- फडणवीस को दिल्ली ला चौंका सकती है बीजेपी
National News | अजीत मेंदोला | नई दिल्ली। बीजेपी के अंदर से बड़ी खबर आ रही है कि बीजेपी जल्द ही अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर सकती है। रेस में अब सबसे आगे महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का नाम आ गया है। फडणवीस के नाम की घोषणा वाकई अगर होती है तो यह महाराष्ट्र की राजनीति में किसी बड़े बदलाव का संकेत होगा। हालांकि अध्यक्ष पद के लिए विनोद तावड़े, सुनील बंसल, धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव का नाम भी चर्चा में बना हुआ है।
सूत्रों की माने तो नए अध्यक्ष को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संगठन और संघ के जिम्मेदार नेताओं से कई बार चर्चा कर ली है। लेकिन अब सूत्र बता रहे हैं कि महाराष्ट्र की राजनीति आड़े आ गई है। महाराष्ट्र से तावड़े भी आते हैं और अभी पार्टी में महामंत्री भी हैं। जातीय समीकरण में फिट बैठते हैं।लेकिन मामला अब कुछ अलग दिख रहा है।
बीजेपी के पूर्णकालिक अध्यक्ष के चुनाव के अभी कोई आसार दिख नहीं रहे हैं। क्योंकि तीन प्रमुख राज्यों के चुनाव सामने हैं। पार्टी के अंदर दो बातें चल रही हैं अभी कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर लिया जाए या जे पी नड्डा ही अध्यक्ष के रूप में तीन राज्यों के चुनाव तक यूं ही कामकाज संभालते रहें।
नड्डा का कार्यकाल 30 जून तक था।लेकिन नए अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं होने के चलते वह ही कामकाज देख रहे हैं। पार्टी की रणनीति है कि नए अध्यक्ष या कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति की घोषणा इस हिसाब से की जाए जिससे तीन राज्यों की राजनीति पर असर पड़े। जाति के हिसाब से तो विनोद तावड़े फिट बैठते दिखते हैं, लेकिन अब चर्चाएं कुछ और होने लगी हैं। दरअसल पार्टी के लिए हरियाणा,महाराष्ट्र और झारखंड का चुनाव अहम बना हुआ है।
हरियाणा में तो पार्टी अपने दम पर अकेले चुनाव लड़ रही है। लेकिन झारखंड और महाराष्ट्र में गठबंधन के दम पर चुनाव मैदान में है। इनमें महाराष्ट्र सबसे अहम है।महाराष्ट्र को नेताओं की बयानबाजी ने गर्माया हुआ है। बीजेपी महाराष्ट्र में आज के दिन में महा विकास आगाड़ी के आगे कमजोर दिख रही है। हालांकि जानकार मानते हैं कि उद्धव ठाकरे कांग्रेस गठबंधन से अलग होंगे लगता नहीं है। लेकिन राजनीति में कब क्या हो जाए कहा नहीं जा सकता।
ठाकरे का देवेंद्र फडणवीस को लेकर दिया बयान बहुत कुछ संकेत दे रहा है। ठाकरे ने कहा है कि महाराष्ट्र में फडणवीस रहेंगे या हम। पिछली बार झगड़ा मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर हुआ था। ठाकरे चाहते थे उन्हें सीएम पद दिया जाए फडणवीस उन्हें स्वीकार नहीं है। टकराव बढ़ा तो कांग्रेस और एनसीपी की मदद से ठाकरे सीएम बन तो गए,लेकिन बीजेपी ने उनकी पार्टी में सेंध लगा बाजी पलट दी। अब स्थिति कुछ कुछ 2019 वाली बनती जा रही है। महाविकास आगाड़ी में सीटों के साथ साथ चेहरे को लेकर भी घमासान है।
उद्धव ठाकरे चाहते हैं कि उन्हें सीएम फेस बना पिछली बार की तरह ही 124 सीट दी जाएं। 288 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस 140 से 145 चाहती है। कांग्रेस चेहरा अभी घोषित करने के पक्ष में नहीं है। ऐसे में ठाकरे दुविधा में है। ठाकरे के पास दो ही रास्ते हैं। पहला तो यही है फिर से बीजेपी के साथ हाथ मिला सीएम का फैसला अभी करा लिया जाए।बीजेपी इसके लिए तुरंत तैयार हो जाएगी ।
दूसरा चुनाव बाद देखा जाए। इन हालात में देवेंद्र फडणवीस अगर दिल्ली लाए जाते हैं तो ठाकरे को एक तरह से सीधा संदेश होगा कि वह वापस आ जाएं। महाराष्ट्र में ठाकरे अगर पाला बदलते हैं तो पूरी राजनीति बदल जाएगी। राजग को ताकत मिलेगी। अब देखना होगा कि क्या वाकई बीजेपी आलाकमान फडणवीस को मौका दे चौंकाएगा।
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