- खुर्शीद के बयान से हट गया ध्यान
अजीत मेंदोला | नई दिल्ली। बांग्लादेश के तख्ता पलट के बाद अब महिला पहलवान विनेश फोगाट को ओलंपिक में अयोग्य करार देने को लेकर की जा रही विपक्ष की राजनीति समझ से परे मानी जा रही है। विपक्षी नेताओं के बयान और संसद के अंदर बाहर विरोध प्रदर्शन का सीधा मतलब यही निकाला जा रहा है कि फोगट को लेकर विपक्ष आने वाले चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाएगा।
इंडिया ब्लाक के सांसदों ने तो बुधवार को संसद प्रागंण में फोगट के खिलाफ साजिश बंद करो,न्याय दो के नारे लगा प्रदर्शन भी किया। इससे साफ है कि विपक्ष की नजर हरियाणा के चुनाव पर है।विपक्ष सीधे न सही लेकिन यही संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि राजग सरकार ने साजिश रची।
हालांकि मामला सामने आते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद मोर्चा संभाल पूरे मामले की जानकारी ली और जो भी संभव हो करने के निर्देश दिए। अपने एक्स पर फोगट को विजेता बताया। बाद में खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने बयान दे स्थिति बताई। लेकिन उसके बाद भी विपक्ष राजनीति से बाज नहीं आया। फोगट के मामले को साजिश और षड्यंत्र करार देता रहा। फोगाट के मामले ने सलमान खुर्शीद के विवादास्पद बयान से ध्यान हटा कांग्रेस को राहत दी। सत्ता पक्ष कांग्रेस पर हमलावर नहीं हो पाया।
विपक्ष की बांग्लादेश और फोगट को लेकर ऐसी राजनीति कर रहा है जो देश हित में तो नहीं कही जा सकती है।नेता सीधे तो नहीं बोल रहे हैं लेकिन फोगट के मामले में गांव वालों ने दो साल पहले किए गए पहलवानों के आंदोलन की चर्चा कर राजनीति गर्मा दी है। फोगट के ससुर राजपाल राठी ने तो सरकार और फेडरेशन पर ही आरोप लगा बृजभूषण सिंह को निशाने पर ले लिया।
किसान नेता राकेश टिकैत ने भी साजिश के अखाड़े में हारी जैसा बयान दे सरकार को ही निशाने पर लिया। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान फोगट के गांव पहुंच उनके परिवार वालों से मिले, इशारों में केंद्र को ही निशाने पर रखा।आने वाले दिनों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और बाकी नेता भी फोगट के गांव जा हरियाणा की राजनीति गर्मा सकते हैं।
विपक्ष की रणनीति से लगने लगा है कि वह कोई मौका नहीं छोड़ेगा।
उसकी एक ही रणनीति है किसी तरह से प्रधानमंत्री मोदी को निशाने पर रखा जाए।लोकसभा चुनाव के समय संविधान खतरे में है,आरक्षण खत्म कर दिया जाएगा को मुद्दा बना विपक्ष ने जमकर झूठ बोला।आरक्षण का लाभ लेने वाली सीमित जनता झांसे में आ गई।विपक्ष के झूठ से इतना भर हुआ कि बीजेपी जाति की राजनीति के चलते बहुमत से चूक गई।इसके बाद विपक्ष का व्यवहार इस तरह का हो गया कि मानो उन्होंने चुनाव जीत लिया।
हर बात का विरोध।विपक्ष बीते दस साल का हिसाब जल्दी चुकता करने के मूड में दिखता है।मतलब हालत यह है कि पड़ोसी देश बांग्लादेश के तख्ता पलट में भी विपक्ष के नेताओं ने कोई लिहाज ही नहीं रखा।सीधे न सही लेकिन पीएम को निशाने पर रखा। कांग्रेस के सलमान खुर्शीद ने तो सारी सीमाएं लांघ दी।उद्धव ठाकरे की शिवसेना के संजय राउत, फारुक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने भी विवादास्पद बयान देने में कोई गुरेज नहीं किया।प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दोनों मामलों में दोहरा मापदंड अपनाया।
उनका सीधे न बोलना और दूसरे नेताओं के बोलने से यही समझा जा रहा सब रणनीति के तहत हो रहा है।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने जो बोला वह चिंता जनक है।खुर्शीद का यह कहना कि बांग्लादेश में जो हो रहा है वह यहां भी हो सकता है।सलमान के इस विवादास्पद बयान को सत्ता पक्ष मुद्दा बना सकता था ,लेकिन नहीं बना पाया।सलमान खुर्शीद,फारुख अब्दुल्ला जैसे नेताओं को कश्मीर शांत नहीं दिखता है।
दोनों नेता बांग्लादेश से भारत की तुलना करने से बाज नहीं आए।संजय राउत इन नेताओं से भी आगे निकल गए।राउत को लगता है देश में तानाशाह का राज चल रहा है।बांग्लादेश जैसा हश्र होगा।राउत उस शिवसेना से आते हैं जिन्होंने हिंदुत्व की राजनीति कर सत्ता पाई।
जो बचे खुचे नेता बोलने से रह गए थे उन्होंने फोगट के मामले में बुधवार को सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की।आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह जो जमानत पर हैं जल्दी ही जेल जाएंगे।उन्होंने तो फोगट के मामले में ऐसा बोला कि जैसे सरकार ने कोई साजिश रच दी।लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई राजग सरकार के खिलाफ विपक्ष का हर बात के लिए विरोध का रवैये से ऐसा लगता है कि वह सत्ता पाने की जल्दी में है।
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