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श्रीलंका आज महासंकट से गुजर रहा है। यहां आर्थिक संकट भी चरम पर है। यहां की जनता प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति से किसी तरह की उम्मीद नहीं रख रही। ऐसे में हर देश इनकी मदद की ओर हाथ तो बढ़ा ही रहा है। साथ ही उसके मन में एक ही सवाल कौंध रहा है कि क्या होगा इस देश का? इस देश को कौन संभालेगा? तो बने रहिए इस लेख में और आईये हम भी खोज करते हैं इन्हीं सवालों के जवाब का।
2.2 करोड़ आबादी और बीते 7 साल
महासंकट के दौर से गुजरने वाले इस देश की आबादी लगभग 2.2 करोड़ है। इस देश के इस संकट को पिछले 7 दशकों का सबसे खराब समय कहा जा सकता है। यहां जनता सड़कों पर है। वह भी रोजी-रोटी के लिए नहीं देश को वर्तमान संकट से निकालने और दोषियों को आईना दिखाने के लिए। लगातार विरोध और प्रदर्शन तेज हो रहे हैं। प्रधानमंत्री के घर में आग लगा दी गई है। राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग हो रही है। देश अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए भी दूसरे देशों से मिलने वाली मदद पर निर्भर है। हर जगह मदद को हाथ फैलाए जा रहे हैं और इस बीच जनता का हाल बुरा हो चुका है।
अब होगा क्या, क्या है मौजूदा स्थिति
अब दुनिया के दूसरे देश जो दूर से इन हालातों को देख रहे हैं उनके मन में एक ही सवाल है अब श्रीलंका में क्या होगा? देश के हालात कैसे बदलेंगे? कैसे सुधरेंगे? मौजूदा हालात ये हैं कि श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे इस्तीफा दे चुके हैं। इस बीच इस्तीफे की मांग के लिए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे भी अपना आधिकारिक निवास छोड़कर भाग खड़े हुए हैं। वे कहां हैं, कहां छिपे हैं। इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है। श्रीलंका की संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा ने शनिवार रात जानकारी दी कि राजपक्षे 13 जुलाई को इस्तीफा देंगे।
अब आगे क्या होगा, कौन संभालेगा देश
13 जुलाई को हालात ये होंगे कि देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों का पद खाली हो चुका होगा। ऐसे में इसके बाद क्या होगा? कौन संभालेगा देश? प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद अब देश में सर्वदलीय सरकार बनने की संभावना है।
वहीं राष्ट्रपति का पद खाली होने की स्थिति पर बात करें तो श्रीलंका के संविधान के अनुसार यदि कार्यकाल पूरा होने से पहले राष्ट्रपति का पद खाली हो जाता है तो देश की संसद उसके अन्य सदस्यों में से किसी एक को नया राष्ट्रपति नियुक्त करती है।
वह सदस्य बचे हुए कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति पद संभालता है। कानून के मुताबिक मौजूदा राष्ट्रपति के इस्तीफे के तीन दिन के भीतर संसद का सत्र होना चाहिए। संसद के अध्यक्ष को राष्ट्रपति के इस्तीफे के बारे में सभी को सूचित करना चाहिए।
इस्तीफे के एक महीने बाद चुना जाएगा नया राष्ट्रपति
जब मौजूदा राष्ट्रपति इस्तीफा देते हैं उसके एक महीने के भीतर नए राष्ट्रपति को नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है।यदि अगले राष्ट्रपति के लिए एक से अधिक व्यक्तियों को मनोनीत किया जाता है तो एक गुप्त मतदान लिया जाता है। इसके बाद नए राष्ट्रपति का चुनाव पूर्ण बहुमत से किया जाता है।
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