी है। इसकी घोषणा राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत से बुधवार को यहां करवाई।

दिल्ली में राजस्थान की चिरंजीवी योजना का नाम जीवन रक्षा योजना रखा

कांग्रेस ने इस योजना को लोकसभा और चुनाव वाले राज्यों में भी अहम घोषणा में शामिल किया था। दिल्ली में राजस्थान की चिरंजीवी योजना का नाम जीवन रक्षा योजना रखा गया है जिसके तहत 25 लाख तक आम आदमी का मुफ्त इलाज होगा। कांग्रेस दिल्ली में अलग अलग गारंटियों के साथ चुनाव मैदान में उतर रही है।

इससे पूर्व महिलाओं को 2500 देने की घोषणा की गई थी। दरअसल गहलोत ने मुख्यमंत्री रहते हुए गारंटी शब्द की शुरुआत की थी जिसे बाद में सभी दलों ने अपनाया। गहलोत ने अपने यहां राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान महिलाओं तथा हर वर्ग के लिए गारंटी देने की घोषणा की थी।

उनकी चिरंजीवी योजना, स्वास्थ्य का अधिकार कानून, सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाली, 200 यूनिट तक बिजली फ्री, किसानों को ढाई हजार यूनिट बिजली मुफ्त ऐसे फैसले थे जो देश भर में चर्चित रहे थे।

हालांकि अब बाद की सरकार ने गहलोत के अधिकांश फैसलों को पलट दिया। पिछले साल चुनाव हारने के बाद भी गहलोत और उनकी योजनाएं बराबर चर्चा में हैं । आलाकमान अपने तरीके से उन्हें चुनावों में आजमा भी रहा है।

गहलोत कांग्रेस आलाकमान के संकट मोचक भी माने जाते रहे हैं। यही वजह है कि उन्हें पार्टी के हर छोटे बड़े कार्यक्रमों और फैसलों में शामिल किया जाता है। कांग्रेस के सर्वोच्च नेता राहुल गांधी राजस्थान की हार के बाद समझ गए थे कि उन्हें कुछ लोगों ने राजस्थान को लेकर उन्हें गलत जानकारी दी। अगर गलतियों को समय पर सुधार कड़े फैसले किए जाते तो राजस्थान जीता जा सकता था।

राजस्थान की हार की असल बड़ी वजह चुनाव का हिंदुओं के पक्ष में ध्रुवीकरण होना और आलाकमान का अपनी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर पर कोई एक्शन न लेना था।बीजेपी ने दोनों मामलों को ठीक से मुद्दा बना कांग्रेस से जीती हुई बाजी छीन ली।अब पार्टी लगातार जिस तरह से चुनाव हारती जा रही है उसके बाद से संकेत हैं किआलाकमान पुराने अनुभवी नेताओं की संगठन में वापसी करा सकता है।

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