National News | अजीत मेंदोला । नई दिल्ली। लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बिहार चुनाव से पूर्व नए चेहरों पर दांव खेल एक तरह से नई कांग्रेस के संकेत दे दिए हैं। पहले अपनी टीम के एक सदस्य कृष्णा अलावरू को मोहन प्रकाश की जगह अचानक राज्य प्रभार की जिम्मेदारी दी। उसके बाद दलित समुदाय से आने वाले राजेश कुमार को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। राहुल के यह फैसले ठीक उसी तरह के हैं जैसे कि आज कल बीजेपी कर रही है। बीजेपी साधारण कार्यकर्ता को सीधे बड़ी जिम्मेदारी दे रही है। राहुल ने भी एक तरह से वही किया है।

कृष्णा अलावरू अफसर से राजनीति में आए। कुछ साल उन्होंने राहुल गांधी की टीम में काम किया और फिर अचानक उन्हें बिहार जैसे राज्य की जिम्मेदारी दे दी गई। राजेश कुमार सक्रिय राजनीति में थे और अभी विधायक हैं। लेकिन राहुल गांधी ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दे बड़ा मौका दे दिया।

इस टीम के साथ राहुल गांधी ने कन्हैया कुमार और पप्पू यादव को भी बिहार की राजनीति में सक्रिय कर दिया। कृष्णा और राजेश के साथ कन्हैया भी युवा चेहरा है। पप्पू यादव लोकप्रिय चेहरा है। यह चौकड़ी एक तरह से आगामी विधानसभा चुनाव में अपना दमखम दिखाएगी। कितनी सफल होगी कितनी नहीं कह पाना मुश्किल है।

बिहार में कांग्रेस राजद के साथ महागठबंधन में शामिल

क्योंकि बिहार में कांग्रेस राजद के साथ महागठबंधन में शामिल है। राहुल जिस हिसाब से फैसले कर रहे हैं देखना होगा कि कांग्रेस क्या महागठबंधन में रहेगी। हालांकि जानकार मानते हैं कि अकेले चुनाव लड़ने का फैसला आसान नहीं है। लगातार हार के बाद से कांग्रेस काफी कमजोर हो चुकी। कांग्रेस जैसे तैसे खड़ा होने की कोशिश कर रही। राहुल बिहार जैसे फैसले अगर दूसरे राज्यों में करने की हिम्मत जुटा पाते हैं तो यह नई शुरूआत होगी।

बिहार में तो विशेष चुनौती नहीं थी। लेकिन दूसरे हिंदी भाषी राज्यों में टीम और संगठन खड़ा करना बड़ी चुनौती है। दिल्ली से सटे राज्य हरियाणा में राहुल बीते दो दशक से अपने हिसाब से फैसले ही नहीं कर पा रहे हैं। अभी हाल फिलहाल विधायक दल के नेता का चयन बड़ी चुनौती बना हुआ है।जबकि हरियाणा में चुनाव को 6 माह से ज्यादा हो चुका है। ऐसे कई राज्य हैं जहां पर पार्टी गुटबाजी के चलते हाशिए पर है। राहुल ने बिहार जैसे फैसले किए तो नया संदेश कार्यकर्ताओं में जा सकता है।

National News : संगठन को चुस्त दुरुस्त करने के लिए कांग्रेस में मंथन शुरू