(National News) अजीत मेंदोला, नई दिल्ली।कांग्रेस के कोटला रोड पर बने नए मुख्यालय के उद्घाटन के बाद से 24 अकबर रोड में सालों से काम कर रहे सैकड़ों कर्मचारी नौकरी जाने के डर से तनाव में हैं।इन कर्मचारियों में कई ऐसे कर्मचारी हैं जो पीढी दर पीढ़ी पार्टी के स्टाफ के रूप में कार्यरत हैं।लेकिन नए मुख्यालय के तैयार होने के बाद ऐसी खबरें हैं कि मौजूदा कर्मियों में से गिनती का ही पुराना स्टाफ नए मुख्यालय में जाएगा। अधिकांश को वीआरएस देने की खबरें।हालांकि पार्टी प्रवक्ता इससे इन्कार करते हैं।
लेकिन जो चर्चाएं उसने कर्मचारियों की चिंता बढ़ा दी है।स्टाफ को नए मुख्यालय से अभी दूर ही रखा गया है।नए मुख्यालय के उद्घाटन से अगर कोई सुर्खियों में आया है तो वह हैं मनीष चतरथ। 24 मुख्यालय से साइड किए गए चतरथ नए मुख्यालय के कर्ताधर्ता दिखने लगे हैं।चर्चा है मनीष ने अपने को प्रियंका गांधी की गुड बुक में शामिल कर लिया है। प्रियंका की भी धीरे धीरे अपनी टीम बनने लगी है।नए मुख्यालय में उनका दखल ज्यादा रहने की संभावना है।चतरथ को राजनीति में अहमद पटेल लाए थे।
गांधी ने खुद मुख्यालय को अपने ढंग से संवारना शुरू किया
15 जीआरजी जब वार रूम था तो एक तरह से मनीष चतरथ उसकी मुख्य केंद्र में थे।राहुल गांधी के कमान संभालने और अहमद पटेल के निधन के बाद कांग्रेस की राजनीति बदली तो चतरथ भी कमजोर हो गए।पार्टी संगठन और नई कार्यकारिणी में उन्हें जगह नहीं मिली।लेकिन उनके लिए अच्छी बात यह हुई कि जब पार्टी का मुख्यालय बनना शुरू हुआ तो उसकी जिम्मेदारी वह देख रहे थे।जब मुख्यालय तैयार हो अंतिम रूप लेने लगा तो पार्टी की दूसरी ताकतवर नेता प्रियंका गांधी ने खुद मुख्यालय को अपने ढंग से संवारना शुरू किया।इसी दौरान चतरथ प्रियंका गांधी की नजरों में आ गए।इसलिए उद्घाटन के समय सबसे ज्यादा सक्रिय दिखे।चतरथ 24 अकबर रोड में कमजोर हो गायब हुए थे लेकिन नए मुख्यालय में ताकतवर दिखने लगे।
एआईसीसी के स्टाफ के साथ राहुल गांधी,प्रियंका गांधी के निजी स्टाफ को भी एआईसीसी से जोड़ दिया गया
खबरें हैं कि नए मुख्यालय के लिए कार्पोरेट ऑफिस की तरह कर्मचारी रखे जाने की बात हो रही है।इसी के चलते कर्मचारी टेंशन में।कर्मचारी खुल कर तो नहीं लेकिन दबी जुबान से कहते हैं कि अब वह ऐसी उम्र में है जहां उन्हें अब कोई नौकरी नहीं देगा,इसलिए चिंता होनी लाजमी है।पार्टी ने 2012 में भी कर्मचारियों को बीआरएस का ऑफर दिया था।तब पार्टी सत्ता में थी तो करीब 50 कर्मियों ने बीआरएस लिया था।लेकिन तब ठीक ठाक राशि दी गई थी।लेकिन अब हालात पूरी तरह से बदल गए हैं। एआईसीसी के स्टाफ के साथ राहुल गांधी,प्रियंका गांधी के निजी स्टाफ को भी एआईसीसी से जोड़ दिया गया।
नया जोड़ा गया स्टाफ युवा और नए जमाने का है।इसलिए यही माना जा रहा है कि पार्टी आउट सोर्स का सहारा ले सकती है।कांग्रेस मुख्यालय में कार्यरत स्टाफ की रिटायरमेंट की उम्र 65 साल है।हालांकि कुछ भरोसे मंद कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद भी मौका दिया जाता रहा।कर्मचारियों की चिंता नौकरी के साथ घर को लेकर भी है।क्योंकि 24 अकबर रोड के पीछे कर्मचारियों के घर भी हैं।जिनमें वह सालों से रह रहे हैं।लेकिन अब घर खाली करने के हालात भी बन रहे हैं।कई परिवार प्रभावित हो भी सकते है।लेकिन आज कांग्रेस जिस दौर से गुजर रही है उसमें सब कुछ बदल गया।नेता और कार्यकर्ता ही पार्टी की स्थिति को लेकर चिंतित हैं स्वाभाविक है कि कर्मचारी ज्यादा चिन्तित होंगे।