आज समाज डिजिटल, नई दिल्ली :
नई दिल्ली। ध्यान-अभ्यास के विश्व-विख्यात आध्यात्मिक गुरु और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सुप्रसिद्ध लेखक संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने 28 फरवरी, 2023 को नई दिल्ली स्थित सीरी फोर्ट ऑडिटोरियम में “मंज़िले नूर” पुस्तक के अंग्रेजी अनुवाद का विमोचन किया। महान सूफ़ी-संत शायर दर्शन सिंह जी महाराज द्वारा लिखित यह पुस्तक ‘मंज़िले नूर’ गुरु नानक देव जी महाराज के जीवन और उनकी शिक्षाओं पर आधारित है। इस पुस्तक को गुरु नानक देव जी महाराज के 500वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में सन् 1969 में पहली बार प्रकाशित किया गया था। जिसके लिए संत दर्शन सिंह जी महाराज को सन् 1972 में ऊर्दू एकेडमी द्वारा ‘महान सूफ़ी शायर’ की उपाधि से सम्मानित किया गया।
पुस्तक में दिया गया एक-एक शेर लोगों को रूहानी उभार प्रदान करेगा
संत दर्शन सिंह महाराज की सूफ़ी-शायरी आने वाले कई दशकों तक आध्यात्मिक मार्ग पर चलने वाले प्रभु-प्रेमियों का मार्गदर्शन करती रहेंगी। संत राजिन्दर सिंह महाराज द्वारा अनुवादित मंज़िले नूर पुस्तक में दिया गया एक-एक शेर संपूर्ण विश्वभर के लोगों की आत्माओं को रूहानी उभार प्रदान करेगा। कार्यक्रम की शुरूआत में संत राजिन्दर सिंह महाराज, आदरणीय माता रीटा, हरदीप सिंह पुरी, भारत सरकार के आवास व शहरी विकास तथा पैट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री और लक्ष्मी पुरी का फूलों के गुलदस्ते देकर स्वागत किया गया। तत्पश्चात इन सभी ने पारंपरिक रूप से दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का उदघाटन किया।
गुरु नानक देव महाराज ने हजारों लोगों के जीवन को रोशन किया
पुस्तक विमोचन समारोह में आए हुए अतिथियों, गणमान्य व्यक्तियों और देश-विदेश से आए दर्शकों से खचाखच भरे ऑडिटोरियम को संबोधित करते हुए परम पूजनीय संत राजिन्दर सिंह महाराज ने कहा कि मुझे मंज़िले नूर पुस्तक के अंग्रेजी संस्कारण का विमोचन करते हुए बड़ी ही खुशी हो रही है कि इसके ज़रिये प्रत्येक व्यक्ति तक गुरु नानक देव जी महाराज का संदेश पहुँचेगा ताकि वो अपना जीवन शांति, खुशी, दिव्य-प्रेम और एकता से जीते हुए अपने अंतर में प्रभु की ज्योति के साथ जुड़ सकें। गुरु नानक देव महाराज ने हजारों लोगों के जीवन को रोशन किया, ताकि वे आध्यात्मिक रूप से जागृत हों क्योंकि गुरु नानक देव महाराज स्वयं प्रभु के प्रकाश से भरपूर थे।
पिता-परमेश्वर से एकता का अनुभव करें
पुस्तक में दिए गए अनेक शेरों की व्याख्या करते हुए संत राजिन्दर सिंह जी महाराज ने फ़रमाया कि गुरु नानक देव महाराज ने लाखों लोगों को पिता-परमेश्वर को अपने अंतर में अनुभव करने के मार्ग पर चलाया। गुरु नानक देव जी महाराज चाहते थे कि हम सही मायनों में यानि आत्मिक रूप में अपने आपको जानें और पिता-परमेश्वर से एकता का अनुभव करें। उन्होंने पुरुष और नारी में समानता तथा ईमानदारी से अपनी आजीविका कमाने पर बहुत जोर दिया है, जिसे हम सभी को अपने जीवन में ढालना चाहिए। अंत में उन्होंने कहा कि मेरी यह प्रार्थना है कि गुरु नानक देव जी की दयामेहर हम सब पर बनी रहे और यह पुस्तक हम सभी के जीवन को प्रभु की ज्योति से भरपूर कर दे।
यह पुस्तक व्यक्ति के अंतर्मन की भावनाओं को छूती है
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हरदीप सिंह पुरी ने अपने संदेश में कहा कि मैं संत राजिन्दर सिंह महाराज का धन्यवाद करना चाहूँगा कि उन्होंने इस पुस्तक का अंग्रेजी भाषा में अनुवाद करके बहुत ही महान कार्य किया है क्योंकि यह पुस्तक व्यक्ति के अंतर्मन की भावनाओं को छूती है। इस पुस्तक में दिये गए 96 शेरों में गुरु नानक देव के शांति, एकता और सेवा के संदेश को समझाया गया है। पुस्तक में मूल रूप से ऊर्दू के शेरों को अंग्रेजी भाषा में अनुवाद करके उन्हें हिन्दी और रोमन भाषा में भी दिया गया है ताकि हरेक व्यक्ति उन्हें समझ सके। सूफी-संत शायर दर्शन सिंह महाराज की दूरदर्शिता, ज्ञान और नम्रता आज हमें संत राजिन्दर सिंह महाराज में देखने को मिलती है, जो बात का सर्वोच्च उदाहरण हैं कि सदाचारी जीवन और भक्ति मार्ग पर हम कैसे चल सकते हैं।
कार्यक्रम का समापन एक खूबसूरत अंदाज से हुआ
इस कार्यक्रम का समापन एक खूबसूरत अंदाज से हुआ, जब संत राजिन्दर सिंह महाराज सभी दर्शकों के बीच आए और उन्होंने स्वयं कई लोगों की पुस्तकों पर हस्ताक्षर किए। संत राजिन्दर सिंह महाराज को उनकी अनेक उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया है। वे मानव एकता सम्मेलन के अध्यक्ष हैं, साइंस ऑफ स्पिरिचुएलिटी के प्रमुख हैं व ध्यान-अभ्यास पर दुनियाभर में सबसे ज्यादा बिकने वाली पुस्तकों के विश्व प्रसिद्ध लेखक हैं, जिनमें ‘मन का शुद्धिकरण’ ‘मेडिटेशन एस मेडिकेशन फोर द सोल’ ‘ध्यान द्वारा आंतरिक व बाहरी शांति’ ‘आत्म शक्ति’ व ‘दिव्य चिंगारी’ प्रमुख हैं।
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